गुरुवार, 14 सितंबर 2023

रुद्राष्टकम

शिव उपासना “रुद्राष्टकम” का हिंदी अनुवाद। Shiv prayer rudrashtakm shlok meaning in hindi

शिव उपासना “रुद्राष्टकम” का हिंदी अनुवाद ( Shiv prayer rudrashtakm shlok meaning in hindi)

श्री रुद्राष्टकम महाकवि तुलसीदास जी ने लिखा था। रुद्राष्टक भगवान शिव की उपासना हैं जिसमे उनके रूप, सौन्दर्य, बल का भाव विभोर चित्रण किया गया हैं।रुद्राष्टक काव्य संस्कृत भाषा में लिखा गया हैं।

 

आपके लिए रुद्राष्टकम का हिंदी अनुवाद निम्न पंक्तियों में लिखा गया हैं-

Shiv Prayer Rudrashtak Shlok 1

नमामीशमीशान निर्वाणरूपं

विभुं व्यापकं ब्रह्मवेदस्वरूपम्।

निजं निर्गुणं निर्विकल्पं निरीहं

चिदाकाशमाकाशवासं भजेऽहम् ॥1

Shiv Prayer Rudrashtak  Shlok  1  Meaning In Hindi

हे भगवन ईशान को मेरा प्रणाम ऐसे भगवान जो कि निर्वाण रूप हैं जो कि महान ॐ के दाता हैं जो सम्पूर्ण ब्रह्माण में व्यापत हैं जो अपने आपको धारण किये हुए हैं जिनके सामने गुण अवगुण का कोई महत्व नहीं, जिनका कोई विकल्प नहीं, जो निष्पक्ष हैं जिनका आकर आकाश के सामान हैं जिसे मापा नहीं जा सकता उनकी मैं उपासना करता हूँ।

Shiv Prayer Rudrashtak Shlok 2

निराकारमोङ्करमूलं तुरीयं

गिराज्ञानगोतीतमीशं गिरीशम्।

करालं महाकालकालं कृपालं

गुणागारसंसारपारं नतोऽहम् ॥२॥

Shiv Prayer Rudrashtak Shlok 2 Meaning In Hindi

जिनका कोई आकार नहीं, जो ॐ के मूल हैं, जिनका कोई राज्य नहीं, जो गिरी के वासी हैं, जो कि सभी ज्ञान, शब्द से परे हैं, जो कि कैलाश के स्वामी हैं, जिनका रूप भयावह हैं, जो कि काल के स्वामी हैं, जो उदार एवम् दयालु हैं, जो गुणों का खजाना हैं, जो पुरे संसार के परे हैं उनके सामने मैं नत मस्तक हूँ।

Shiv Prayer Rudrashtak Shlok 3

तुषाराद्रिसंकाशगौरं गभिरं

मनोभूतकोटिप्रभाश्री शरीरम्।

स्फुरन्मौलिकल्लोलिनी चारुगङ्गा

लसद्भालबालेन्दु कण्ठे भुजङ्गा ॥३॥

Shiv Prayer Rudrashtak Shlok 3 Meaning In Hindi

जो कि बर्फ के समान शील हैं, जिनका मुख सुंदर हैं, जो गौर रंग के हैं जो गहन चिंतन में हैं, जो सभी प्राणियों के मन में हैं, जिनका वैभव अपार हैं, जिनकी देह सुंदर हैं, जिनके मस्तक पर तेज हैं जिनकी जटाओ में लहलहारती गंगा हैं, जिनके चमकते हुए मस्तक पर चाँद हैं और जिनके कंठ पर सर्प का वास हैं।

Shiv Prayer Rudrashtak Shlok 4

चलत्कुण्डलं भ्रूसुनेत्रं विशालं

प्रसन्नाननं नीलकण्ठं दयालम्।

मृगाधीशचर्माम्बरं मुण्डमालं

प्रियं शङ्करं सर्वनाथं भजामि ॥४॥

Shiv Prayer Rudrashtak Shlok 4 Meaning In Hindi

जिनके कानों में बालियाँ हैं, जिनकी सुन्दर भोहे और बड़ी-बड़ी आँखे हैं जिनके चेहरे पर सुख का भाव हैं जिनके कंठ में विष का वास हैं जो दयालु हैं, जिनके वस्त्र शेर की खाल हैं, जिनके गले में मुंड की माला हैं ऐसे प्रिय शंकर पुरे संसार के नाथ हैं उनको मैं पूजता हूँ।

Shiv Prayer Rudrashtak Shlok 5

प्रचण्डं प्रकृष्टं प्रगल्भं परेशं

अखण्डं अजं भानुकोटिप्रकाशं।

त्र्यःशूलनिर्मूलनं शूलपाणिं

भजेऽहं भवानीपतिं भावगम्यम् ॥५॥

Shiv Prayer Rudrashtak Shlok 5 Meaning In Hindi

जो भयंकर हैं, जो परिपक्व साहसी हैं, जो श्रेष्ठ हैं अखंड है जो अजन्मे हैं जो सहस्त्र सूर्य के सामान प्रकाशवान हैं जिनके पास त्रिशूल हैं जिनका कोई मूल नहीं हैं जिनमे किसी भी मूल का नाश करने की शक्ति हैं ऐसे त्रिशूल धारी माँ भगवती के पति जो प्रेम से जीते जा सकते हैं उन्हें मैं वन्दन करता हूँ।

Shiv Prayer Rudrashtak Shlok 6

कलातीतकल्याण कल्पान्तकारी

सदा सज्जनानन्ददाता पुरारी।

चिदानन्दसंदोह मोहापहारी

प्रसीद प्रसीद प्रभो मन्मथारी ॥६॥

Shiv Prayer Rudrashtak Shlok 6 Meaning In Hindi

जो काल के बंधे नहीं हैं, जो कल्याणकारी हैं, जो विनाशक भी हैं,जो हमेशा आशीर्वाद देते है और धर्म का साथ देते हैं , जो अधर्मी का नाश करते हैं, जो चित्त का आनंद हैं, जो जूनून हैं जो मुझसे खुश रहे ऐसे भगवान जो कामदेव नाशी हैं उन्हें मेरा प्रणाम।

Shiv Prayer Rudrashtak Shlok 7

न यावद् उमानाथपादारविन्दं

भजन्तीह लोके परे वा नराणाम्।

न तावत्सुखं शान्ति सन्तापनाशं

प्रसीद प्रभो सर्वभूताधिवासं ॥७॥

Shiv Prayer Rudrashtak Shlok 7 Meaning In Hindi

जो यथावत नहीं हैं, ऐसे उमा पति के चरणों में कमल वन्दन करता हैं, ऐसे भगवान को पूरे लोक के नर नारी  पूजते  हैं, जो सुख हैं, शांति हैं, जो सारे दुखो का नाश करते हैं, जो सभी जीवों में वास करते हैं।

Shiv Prayer Rudrashtak Shlok 8

न जानामि योगं जपं नैव पूजां

नतोऽहं सदा सर्वदा शम्भुतुभ्यम्।

जराजन्मदुःखौघ तातप्यमानं

प्रभो पाहि आपन्नमामीश शंभो ॥८॥

Shiv Prayer Rudrashtak Shlok 8 Meaning In Hindi

मैं कुछ नहीं जानता, ना  योग , ना ध्यान हैं देव के सामने मेरा मस्तक झुकता हैं, सभी संसारिक कष्टों, दुःख दर्द से मेरी रक्षा करे. मेरी बुढ़ापे के कष्टों से से रक्षा करें। मैं सदा ऐसे शिव शम्भु को प्रणाम करता हूँ।

Shiv Prayer Rudrashtak Shlok 9

रुद्राष्टकमिदं प्रोक्तं विप्रेण हरतोषये

ये पठन्ति नरा भक्त्या तेषां शम्भुः प्रसीदति ॥९॥

Shiv Prayer Rudrashtak Shlok 9 Meaning In Hindi

इस रुद्राष्टक को जो सच्चे भाव से पढ़ता हैं शम्भुनाथ उसकी सुनते हैं और आशीर्वाद देते है।

इति श्रीगोस्वामितुलसीदासकृतं श्रीरुद्राष्टकं सम्पूर्णम्।

महाकवि तुलसीदास जी का रुद्राष्टक समाप्त होता हैं।

संकष्टनाशनं गणेशस्तोत्रं

 

पौराणिक शास्त्रों के अनुसार भगवान श्री गणेश का नाम स्मरण करने मात्र से ही किसी भी काम की सफलता तय है। श्री गणेश को विघ्नहर्ता माना गया है। अत: अपने हर कष्‍ट से मुक्ति पाने तथा अमीर बनने की चाह रखने वाले मनुष्य को संकटों का नाश करने तथा अपार धन की प्राप्ति हेतु श्री गणेश के चित्र अथवा मूर्ति के आगे 'संकटनाशन गणेश स्तोत्र' का पाठ 11 बार अवश्‍य करना चाहिए। 

 

यहां पाठकों के लिए प्रस्तुत है श्री गणेश का लोकप्रिय संकटनाशन स्तोत्र : 

 

प्रणम्यं शिरसा देव गौरीपुत्रं विनायकम।

भक्तावासं: स्मरैनित्यंमायु:कामार्थसिद्धये।।1।।

प्रथमं वक्रतुंडंच एकदंतं द्वितीयकम।

तृतीयं कृष्णं पिङा्क्षं गजवक्त्रं चतुर्थकम।।2।।

 

लम्बोदरं पंचमं च षष्ठं विकटमेव च।

सप्तमं विघ्नराजेन्द्रं धूम्रवर्ण तथाष्टकम् ।।3।।

 

नवमं भालचन्द्रं च दशमं तु विनायकम।

एकादशं गणपतिं द्वादशं तु गजाननम।।4।।

 

द्वादशैतानि नामानि त्रिसंध्य य: पठेन्नर:।

न च विघ्नभयं तस्य सर्वासिद्धिकरं प्रभो।।5।।

 

 

विद्यार्थी लभते विद्यां धनार्थी लभते धनम्।

पुत्रार्थी लभते पुत्रान् मोक्षार्थी लभते गतिम् ।।6।।

 

जपेद्वगणपतिस्तोत्रं षड्भिर्मासै: फलं लभेत्।

संवत्सरेण सिद्धिं च लभते नात्र संशय: ।।7।।

 

अष्टभ्यो ब्राह्मणेभ्यश्च लिखित्वां य: समर्पयेत।

तस्य विद्या भवेत्सर्वा गणेशस्य प्रसादत:।।8।।

 

॥ इति श्रीनारदपुराणे संकष्टनाशनं गणेशस्तोत्रं सम्पूर्णम्‌ ॥

 

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