गुरुवार, 14 सितंबर 2023

संकष्टनाशनं गणेशस्तोत्रं

 

पौराणिक शास्त्रों के अनुसार भगवान श्री गणेश का नाम स्मरण करने मात्र से ही किसी भी काम की सफलता तय है। श्री गणेश को विघ्नहर्ता माना गया है। अत: अपने हर कष्‍ट से मुक्ति पाने तथा अमीर बनने की चाह रखने वाले मनुष्य को संकटों का नाश करने तथा अपार धन की प्राप्ति हेतु श्री गणेश के चित्र अथवा मूर्ति के आगे 'संकटनाशन गणेश स्तोत्र' का पाठ 11 बार अवश्‍य करना चाहिए। 

 

यहां पाठकों के लिए प्रस्तुत है श्री गणेश का लोकप्रिय संकटनाशन स्तोत्र : 

 

प्रणम्यं शिरसा देव गौरीपुत्रं विनायकम।

भक्तावासं: स्मरैनित्यंमायु:कामार्थसिद्धये।।1।।

प्रथमं वक्रतुंडंच एकदंतं द्वितीयकम।

तृतीयं कृष्णं पिङा्क्षं गजवक्त्रं चतुर्थकम।।2।।

 

लम्बोदरं पंचमं च षष्ठं विकटमेव च।

सप्तमं विघ्नराजेन्द्रं धूम्रवर्ण तथाष्टकम् ।।3।।

 

नवमं भालचन्द्रं च दशमं तु विनायकम।

एकादशं गणपतिं द्वादशं तु गजाननम।।4।।

 

द्वादशैतानि नामानि त्रिसंध्य य: पठेन्नर:।

न च विघ्नभयं तस्य सर्वासिद्धिकरं प्रभो।।5।।

 

 

विद्यार्थी लभते विद्यां धनार्थी लभते धनम्।

पुत्रार्थी लभते पुत्रान् मोक्षार्थी लभते गतिम् ।।6।।

 

जपेद्वगणपतिस्तोत्रं षड्भिर्मासै: फलं लभेत्।

संवत्सरेण सिद्धिं च लभते नात्र संशय: ।।7।।

 

अष्टभ्यो ब्राह्मणेभ्यश्च लिखित्वां य: समर्पयेत।

तस्य विद्या भवेत्सर्वा गणेशस्य प्रसादत:।।8।।

 

॥ इति श्रीनारदपुराणे संकष्टनाशनं गणेशस्तोत्रं सम्पूर्णम्‌ ॥

 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

NCERT Class 8th Hindi Chapter 9 आदमी का अनुपात Question Answer

NCERT Class 8th Hindi Chapter 9 आदमी का अनुपात Question Answer आदमी का अनुपात Class 8 Question Answer कक्षा 8 हिंदी पाठ 9 प्रश्न उत्तर – Cla...