रविवार, 9 नवंबर 2025

NCERT Class 7th Hindi Chapter 6 गिरिधर कविराय की कुंडलिया Question Answer

 

NCERT Class 7th Hindi Chapter 6 गिरिधर कविराय की कुंडलिया Question Answer

गिरिधर कविराय की कुंडलिया Class 7 Question Answer

कक्षा 7 हिंदी पाठ 6 प्रश्न उत्तर – Class 7 Hindi गिरिधर कविराय की कुंडलिया Question Answer

पाठ से

मेरी समझ से

(क) पाठ के आधार पर नीचे दिए गए प्रश्नों का सही उत्तर कौन-सा है ? उसके सामने तारा ( ) बनाइए। कुछ प्रश्नों के एक से अधिक उत्तर भी हो सकते हैं।

प्रश्न 1.
बिना बिचारे” काम करने के क्या परिणाम होते हैं?

  • दूसरों से प्रशंसा मिलती है।
  • मन में शांति बनी रहती है।
  • अपना काम बिगड़ जाता है।
  • खान-पान सम्मान मिलता है।

उत्तर:

  • अपना काम बिगड़ जाता है।

प्रश्न 2.
चित्त में चैन” न पा सकने का मुख्य कारण क्या है?

  • प्रयास करने पर भी टाला न जा सकने वाला दुख
  • बिना सोचे-समझे किए गए कार्य की असफलता
  • खान-पान, सम्मान और राग-रंग का अभाव
  • दुनिया द्वारा की जाने वाली निंदा और उपहास

उत्तर:

  • बिना सोचे-समझे किए गए कार्य की असफलता (*) दुनिया द्वारा की जाने वाली निंदा और उपहास (*)

 

प्रश्न 3.
बीती ताहि बिसारि दे आगे की सुधि लेइ” पंक्ति द्वारा कौन-सी सलाह दी गई है ?

  • भविष्य की सफलता के लिए अतीत की गलतियों से सीखने की
  • अतीत की असफलताओं को भूलकर भविष्य पर ध्यान देने की
  • अतीत और भविष्य दोनों घटनाओं को समान रूप से याद रखने की
  • अतीत और भविष्य दोनों को भूलकर केवल वर्तमान में जीने की

उत्तर:

  • अतीत की असफलताओं को भूलकर भविष्य पर ध्यान देने की

 

प्रश्न 4.
जो बनि आवै सहज में ताही में चित देइ” पंक्ति का क्या अर्थ है ?

  • हमें कठिनाइयों और चुनौतियों से बचना चाहिए।
  • हमें आराम की तलाश करने में मन लगाना चाहिए।
  • हमें असंभव और कठिन कार्यों पर ध्यान देना चाहिए।
  • हमें सहज जीवन पर ध्यान देना चाहिए।

उत्तर:

  • हमें सहज जीवन पर ध्यान देना चाहिए।

(ख) हो सकता है कि आपके समूह के साथियों ने अलग- अलग उत्तर चुने हों। अपने मित्रों के साथ चर्चा कीजिए कि आपने ये उत्तर ही क्यों चुने?
उत्तर:
(1)
मेरे अनुसार इस प्रश्न का सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर तीसरा विकल्प है क्योंकि बिना विचार किए काम करने पर हमारा ही काम बिगड़ता है। मेरी दृष्टि में अन्य विकल्प इसके लिए उपयुक्त नहीं हैं क्योंकि बिना विचार किए काम करने से हमें न तो किसी से प्रशंसा मिलती है; न ही किसी से सम्मान प्राप्त होता है। इसके विपरीत मन अशांत रहता है।

(2) मैंने इस प्रश्न के दो विकल्पों का चयन किया है क्योंकि मुझे लगता है कि जब भी हम किसी कार्य को बिना सोचे-समझे करते हैं तो हमें उस कार्य में असफलता झेलनी पड़ती है और हमारा मन उस कार्य के परिणामों को लेकर अशांत हो जाता है। अंततः लोग भी हमारी निंदा करते है और हँसी उड़ाते हैं ।

(3) मेरे द्वारा इस प्रश्न का दूसरा विकल्प चुने जाने का कारण था कि जब तक हम अतीत की बातों, घटनाओं या असफलताओं में उलझे रहेंगे, तब तक हम आगे नहीं बढ़ पाएँगे क्योंकि पुरानी घटनाएँ, बातें आदि हमें भीतर से कचोटती रहेंगी। इसलिए हमें अतीत की असफलताओं को भुलाकर, वर्तमान पर ध्यान देना चाहिए ताकि हम भविष्य को बेहतर बना सकें। इसे इस उदाहरण से समझा जा सकता है। यदि कोई बच्चा परीक्षा में अनुत्तीर्ण हो जाता है और वह बार-बार इसी बारे में सोचता रहे, तो वह अपनी आगामी परीक्षा में अच्छा नहीं कर पाएगा। लेकिन यदि वह पुरानी बातें भुलाकर अपनी तैयारी करे तो संभव है कि वह अच्छे अंकों से उत्तीर्ण हो जाए।

(4) हमें सहज रूप से अपने जीवन को जीना चाहिए क्योंकि यही हमारे जीवन का मूल है। हर्ष – विषाद जैसी परिस्थितियों को हमें सहजता से स्वीकार करते हुए आगे बढ़ना चाहिए। इसलिए मैंने इस विकल्प का चयन किया।

(विद्यार्थी अपने मित्रों के साथ चर्चा करके बताएँगे कि उनके द्वारा विकल्प चुनने के क्या कारण हैं ।)

 

पंक्तियों पर चर्चा

पाठ में से चुनकर कुछ पंक्तियाँ नीचे दी गई हैं। इन्हें ध्यान से पढ़िए और इन पर विचार कीजिए। आपको इनका क्या अर्थ समझ में आया? अपने विचार अपने समूह में साझा कीजिए और लिखिए-

(क) “ बिना बिचारे जो करै सो पाछे पछिताय ।
काम बिगारे आपनो जग में होत हँसाय।।”
उत्तर:
जो व्यक्ति बिना सोचे-समझे कोई काम करता है, उसे बाद में पछताना पड़ता है। ऐसा व्यक्ति न केवल अपना काम बिगाड़ लेता है, बल्कि समाज के लोगों द्वारा उसका उपहास भी किया जाता है। अर्थात जब हम किसी काम को जल्दबाज़ी में, बिना सोच-विचार के करते हैं, तो उसका परिणाम अकसर नकारात्मक ही होता है। ऐसे में हमारे द्वारा किया गया काम तो बिगड़ता ही है, साथ ही समाज में बनी हमारी छवि भी खराब होती है। उदाहरण के तौर पर, जब कोई छात्र बिना सोच-विचार के परीक्षा में नकल करता है और वह पकड़ा जाता है तो उसकी बदनामी तो होती ही है, साथ में उसे परीक्षा से बाहर भी कर दिया जाता है और बाद में वह खुद पछताता है कि उसने ऐसा क्यों किया।

 

(ख) “बीती ताहि बिसारि दे आगे की सुधि लेइ ।
जो बनि आवै सहज में ताही में चित देइ ।। ”
उत्तर:
जीवन में व्यर्थ की चिंता और पछतावे से कोई लाभ नहीं होता। बीते समय को याद कर दुखी होने से बेहतर है कि हम अपने वर्तमान को सँवारने हेतु प्रयासरत रहें । अतीत को याद करके दुखी होना हमारी ऊर्जा और समय की बर्बादी है। जो कार्य सहजता से हो जाएँ, उन में ही मन लगाना चाहिए, जबरदस्ती और हठ से जीवन में उलझनें ही बढ़ती हैं; जैसे- एक क्रिकेट खिलाड़ी ने पिछला मैच बहुत खराब खेला और उसकी वजह से टीम हार गई। अगर वह खिलाड़ी अगले मैच में भी उसी हार के बारे में सोचता रहेगा, तो वह पुनः आशाजनक प्रदर्शन नहीं कर पाएगा।

 

मिलकर करें मिलान

नीचे स्तंभ – 1 में कुछ पंक्तियाँ दी गई हैं, उनसे संबंधित अर्थ वाली स्तंभ- 2 की पंक्तियों से उनका मिलान कीजिए-
Class 7 Hindi Chapter 6 Question Answer गिरिधर कविराय की कुंडलिया 4
उत्तर:
1. – 2
2. – 1
3. – 4
4. – 3

 

सोच-विचार के लिए

पाठ को एक बार पुनः पढ़िए, पता लगाइए और लिखिए-

(क) “ बिना बिचारे जो करै सो पाछे पछिताय । ”
कविता में बिना विचार किए कार्य करने के क्या नुकसान बताए गए हैं?
उत्तर:
कविता में बिना विचार किए कार्य करने के निम्नलिखित नुकसान बताए गए हैं-

1.  व्यक्ति अपना काम बिगाड़ लेता है।

2.  अपमान और हँसी का पात्र बनता है।

3.  सामाजिक प्रतिष्ठा को ठेस पहुँचती है, इसके कारण उसका मन अशांत हो जाता है।

4.  जीवन की सामान्य सुख-सुविधाओं से भी उसकी अरुचि हो जाती है। उसे खाना-पीना अच्छा नहीं लगता, आनंद की चीज़े भी नहीं भातीं।

 

(ख) “बिना बिचारे जो करै सो पाछे पछिताय।”
कुंडलिया में जो बातें सैंकड़ों साल पहले कही गई थीं, क्या वे आपके लिए भी उपयोगी हैं? कैसे? उदाहरण देकर समझाइए |
उत्तर:
जी हाँ, इस कुंडलिया में जो बात सैंकड़ों साल पहले कही गई थीं, वे हमारे लिए आज भी महत्वपूर्ण और उपयोगी हैं। हम बच्चे प्रायः भावनाओं में बहकर, जल्दबाजी में या दूसरों की नकल करके कोई ऐसा कार्य कर देते हैं जिसके कारण हमें बाद में पछताना पड़ता है। ऐसे में यह पंक्ति हमें यह सिखाती है कि हमें हर काम सोच-समझकर करना चाहिए ।

एक दिन मैंने अपना गृहकार्य अपने मित्र की कॉपी से देखकर पूरा किया। अध्यापिका जी को जब यह बात पता चली तो उन्होंने सभी विद्यार्थियों के सामने मुझे डाँटकर समझाया कि ऐसा करके हम आगे नहीं बढ़ सकते। कक्षा के अन्य विद्यार्थियों के सामने मुझे इसके कारण शर्मिंदगी झेलनी पड़ी। मुझे लगा कि काश ! मैंने यह न किया होता ।

 

(ग) “खान पान सन्मान राग रंग मनहिं  भावै ॥ ”
इस पंक्ति में रेखांकित शब्दों के अर्थ शब्दकोश से देखकर लिखिए। प्रत्येक के लिए एक-एक उदाहरण भी दीजिए।
उत्तर:

  • सन्मान – आदर-सम्मान, प्रतिष्ठा
    हमें अपने बड़ों का सन्मान करना चाहिए।
  • मनहिं- ‘मन + ही’ का अपभ्रंश रूप है।
    तरुण बहुत दुबला-पतला है क्योंकि उसे पौष्टिक आहार मनहिं नहीं भाता ।
  • भावै – अच्छा या रुचिकार लगना
    जिसके जैसे विचार, उसे वैसे ही लोग भावै ।

 

अनुमान और कल्पना से

अपने समूह में मिलकर चर्चा कीजिए-

(क) आपने पढ़ा है कि “बिना बिचारे जो करै सो पाछे पछिताय…।” कल्पना कीजिए कि आपके एक मित्र ने बिना सोचे-समझे एक बड़ा निर्णय लिया है। वह निर्णय क्या था और उसका क्या प्रभाव पड़ा? इसके बारे में एक रोचक कहानी अपने साथियों के साथ मिलकर बनाइए और कक्षा में प्रस्तुत कीजिए ।
उत्तर:
मेरे मित्र ने बिना सोचे-समझे एक दिन यह निर्णय लिया कि वह इस बार होने वाली परीक्षा में प्रत्येक पेपर से दो-तीन दिन पहले तैयारी करके ही परीक्षा देने जाएगा । उसे यह आशा थी कि उसके लिए पेपर हर बार की तरह ही आसान होगा, इसलिए उसने परीक्षा की तैयारी समुचित तरीके से नहीं की।

जब परीक्षा हुई तो पेपर में कई ऐसे सवाल आए जिनकी तैयारी उसने ठीक से नहीं की थी। नतीजा यह हुआ कि उसके कम अंक आए और उसका आत्मविश्वास भी डगमगा गया।

 

विद्यार्थी अपने साथियों के साथ मिलकर इस तरह की किसी भी कहानी की कल्पना करें और उसकी प्रस्तुति कक्षा में दें।

 

(ख) कल्पना कीजिए कि “बीती ताहि बिसारि दे आगे की सुधि लेइ… ।” कविता निम्नलिखित के लिए लिखी गई है-

  • आप
  • आपका कोई सहपाठी
  • आपका कोई परिजन
  • आपके कोई शिक्षक
  • कोई पक्षी
  • कोई पशु

इनकी कौन-कौन सी समस्याएँ होंगी ? यह कविता उन्हें कैसे प्रेरित करेगी?

उत्तर:
मान लीजिए कि कविता आपके लिए लिखी गई है। एक सातवीं कक्षा के विद्यार्थी के तौर पर आपकी एक समस्या हो सकती है – हर महीने होने वाली कक्षा परीक्षा से पहले बेचैनी होना। इस कारण रात को ठीक से सो न पाना । यह कविता हमें इस तरह प्रेरित कर सकती है-

  • जो भी कक्षा परीक्षाएँ पूर्व में हो चुकी हैं, उन्हें भूलकर, नए जोश से आगे बढ़ें।
  • पूर्व परीक्षाओं में किसी पेपर में आए खराब अंक को बिलकुल भूल जाएँ।
  • कक्षा – परीक्षा से एक दिन पूर्व 10 मिनट ध्यान करें ताकि मन को शांत किया जा सके। शांत चित्त से अच्छी नींद आएगी और दिमाग भी तरोताजा रहेगा। सुबह जल्दी उठकर संक्षिप्त अभ्यास किया जा सकता है।

 

(ग) कल्पना कीजिए कि आप एक ऐसे व्यक्ति से मिले हैं, जो हमेशा बीती बातों में खोया रहता है। आप उसे समझाने के लिए क्या-क्या कहेंगे?
उत्तर:
जब मैं ऐसे व्यक्ति से मिलूँगा तो मैं उन्हें समझाऊँगा कि आपके भीतर अपनी चुनौतियों से लड़ने की, अपने मन को हलका करने की और वर्तमान को अपनी मेहनत और विश्वास से सँवारने की पूरी शक्ति है। अतः आप बीती बातों को भूलकर अपने वर्तमान को अच्छा बनाने का प्रयास करें।

इसके लिए आप प्रतिदिन दो से तीन बार ध्यान की मुद्रा में रह सकते हैं क्योंकि यह तनाव को कम करके मन को शांति प्रदान करता है। जब- जब आप बीती बातों को सोचने लगें और इससे आपकी मनोदशा पर असर पड़ रहा हो तो किसी रचनात्मक कार्य में लग जाए या अपने किसी विश्वस्त मित्र के साथ सहज संवाद करके मन को हलका करें।

 

शब्द से जुड़े शब्द

नीचे दिए गए रिक्त स्थानों में ‘चित्त’ या ‘मन’ से जुड़े शब्द कुंडलियों में से चुनकर लिखिए-
उत्तर:
Class 7 Hindi Chapter 6 Question Answer गिरिधर कविराय की कुंडलिया 8
(
विद्यार्थी समूह में चर्चा कर अन्य शब्द भी लिख सकते हैं।)

कविता की रचना

बिना बिचारे जो करै सो पाछे पछिताय ।
काम बिगारे आपनो जग में होत हँसाय।। ”
बीती ताहि बिसारि दे आगे की सुधि लेइ ।
जो बनि आवै सहज में ताही में चित देइ ||

इन पंक्तियों को लय के साथ बोलकर देखिए। इन्हें बोलने में बराबर समय लगा या अलग? आपने ध्यान दिया होगा कि इन पंक्तियों को बोलने में बराबर समय लगता है। इस कारण इन कुंडलियों की सुंदरता बढ़ गई है।

 

आप ध्यान देंगे तो इन कुंडलियों में आपको ऐसी अनेक विशेषताएँ दिखाई देंगी। जैसे प्रत्येक कुंडलिया का पहला या दूसरा शब्द उसका अंतिम शब्द भी है। दो-दो पंक्तियों में बातें कही गई हैं। कुंडलिया पढ़ते हुए ऐसा लगता है मानो कोई हमसे संवाद या बातचीत कर रहा है आदि। कुछ विशेषताएँ आपको दोनों कुंडलियों में दिखाई देंगी, कुछ विशेषताएँ दोनों में से किसी एक में दिखाई देंगी।

(क) अब आप पाठ में दी गई दोनों कुंडलियों को ध्यान से देखिए और अपने – अपने समूह में मिलकर इनकी विशेषताओं की सूची बनाइए। अपने समूह की सूची को कक्षा में सबके साथ साझा कीजिए ।

उत्तर:

जो विशेषताएँ दोनों कुंडलियों में हैं

जो विशेषताएँ किसी एक कुंडलिया में हैं

1. मानव व्यवहार पर शिक्षा

पहली कुंडलिया –
कार्य करने से पहले सोचने की ज़रूरत ।
गलती हो चुकी है और अब दुख है।

2. संदेश और उपदेशपरक भाव

अतीत को छोड़कर भविष्य पर ध्यान देना।

(ख) नीचे एक स्तंभ में कविता की पंक्तियों की कुछ विशेषताएँ दी गई हैं और उनसे संबंधित पंक्तियाँ दूसरे स्तंभ में दी गई हैं। कविता की विशेषताओं का सही पंक्तियों से मिलान कीजिए-
Class 7 Hindi Chapter 6 Question Answer गिरिधर कविराय की कुंडलिया 10
उत्तर:
(
संकेत- आप कविता की पंक्तियों में कुछ और विशेषताएँ भी खोज सकते हैं।)
उत्तर:
1. – 2
2. – 1
3. – 4
4. – 3

काल से जुड़े शब्द

बीती ताहि बिसारि दे आगे की सुधि लेइ ।”

इस वाक्य में ‘बीती’ शब्द अतीत यानी ‘भूतकाल’ के कार्यों को व्यक्त कर रहा है और ‘आगे’ शब्द ‘भविष्य’ के कार्यों को व्यक्त कर रहा है। इसी प्रकार ‘वर्तमान’ समय में होने वाले कार्यों को ‘आज’ जैसे शब्दों से व्यक्त किया जा सकता है। रोचक बात यह है कि अनेक शब्दों का प्रयोग बीते हुए समय, आने वाले समय और वर्तमान समय को बताने वाले, तीनों प्रकार के वाक्यों में किया जा सकता है।

Class 7 Hindi Chapter 6 Question Answer गिरिधर कविराय की कुंडलिया

(क) नीचे कुछ शब्द दिए गए हैं। इनका प्रयोग करते हुए तीनों प्रकार के ‘काल’ व्यक्त करने वाले तीन-तीन वाक्य बनाइए-
Class 7 Hindi Chapter 6 Question Answer गिरिधर कविराय की कुंडलिया 11
उत्तर:
भूतकाल –

  • कल हम पिकनिक पर गए थे।
  • परसों हमने एक फ़िल्म देखी थी।
  • पिछला सप्ताह बहुत व्यस्त रहा।

वर्तमान काल-

  • मैं अभी-अभी विद्यालय से आया हूँ।
  • प्रतीक हमेशा समय पर आता है।
  • आजकल मौसम सुहावना हो रहा है।

भविष्य काल –

  • परसों हमारे घर कुछ मेहमान आएँगे ।
  • आगामी सप्ताह में हमारी परीक्षाएँ होंगी।
  • मैं जल्दी ही तुम्हारे घर आऊँगा ।

(ख) आपने जो वाक्य बनाए हैं, उन्हें ध्यान से देखिए । पहचानिए कि इन वाक्यों में किन शब्दों से पता चल रहा है कि वाक्य में कार्य भूतकाल में हुआ, वर्तमान काल में हुआ है या भविष्य काल में होगा? वाक्यों में उन शब्दों को रेखांकित कीजिए ।
उत्तर:
भूतकाल –

  • कल हम पिकनिक पर गए थे।
  • परसों हमने एक फ़िल्म देखी थी।
  • पिछला सप्ताह बहुत व्यस्त रहा

वर्तमान काल-

  • मैं अभी-अभी विद्यालय से आया हूँ।
  • प्रतीक हमेशा समय पर आता है।
  • आजकल मौसम सुहावना हो रहा है।

भविष्य काल –

  • परसों हमारे घर कुछ मेहमान आएँगे 
  • आगामी सप्ताह में हमारी परीक्षाएँ होंगी।
  • मैं जल्दी ही तुम्हारे घर आऊँगा ।

पाठ से आगे

आपकी बात

(क) “खटकत है जिय माहिं कियो जो बिना बिचारे ॥” का अर्थ है ‘बिना सोचे किए गए कार्य मन में चुभते रहते हैं।’ क्या आपने कभी ऐसा अनुभव किया है? उस घटना को साझा कीजिए ।
उत्तर:
एक बार मैं अपने एक दोस्त से नाराज़ हो गया और गुस्से में आकर उसे कुछ कठोर शब्द कह दिए। तब मेरे मन में कोई विचार नहीं था, बस आवेश में प्रतिक्रिया दे दी। लेकिन जैसे ही बात खत्म हुई, मेरे मन में एक अजीब-सी कसक थी कि काश ! मैं ऐसा न कहता। उसकी तो मेरे प्रति कोई बुरी मंशा नहीं थी । उत्तेजना में अपने दोस्त के लिए कहे गए कठोर शब्द मेरे मन में खटकते रहते हैं।
तब यह पंक्ति सच्ची लगती है-
खटकत है जिय माहिं कियो जो बिना बिचारे ।। ”

(ख) “बीती ताहि बिसारि दे आगे की सुधि लेइ । ” का अर्थ है ‘अतीत को भूलना और भविष्य पर ध्यान देना चाहिए।’ क्या आप इस बात से सहमत हैं? क्यों ? उदाहरण देकर समझाइए |
उत्तर:
हाँ, मैं इस बात से सहमत हूँ कि अतीत को भूलना और भविष्य पर ध्यान देना चाहिए क्योंकि जब तक हम बीती बातों से बाहर नहीं निकलेंगे, तब तक हम अपने भीतर न तो सुधार कर पाएँगे, न ही आगे बढ़ पाएँगे। इस बात को इस उदाहरण से समझा जा सकता है-

 

एक दुकानदार ने अपने व्यापार में कुछ गलत निवेश कर दिया और उसे नुकसान हो गया। अब अगर वह हर समय यही सोचता रहे, कि “मैंने ऐसा क्यों किया? अब क्या होगा?” तो वह चिंता में अपना और भी नुकसान कर लेगा तथा उसका व्यापार डूब जाएगा ।

इसके विपरीत यदि वह इस घटना से सीख लेकर नई रणनीति बनाए, नए तरीके से सोचे, तो वह अपने व्यापार को फिर से खड़ा कर सकता है।

 

(ग) पाठ में दी गई दोनों कुंडलियों के आधार पर आप अपने जीवन में कौन-कौन से बदलाव लाना चाहेंगे?
उत्तर:
इन कुंडलियों के आधार पर मैं अपने जीवन में निम्नलिखित बदलाव लाना चाहूँगा/चाहूँगी-

  • हर काम सोच-समझकर करना-

1.  कोई भी निर्णय जल्दबाजी में न लेना ।

2.  बोलने से पहले सोचना ताकि किसी को ठेस न पहुँचे।

  • पुरानी गलतियों में न उलझना-

1.  जो बीत गया, उस पर दुखी न होकर उससे सीख लेना।

2.  आत्मग्लानि छोड़कर, भविष्य सुधारने में लगना तथा बीती बातों को बार-बार मन में न दोहराना ।

  • सहजता को अपनाना-

1.  जो जीवन में सरलता से उपलब्ध हो, उसी में संतोष पाना।

2.  कृत्रिम या बनावटी जीवन की बजाय स्वाभाविक जीवन जीना ।

3.  अपनी क्षमता के अनुसार प्रयास करना और ईश्वर पर विश्वास रखना।

  • जीवन को सकारात्मक और आशावादी दृष्टिकोण से देखना-

1.  हर दिन को नया अवसर मानकर जीना ।

2.  बीती बातों से डरकर नहीं बल्कि निडर होकर आगे बढ़ना।

 

(घ) “खान पान सन्मान राग रंग मनहिं न भावै।। ”
इस पंक्ति में खान-पान, सम्मान और राग-रंग अच्छा न लगने की बात की गई है। आप इसमें से किसे सबसे आवश्यक मानते हैं? अपने उत्तर के कारण भी बताइए ।
उत्तर:
खान पान सन्मान राग रंग मनहिं न भावै ॥
का भाव यह है कि जब मन में पछतावा, चिंता या दुख होता है, तो व्यक्ति को न भोजन अच्छा लगता है, न सम्मान और न ही किसी प्रकार का कोई आनंद।

मैं मानता हूँ कि ‘सन्मान’ (सम्मान) इन सबमें अति आवश्यक है। इसके कारण निम्नलिखित है-

1.  सम्मान आत्मसम्मान से जुड़ा है- सम्मान केवल दूसरों से मिलने वाला आदर नहीं, बल्कि अपने आत्मसम्मान से भी जुड़ा होता है।
यदि व्यक्ति को समाज में या अपने मन में खुद के प्रति सम्मान न हो, तो वह किसी भी सुख का आनंद नहीं ले सकता।

2.  सम्मान मिलने से आत्मविश्वास बढ़ता है- सम्मान हमें यह एहसास कराता है कि हम मूल्यवान हैं और इससे हमारी सोच सकारात्मक बनती है। जब सम्मान मिलता है, तब खान-पान और राग-रंग भी आनंददायक लगते हैं।

3.  सम्मान खोने पर बाकी चीजें फीकी लगती हैं- यदि किसी व्यक्ति को लोग तिरस्कार की दृष्टि से देखें या उसकी इज्जत न हो, तो चाहे उसके पास स्वादिष्ट भोजन हो या सुख-सुविधाएँ, उसका मन दुखी ही रहेगा।

 

हँसी

जग में होत हँसाय ”

(क) कभी-कभी लोग दूसरों की गलतियों पर ही नहीं, उनके किसी भी कार्य पर हँस देते हैं। अपने समूह के साथ मिलकर ऐसी कुछ स्थितियों की सूची बनाइए, जब किसी को आप पर या आपको किसी पर हँसी आई हो ।
उत्तर:
ऐसी स्थितियाँ जब लोग मुझ पर हँसे –

1.  मेरे द्वारा गलत शब्द का उच्चारण करने पर ; जैसे- ‘संदेश’ शब्द को ‘शंदेस’ कहना ।

2.  किसी प्रश्न का गलत उत्तर देने पर ।

3.  स्पोर्ट्स डे’ पर रेस लगाने के दौरान गिरने पर ।

4.  मैं बैठने ही वाला था कि कुरसी मेरे पैर से लगकर खिसक गई और मैं गिर गया।

ऐसी स्थितियाँ जब मुझे किसी पर हँसी आई-

1.  किसी ने ‘पढ़ाई’ को ‘ पड़ाई’ कह दिया था।

2.  स्पीच देते समय जब एक विद्यार्थी घबरा गया था।

3.  जब एक दोस्त स्कूल में लेट आने पर लड़कियों की लाइन में लग गया।

 

(ख) ऐसी दोनों स्थितियों में आपको कैसा लगता है और दूसरों को कैसा लगता होगा ?
उत्तर:
जब लोग मुझ पर हँसते हैं तो मैं थोड़ा गुस्सा होता हूँ। कभी शर्मिंदगी भी लगती है, कभी मैं झेप जाता हूँ और कभी खुद पर हँसी भी आती है।
ऐसी स्थिति में दूसरों को भी बुरा लगता होगा, वे भी शर्मिंदगी महसूस करते होंगे या झेंप जाते होंगे।

 

(ग) सोचिए कि कोई व्यक्ति आपकी किसी भूल पर हँस रहा है। ऐसे में आप क्या कहेंगे या क्या करेंगे ताकि उसे एहसास हो जाए कि इस बात पर हँसना ठीक नहीं है?
उत्तर:
मैं उस व्यक्ति से विनम्रता के साथ कहूँगा कि गलती सबसे होती है, उस पर हँसने से किसी की भावनाओं को ठेस पहुँच सकती है। अगर यही भूल आपसे होती और सब हँसते तो आपको कैसा लगता? शायद मैं अपेक्षा करूँगा कि मेरी इन बातों से उस व्यक्ति को अपनी गलती का अवश्य एहसास हुआ होगा।

 

सोच-समझकर

बिना बिचारे जो करै सो पाछे पछिताय । ”

(क) आज के समय में कुछ लोग जल्दी में कार्य कर देते हैं या जल्दी में निर्णय ले लेते हैं। कुछ ऐसी स्थितियाँ बताइए जहाँ जल्दबाजी में निर्णय लेना या कार्य करना हानिकारक हो सकता है।
उत्तर:
यहाँ कुछ ऐसी स्थितियाँ दी गई हैं, जहाँ जल्दबाजी में निर्णय लेना या कार्य करना हानिकारक हो सकता है-

1.  चिकित्सा निर्णय- जल्दबाजी में बिना डॉक्टर की सलाह के दवा लेना या इलाज शुरू कर देना गंभीर नुकसान पहुँचा सकता है। गलत दवा या समय पर इलाज न होना जानलेवा भी हो सकता है।

2.  नौकरी बदलना या करियर संबंधी निर्णय- बिना भविष्य की संभावनाओं को समझे या विकल्पों की तुलना किए नौकरी छोड़ना या नया करियर चुनना भविष्य में पछतावे का कारण बन सकता है।

3.  ड्राइविंग करते समय – जल्दबाजी में गाड़ी चलाना दुर्घटनाओं को जन्म दे सकता है। ट्रैफिक नियमों की अनदेखी करके जल्दी पहुँचने की कोशिश कई बार जानलेवा साबित होती है।

4.  परीक्षा में उत्तर लिखना – बिना प्रश्न को पूरी तरह पढ़े और समझे उत्तर लिख देना गलत उत्तर का कारण बन सकता है। परीक्षा में सफलता के लिए समझदारी ज़रूरी है।

5.  किसी पर जल्दी भरोसा करना- किसी को ठीक से जाने बिना उस पर पूरी तरह भरोसा करना धोखे का कारण बन सकता है, चाहे वह व्यक्तिगत संबंध हों या व्यावसायिक ।

(ख) मान लीजिए कि आपको या आपके किसी परिजन को नीचे दिए गए संदेश मिलते हैं। ऐसे में आप क्या करेंगे?
Class 7 Hindi Chapter 6 Question Answer गिरिधर कविराय की कुंडलिया 12

 

*राष्ट्रीय साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल – https://cybercrime.gov.in
उत्तर:
विद्यार्थी दिए गए संदेशों को पढ़ें तथा उन पर की जाने वाली प्रक्रिया को जानें एवं अपने परिजनों से साझा करें।

(ग) नीचे कुछ स्थितियाँ दी गई हैं। इन स्थितियों में बिना सोचे-समझे कार्य करने या निर्णय लेने के क्या परिणाम हो सकते हैं-

  • सोशल मीडिया पर झूठा संदेश या असत्य समाचार पर भरोसा करके उसे सबको भेज दिया।
  • जल्दबाजी में बिना हेलमेट के बाइक चलाने पर पुलिस ने चालान काट दिया।
  • बिना माता- पिता से पूछे ऑनलाइन गेम पर पैसे खर्च कर दिए।

उत्तर:
सोशल मीडिया पर झूठा संदेश या असत्य समाचार पर भरोसा करके उसे सबको भेज दिया-
बिना सोचे-समझे कार्य करने या निर्णय लेने से कई बार गंभीर परिणाम हो सकते हैं, खासकर जब बात प्रभावशाली सोशल मीडिया की हो; जैसे-

1.  गलत सूचना फैल सकती है- असत्य समाचार या अफवाह लोगों में भ्रम फैला सकता है। कई लोग उस झूठ को सच मानकर घबरा सकते हैं या गलत कदम उठा सकते हैं।

2.  किसी की प्रतिष्ठा को नुकसान हो सकता है- अगर संदेश किसी व्यक्ति या समुदाय के बारे में हो, तो उसकी छवि खराब हो सकती है। यह मानसिक आघात और सामाजिक बहिष्कार तक पहुँचा सकता है।

3.  कानूनी कार्रवाई हो सकती है – झूठी खबर फैलाना कई बार साइबर क्राइम के अंतर्गत अपराध माना जाता है। दोषी पाए जाने पर दंड या जुर्माना भी हो सकता है।

4.  विश्वास खो सकता है- जब लोग जानेंगे कि आपने बिना जाँचे संदेश भेजा, तो वे आप पर विश्वास करना बंद कर देंगे।

5.  स्वयं को भी मानसिक तनाव हो सकता है-
बाद में पछतावा होता है कि बिना सोचे-समझे ऐसी हरकत क्यों की। कई बार डर या शर्मिंदगी के कारण आत्मविश्वास भी कम हो जाता है।

(विद्यार्थी अन्य दो स्थितियों को पढ़कर, सोच-समझकर उनके परिणामों के बारे में स्वयं बताएँ।)

आज की पहेली

खान पान सन्मान
इस पंक्ति के तीनों शब्दों में केवल एक मात्रा का बार-बार उपयोग किया गया है। (आ की मात्रा)
ऐसे ही दो वाक्य नीचे दिए गए हैं जिसमें केवल एक मात्रा का उपयोग किया गया है-

नीली नदी धीमी थी।
चींटी चीनी जीम गई।

अब आप इसी प्रकार के वाक्य अलग-अलग मात्राओं के लिए बनाइए । ध्यान रहे, आपके वाक्यों का कोई न कोई अर्थ होना चाहिए। आप एक वाक्य में केवल एक मात्रा को बार-बार या बिना मात्रा वाले शब्दों का ही उपयोग कर सकते हैं।
Class 7 Hindi Chapter 6 Question Answer गिरिधर कविराय की कुंडलिया 14
उत्तर:
Class 7 Hindi Chapter 6 Question Answer गिरिधर कविराय की कुंडलिया 15

खोजबीन के लिए

आपने इस पाठ में गिरिधर कविराय की कुंडलिया ‘बिना विचारे जो करै…. । ‘ को पढ़ा। अब आप नीचे दी गई इंटरनेट कड़ी का प्रयोग करके एक अन्य कहानी ‘बिना विचारे करो न काम’ सुन सकते हैं-

बिना विचारे

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

NCERT Class 7th Hindi Chapter 6 गिरिधर कविराय की कुंडलिया Question Answer

  NCERT Class 7th Hindi Chapter 6 गिरिधर कविराय की कुंडलिया Question Answer गिरिधर कविराय की कुंडलिया Class 7 Question Answer कक्षा 7 हि...