NCERT Solutions for Class 9 Hindi Sparsh Chapter 3 एवरेस्ट : मेरी शिखर यात्रा
शब्दार्थ, पाठ्यपुस्तक के प्रश्न-अभ्यास, लेखिका परिचय
Subject – Hindi/हिंदी
पुस्तक का नाम-स्पर्श
Class 9 Hindi Sparsh Chapter 3 एवरेस्ट : मेरी शिखर यात्रा
पाठ्य-पुस्तक के प्रश्न-अभ्यास
मौखिक
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए-
प्रश्न 1.
अग्रिम दल का नेतृत्व कौन कर रहा था?
उत्तर:
अग्रिम दल का नेतृत्व अभियान दल के उपनेता ‘प्रेमचंद’ कर रहे थे।
प्रश्न 2.
लेखिका को सागरमाथा नाम क्यों अच्छा लगा?
उत्तर:
‘सागरमाथा’ का तात्पर्य है-समुद्र का माथा अर्थात् सबसे ऊँचा स्थान।
हिमालय के सबसे ऊँचे पर्वत को सागरमाथा कहना पूरी तरह सार्थक था। इसलिए लेखिका को यह
नाम अच्छा लगा।
प्रश्न 3.
लेखिका को ध्वज जैसा क्या लगा?
उत्तर:
लेखिका को ध्वज जैसा वह बड़ा-सा बरफ़ का फूल (प्लूम) लगा जो पहाड़
के शिखर पर 150 किलोमीटर से अधिक तेज़ हवा के चलने और बरफ़
के उड़ने से बनता है।
प्रश्न 4.
हिमस्खलन से कितने लोगों की मृत्यु हुई और कितने घायल हुए?
उत्तर:
हिमस्खलन से चार शेरपा कुलियों को चोट लगी थी। एक की मृत्यु हो गई।
प्रश्न 5.
मृत्यु के अवसाद को देखकर कर्नल खुल्लर ने क्या कहा?
उत्तर:
पर्वतारोहियों में से दो व्यक्तियों की मृत्यु की बात सुनकर अन्य
आरोहियों के चेहरे पर आए अवसाद को देखकर कर्नल खुल्लर ने कहा, कि एवरेस्ट जैसे महान अभियान के खतरों और कभी-कभी तो मृत्यु को भी आदमी को
सहज भाव से स्वीकारना चाहिए।
प्रश्न 6.
रसोई सहायक की मृत्यु कैसे हुई?
उत्तर:
रसोई सहायक की मृत्यु जलवायु अनुकूल न होने के कारण हुई।
प्रश्न 7.
कैंप-चार कहाँ और कब लगाया गया?
उत्तर:
कैंप चार साउथकोल जो ‘पृथ्वी पर बहुत अधिक कठोर’ जगह के नाम से
प्रसिद्ध है, में 29 अप्रैल,
1984 को लगाया गया।
प्रश्न 8.
लेखिका ने शेरपा कुली को अपना परिचय किस तरह दिया?
उत्तर-
लेखिका ने शेरपा कुली को अपना परिचय एक नौसिखिया पर्वतारोही के रूप
में दिया।
प्रश्न 9.
लेखिका की सफलता पर कर्नल खुल्लर ने उसे किन शब्दों में बधाई दी?
उत्तर:
लेखिका की सफलता पर बधाई देते हुए कर्नल खुल्लर ने कहा, “मैं तुम्हारी इस अनूठी उपलब्धि के लिए तुम्हारे माता-पिता को बधाई देना
चाहूँगा।” उन्होंने यह भी कहा कि देश को तुम पर गर्व है और अब तुम ऐसे संसार में
वापस जाओगी, जो तुम्हारे अपने पीछे छोड़े हुए संसार से एकदम
भिन्न होगा।
लिखित
(क) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए-
प्रश्न 1.
नज़दीक से एवरेस्ट को देखकर लेखिका को कैसा लगा? [CBSE]
अथवा
लेखिका किसे देखकर भौंचक्की रह गई और देर तक निहारती रही?
[CBSE]
उत्तर:
एवरेस्ट को नजदीक से देखकर लेखिका को इतना अच्छा लगा कि वह भौंचक्की
होकर देखती रही। वह एवरेस्ट, ल्होत्से और नुत्से से घिरी
टेढ़ी-मेढ़ी बर्फीली नदी को निहारती रही।
प्रश्न 2.
डॉ. मीनू मेहता ने क्या जानकारियाँ दीं? [CBSE]
उत्तर:
डॉक्टर मीनू मेहता ने अभियान दल के सदस्यों को एल्यूमिनियम की
सीढ़ियों से अस्थायी पुल बनाने, लट्ठों और रस्सियों का उपयोग
करने, बरफ़ की आड़ी-तिरछी दीवारों पर रस्सियाँ बाँधने जैसे
अनेक अभियांत्रिक कार्यों की जानकारी दी।
प्रश्न 3.
तेनजिंग ने लेखिका की तारीफ़ में क्या कहा? [CBSE]
उत्तर:
तेनजिंग ने लेखिकों की प्रशंसा में निम्नलिखित शब्द कहे-“तुम एक
पक्की पर्वतीय लड़की लगती हो। तुम्हें तो शिखर पर पहले ही प्रयास में पहुँच जाना चाहिए।’
प्रश्न 4.
लेखिका को किनके साथ चढ़ाई करनी थी?
उत्तर:
लेखिका को अगले दिन की, जय और मीनू के साथ
चढ़ाई करनी थी। वे भारी बोझ लेकर धीरे-धीरे बिना ऑक्सीजन के चढ़ाई कर रहे थे,
जो अभी तक लेखिका के पास नहीं आ सके थे।
प्रश्न 5.
लोपसांग ने तंबू का रास्ता कैसे साफ़ किया? [CBSE]
उत्तर:
लोपसांग ने स्विस छुरी की सहायता से तंबू का रास्ता साफ़ किया। उसने
बड़े-बड़े हिमपिंडों को सामने से हटाया तथा चारों तरफ फैली कठोर बर्फ़ की खुदाई
की। तब जाकर बाहर निकलने का रास्ता साफ़ हो सका।
प्रश्न 6.
साउथ कोल कैंप पहुँचकर लेखिका ने अगले दिन की महत्त्वपूर्ण चढ़ाई की
तैयारी कैसे शुरू की?
उत्तर:
साउथ कोल कैंप पहुँचकर लेखिका ने अगले दिन की तैयारी करने के लिए
सुबह चार बजे उठ गई, बरफ़ पिघलाया और चाय बनाई। कुछ बिस्कुट
और आधी चाकलेट का नाश्ता करने के बाद वह सवेरे पाँच बजे तंबू से निकल पड़ी।
(ख) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए
प्रश्न 1.
उपनेता प्रेमचंद ने किन स्थितियों से अवगत कराया? [CBSE]
उत्तर:
उपनेता प्रेमचंद ने लेखिका को हिमपात के खतरों से अवगत कराया। उसने
बताया कि उनके अग्रिम दल ने कैंप एक तक का रास्ता साफ़ कर दिया है। यह कैंप हिमपात
के ठीक ऊपर है। पुल बनाकर, रस्सियाँ बाँधकर तथा झंडियों से
रास्ता चिह्नित कर दिया गया है। परंतु हिमपात अनियमित और अनिश्चित होता है। यद्यपि
बीच में पड़ने वाली ग्लेशियर की नदी पर रास्ता बना दिया गया है किंतु हिमपात और
अधिक हो गया तो रास्ता बनाने का काम फिर से करना पड़ सकता है।
प्रश्न 2.
हिमपात किस तरह होता है और उससे क्या-क्या परिवर्तन आते हैं?
उत्तर:
पहाड़ी की ऊँची-ऊँची चोटियों पर हिमपात अनियमित ढंग से होता है और
इसमें अनिश्चित बदलाव होते रहते हैं। अनियमित रूप से बरफ़ का गिरना ही हिमपात है। तेज
हवा चलने से हिमपात की मात्रा बढ़ जाती है। सूखी बरफ़ हवा में उड़ने लगती है तथा
दृश्यता शून्य तक पहुँच जाती है। इससे सारी परिस्थितियाँ बदल जाती हैं।
प्रश्न 3.
लेखिका के तंबू में गिरे बर्फ पिंड का वर्णन किस तरह किया गया है?
[CBSE]
अथवा
लेखिका के साथ हुए हादसे का वर्णन अपने शब्दों में करें।।[CBSE]
उत्तर:
लेखिका के तंबू में गिरा बर्फ़ का पिंड बहुत भयानक था। वह ल्होत्से ग्लेशियर
से टूट कर नीचे गिरा था। उसके कारण एक विशाल हिमपुंज का निर्माण हो गया था। यह
हिमपिंड अपने में अनेक बड़े-बड़े हिमखंडों को समाए हुए था। यह विशाल हिमखंड
एक्सप्रेस रेलगाड़ी की तेज़ गति और भयंकर आवाज के साथ ढलान से नीचे, आया था। इसके कारण पर्वतारोहियों को कैंप पूरी तरह तहस-नहस हो गया।
आश्चर्य की बात यह रही कि चोट सभी को लगी किंतु मरा कोई नहीं।
प्रश्न 4.
लेखिका को देखकर ‘की’ हक्का-बक्का क्यों रह गया?
उत्तर:
लेखिका को देखकर ‘की’ इसलिए हक्का-बक्का रह गया क्योंकि लेखिका उससे
पहले साउथ कोल कैंप पर पहुँच चुकी थी, जबकि वह साउथकोल की ओर
ऊपर बढ़ रहा था। उसने देखा लेखिका कैंप में विश्राम न करके उसके लिए चाय और जूस
लिए नीचे उतरती आ रही है जबकि उसे कैंप में आराम करना चाहिए। लेखिका में ऐसी सेवा,
सहयोग की भावना, एवं संवेदनशीलता देखकर ‘को’
हक्का-बक्का होना ही था।
प्रश्न 5.
एवरेस्ट पर चढ़ने के लिए कुल कितने कैंप बनाए गए? उनका वर्णन कीजिए।
उत्तर:
एवरेस्ट पर चढ़ने के लिए निम्नलिखित कैंप बनाए गए
बेस कैंप – यह कैंप काठमांडु के
शेरपालैंड में लगाया गया। पर्वतीय दल के नेता कर्नल खुल्लर यहीं रहकर एक-एक
गतिविधि का संचालन कर रहे थे। उपनेता प्रेमचंद ने भी हिमपात संबंधी सभी कठिनाइयों
का परिचय यहीं दिया।
कैंप-एक – यह हिमपात से ऊपर 6000
मीटर की ऊँचाई पर था। यहाँ हिमपात से सामान उठाकर कैंप तक लाए जाने
। का अभ्यास भी किया गया।
कैंप-तीन – यह ल्होत्से पहाड़ियों के
आँगन में स्थित था। यहीं नाइलॉन के कैंपों में लेखिका और उसके साथी सोए थे कि एक
हिमखंड उन पर आ गिरा था।
कैंप-चार – यह समुद्र-तट से 7900
मीटर की ऊँचाई पर स्थित था। यहीं से साउथ कैंप और शिखर कैंप के लिए
चढ़ाई की गई।
साउथ कोल कैंप-यहीं से अंतिम दिन की चढ़ाई शुरू हुई।
शिखर कैंप-यह पर्वत की सर्वोच्च चोटी से ठीक नीचे स्थित था। चोटी पर
चढ़ने से पहले यहीं आराम करके चायपान किया गया।
प्रश्न 6.
चढ़ाई के समय एवरेस्ट की चोटी की स्थिति कैसी थी? [CBSE]
उत्तर:
चढ़ाई के समय एवरेस्ट की चोटी शंक्वाकार थी। यह चोटी इतनी पतली हो
गई थी कि एक साथ दो व्यक्ति साथ-साथ नहीं खड़े हो सकते थे। वहाँ खड़ा हो पाना कठिन
हो रहा था। उसके आगे तो बस हज़ारों मीटर, दूर-दूर तक बस सीधी
ढलान ही ढलान थी।
प्रश्न 7.
सम्मिलित अभियान में सहयोग एवं सहायता की भावना का परिचय बचेंद्री
के किस कार्य से मिलता है? [CBSE]
उत्तर:
सम्मिलित अभियान में आपसी सहायता और सहयोग से ही कार्य संपन्न होते
हैं। बचेंद्री पाल ने अपने व्यवहार से इस सहयोग भावना का परिचय दिया। उसने देखा कि
अभी उसके साथी की, जय और मीनू कैंप तक नहीं पहुँचे, तो वह उनके लिए चाय और जूस बनाकर रास्ते में जा पहुँची। उस खतरनाक रास्ते
पर जाना कठिन तथा खतरनाक था। फिर भी बचेंद्री पाल ने यह खतरा उठाया। उसने ‘की’ और
‘जय’ को रास्ते में जाकर पेय पदार्थ पिलाया।
(ग) निम्नलिखित के आशय स्पष्ट कीजिए-
प्रश्न 1.
एवरेस्ट जैसे महान अभियान में खतरों को और कभी-कभी तो मृत्यु भी
आदमी को सहज भाव से स्वीकार करनी चाहिए। [CBSE 2012]
उत्तर:
आशय यह है कि एवरेस्ट पर चढ़ाई का रास्ता अत्यंत दुर्गम और खतरनाक
होता है। इस अभियान में प्रतिकूल परिस्थितियों जैसे-हिमपात, भूस्खलन,
बरफ़ की चट्टाने गिरने से दुर्घटनाओं का होना आमबात है। इतने बड़े
अभियान में ऐसी बातों को अत्यंत सहजभाव से लिया जाता है। इन घटनाओं से डरने और
विचलित होने वाला व्यक्ति इसमें सफल नहीं हो सकता है।
प्रश्न 2.
सीधे धरातल पर दरार पड़ने का विचार और इस दरार का गहरे-चौड़े
हिम-विदर में बदल जाने का मात्र खयाल ही बहुत डरावना था। इससे भी ज्यादा भयानक इस
बात की जानकारी थी कि हमारे संपूर्ण प्रयास के दौरान हिमपात लगभग एक दर्जन आरोहियों
और कुलियों को प्रतिदिन छूता रहेगा।
उत्तर:
हिमपात होने से कभी-कभी धरती में ही दरार पड़ जाती है। यह दरार इतनी
गहरी और चौड़ी हो जाती है कि धरती फट जाती है। उसके बीच गहरी खाई-सी बन जाती है। यह
विचार आते ही मन में बहुत डर लगता है। इससे भी भयानक यह जानकारी थी कि जितने समय
तक ये पर्वतारोही और कुली चढाई अभियान पर रहेंगे, हिमपात
होता रहेगा और बर्फ गिरने की भयानक घटनाएँ होती रहेंगी। यह हिमपात पर्वतारोहियों के
शरीर को छूता रहेगा।
प्रश्न 3.
बिना उठे ही मैंने अपने थैले से दुर्गा माँ को चित्र और हनुमान
चालीसा निकाला। मैंने इनको अपने साथ लाए लाल कपड़े में लपेटा, छोटी-सी पूजा-अर्चना की और इनको बर्फ में दबा दिया। आनंद के इस क्षण में
मुझे अपने माता-पिता का ध्यान आया।
उत्तर:
आशय यह है कि लेखिका ने अपने आराध्य के प्रति कृतज्ञता प्रकट करते
हुए अपने साथ लाए दुर्गा की तस्वीर और हनुमान चालीसा’ को लाल कपड़े में लपेटा,
पूजा-अर्चना किया और बरफ़ में दबा दिया और इस सफलता हेतु मन ही मन
धन्यवाद दिया। उसने अपने माता-पिता को याद कर उनके प्रति कृतज्ञता और आदर का भाव व्यक्त
किया।
भाषा-अध्ययन
प्रश्न 1.
इस पाठ में प्रयुक्त निम्नलिखित शब्दों की व्याख्या पाठ का संदर्भ
देकर कीजिए-
1. निहारा है,
2. धसकना,
3. खिसकना,
4. सागरमोथा,
5. जायजा लेना,
6. नौसिखिया।
उत्तर:
1. निहारा है – प्रसन्नतापूर्वक देखा है।
जब बचेंद्री पाल ने हिमालय की शोभा पर मुग्ध होकर उसे प्रशंसा के
भाव से देखा तो उसके लिए निहारना’ शब्द का प्रयोग किया।
2. धसकना – नीचे को धंसना।
जब धरती का कुछ हिस्सा नीचे की ओर दब जाता है तो उसे धसकना कहते
हैं।
3. खिसकना – अपनी जगह से हटकर परे चले
जाना।
हिमपात आने पर कभी-कभी बड़े-बड़े हिमखंड खिसक जाते हैं।
4. सागरमाथा – संसार का सबसे ऊँचा स्थान।
जिस स्थान से बचेंद्री पाल ने हिमालय की चढाई आरंभ की, वह समुद्र तल का सर्वोच्च स्थान है। इसलिए उसे समुद्र का माथा ठीक ही कहा
गया है।
5. जायज़ा लेना – जाँच-परख करना।
बचेंद्री पाल के अभियान-दल के पहुँचने से पहले एक अग्रिम दल जाता
था। वह सारी परिस्थिति का जायजा लेता था।
6. नौसिखिया – नया-नया, अनजान, अनाड़ी।
तेनजिंग के सामने बचेंद्री पाल ने स्वयं को नौसिखिया पर्वतारोही
कहा।
प्रश्न 2.
निम्नलिखित पंक्तियों में उचित विराम चिह्नों का प्रयोग कीजिए-
1. उन्होंने कहा तुम एक पक्की पर्वतीय लड़की लगती हो तुम्हें तो शिखर पर पहले ही प्रयास में पहुँच जाना चाहिए।
2. क्या तुम भयभीत थीं।
3. तुमने इतनी बड़ी जोखिम क्यों ली बचेंद्री।
उत्तर:
1. उन्होंने कहा-“तुम एक पक्की पर्वतीय लड़की लगती हो। तुम्हें तो शिखर पर पहले ही प्रयास में पहुँच जाना चाहिए।”
2. क्या तुम भयभीत थीं?
3. तुमने इतनी बड़ी जोखिम क्यों ली, बचेंद्री!
प्रश्न 3.
नीचे दिए उदाहरण के अनुसार निम्नलिखित शब्द-युग्मों का वाक्य में
प्रयोग कीजिए
उदाहरण : हमारे पास एक वॉकी-टॉकी था।
1. टेढ़ी-मेढ़ी
2. हक्का-बक्का
3. गहरे-चौड़े
4. इधर-उधर
5. आस-पास
6. लंबे-चौड़े
उत्तर:
1. टेढ़ी-मेढ़ी – बर्फ़ की नदी टेढ़ी-मेढ़ी थी।
2. हक्का-बक्का – जय बचेंद्री को आया देखकर हक्का-बक्का रह गया।
3. गहरे-चौड़े – बर्फ गिरने के कारण धरती पर गहरे-चौड़े गड्ढे पड़ गए थे।
4. इधर-उधर – पर्वत-चोटी के इधर-उधर ढलानें ही थीं।
5. आस पास – पर्वत पर आस पास कोई पेड़ नहीं था।
6. लंबे-चौड़े – रास्ते के दोनों ओर लंबे-चौड़े पर्वत थे।
प्रश्न 4.
उदाहरण के अनुसार विलोम शब्द बनाइए-
उदाहरण : अनुकूल – प्रतिकूल
1. नियमित – …………………
2. विख्यात – …………………
3. आरोही – …………………
4. निश्चित – …………………
5. सुंदर – …………………
उत्तर:
1. नियमित – अनियमित
2. विख्यात – कुख्यात
3. आरोही – अवरोही
4. निश्चित – अनिश्चित
5. सुंदर – असुंदर
प्रश्न 5.
निम्नलिखित शब्दों में उपयुक्त उपसर्ग लगाइए
जैसे – पुत्र-सुपुत्र
1. वास
2. व्यवस्थित
3. कूल
4. गति
5. रोहण
6. रक्षित
उत्तर:
1. वास – सुवास, निवास
2. व्यवस्थित – सुव्यवस्थित, अव्यवस्थित
3. कूल – प्रतिकूल, दुकूल, अनुकूल
4. गति – प्रगति, सद्गति, दुर्गति
5. रोहण – आरोहण
6. रक्षित – सुरक्षित, अरक्षित।
प्रश्न 6.
निम्नलिखित क्रिया विशेषणों का उचित प्रयोग करते हुए रिक्त स्थानों
की पूर्ति कीजिए
अगले दिन, कम समय में, कुछ
देर बाद, सुबह तक
1. मैं “…………………..” यह कार्य कर लूंगा।।
2. बादल घिरने के …………………: ही वर्षा हो गई।
3. उसने बहुत ………………….. इतनी तरक्की कर ली।
4. नाङकेसा को ……………………. गाँव जाना था।
उत्तर:
1. मैं सुबह तक यह कार्य कर लूंगा।।
2. बादल घिरने के कुछ देर बाद ही वर्षा हो गई।
3. उसने बहुत कम समय में इतनी तरक्की कर ली।
4. नाङकेसा को अगले दिन गाँव जाना था।
योग्यता-विस्तार
प्रश्न 1.
इस पाठ में आए दस अंग्रेजी शब्दों का चयन कर उनके अर्थ लिखिए।
उत्तर:
1. बेस कैंप – पर्वतारोही-दल जिस भवन या तंबू से अपने चढ़ाई-अभियान का आरंभ करता है।
2. एवरेस्ट – हिमालय की एक ऊँची चोटी का नाम।
3. किलोमीटर – एक हजार मीटर दूरी का फासला।।
4. पुल – सेतु।
5. ग्लेशियर – बर्फ की नदी।
6. अल्युमिनियम – एक धातु का नाम।
7. वॉकी-टॉकी – एक बेतार का संचार-यंत्र जिसके द्वारा चलते-चलते बात की जा सकती है।
8. साउथ – दक्षिण दिशा।
9. एक्सप्रेस – बहुत तीव्र गति।
10. स्ट्रेचर – रोगी या घायल को लादकर ले जाने का उपकरण।
11. कुकिंग गैस – खाना पकाने की गैस
12. ऑक्सीजन सिलिंडर – ऑक्सीजन गैस से भरा हुआ बेलनाकार पात्र।
13. थरमस – पेय पदार्थ को गर्म रखने का बर्तन।।
14. किट – सभी आवश्यक सामानों से बँधी पोटली, बैग या फाइल।
15. नायलॉन – एक प्रकार का कृत्रिम रबर।।
प्रश्न 2.
पर्वतारोहण से संबंधित दस चीज़ों के नाम लिखिए।
उत्तर:
1. नायलॉन की रस्सी
2. ऑक्सीज़न
3. फावड़ा
4. वॉकी-टॉकी
5. झंडियाँ
6. अल्युमिनियम की सीढ़ी
7. लट्टे
8. तंबू
9. धुरी
10. थरमस।
प्रश्न 3.
तेनजिंग शेरपा की पहली चढ़ाई के बारे में जानकारी प्राप्त कीजिए।
उत्तर:
तेनजिंग शेरपा को 1935 में ‘एरिक शिप्टन’ के
साथ पहली बार एवरेस्ट अभियान पर जाने का अवसर मिला। तब वे 19 साल के थे। यह अभियान एवरेस्ट के तिब्बत क्षेत्र का था। इसका उद्देश्य
चोटी तक पहुँचने का नहीं था। इस पहले अभियान में उन्होंने रस्सी का प्रयोग करके
ग्लेशियर के बीच कदम बढ़ाने के रास्ते खोजे। जब उन्होंने यात्रा शुरू की तो बेस
कैंप में ही उन्हें एक मृत शरीर मिला। उन्होंने मृत शरीर को वहीं दफना दिया और पास
रखी डायरी उठा ली। इस यात्रा में मौसम बहुत अच्छा था। तेनजिंग को महसूस हुआ था कि
उन्हें तभी चोटी तक पहुँचना चाहिए था।
प्रश्न 4.
इस पर्वत का नाम ‘एवरेस्ट’ क्यों पड़ा? जानकारी
प्राप्त कीजिए।
उत्तर:
सन् 1830 से 1841 की
अवधि में सर जार्ज एवरेस्ट ब्रिटिश शासन के दौरान ‘सर्वेअर
जनरल ऑफ इंडिया’ थे। उन्होंने पहली बार एवरेस्ट चोटी की प्रामाणिक जानकारी रिकार्ड
की थी। तब इस चोटी का नाम रखा गया था-‘पीक-15’। बाद में सन् 1865
में सर जार्ज एवरेस्ट को सम्मानित करने के उद्देश्य से इस चोटी का नाम
‘माउंट एवरेस्ट’ रखा गया।
परियोजना कार्य
प्रश्न 1.
आगे बढ़ती भारतीय महिलाओं की पुस्तक पढ़कर उनसे संबंधित चित्रों को
संग्रह कीजिए एवं संक्षिप्त जानकारी प्राप्त करके लिखिए
1. पी.टी. ऊषा
2. आरती साहा
3. किरण बेदी।
उत्तर:
1. पी.टी. ऊषा भारत की श्रेष्ठ धाविका थी। उसने एशियार्ड खेलों में कई स्वर्ण पदक जीते व ओलंपिक खेलों में चौथे स्थान पर रही।
2. आरती साहा इंग्लिश चैनल पार करने वाली पहली भारतीय और एशियाई महिला थीं। उन्होंने 42 किलोमीटर का यह चैनल 16 घंटे 20 मिनट में तैरकर पार किया।
3. किरण बेदी भारतीय पुलिस सेवा में अपनी ईमानदारी और साहस के कारण जानी जाती है। आजकल वे भ्रष्टाचार का भंडाफोड़ करने में लगी हुई हैं।
प्रश्न 2.
रामधारी सिंह दिनकर का लेख-‘हिम्मत और जिंदगी’ पुस्तकालय से लेकर
पढ़िए।
उत्तर:
पढिए।
प्रश्न 3.
‘मन के हारे हार हैं, मन के जीते जीत’-इस विषय
पर कक्षा में परिचर्चा आयोजित कीजिए।
उत्तर:
1. पहला छात्र-मनुष्य मन की खुशी चाहता है। इसलिए मनुष्य कहलाता है।
2. दूसरा छात्र-मनुष्य तन का कष्ट उठाकर भी मन को प्रसन्न करना चाहता है।
3. तीसरा छात्र-तन और मन दोनों का परस्पर गहरा संबंध है।
4. चौथा छात्र-मन ही इंजन है जिसके आधार पर तन गति करता है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें