NCERT Solutions for Class 9 Hindi Sparsh Chapter 10 दोहे
शब्दार्थ, पाठ्यपुस्तक के प्रश्न-अभ्यास, लेखिका परिचय
Subject – Hindi/हिंदी
पुस्तक का नाम-स्पर्श
Class 9 Hindi Sparsh Chapter 10 दोहे.
पाठ्य-पुस्तक के प्रश्न-अभ्यास
प्रश्न 1.
निम्नलिखित
प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
(क) प्रेम का धागा टूटने पर पहले की भाँति क्यों नहीं हो
पाता? [CBSE]
(क) प्रेम का धागा टूटने पर पहले जैसा इसलिए नहीं हो पाता है, क्योंकि
टूटने पर जब प्रेम-संबंधों को जोड़ने की कोशिश की जाती है तो उसमें गाँठ
पड़ जाती है। ऐसा करने पर भी मन की मलिनता पूरी तरह समाप्त नहीं हो पाती
है। इससे प्रेम संबंधों में पहले जैसी घनिष्ठता नहीं आ पाती है।
(ख) हमें अपना दुःख दूसरों पर क्यों नहीं प्रकट करना
चाहिए? अपने मन की व्यथा दूसरों से
कहने पर उनका व्यवहार कैसा हो जाता है?
(ख) हमें अपना दुख दूसरों पर इसलिए प्रकट नहीं करना चाहिए क्योंकि जिस अपेक्षा
के कारण हम दूसरों को अपना दुख सुनाते हैं, सुनने वाले की प्रतिक्रिया
उसके विपरीत होती है। जो व्यक्ति हमारे दुखों के बारे में सुनता
है वह मदद करने के बजाय हँसी उड़ाने लगता है।
(ग) रहीम ने सागर की अपेक्षा पंक जल को धन्य क्यों कहा है? [CBSE)
(ग) रहीम ने सागर की अपेक्षा पंक जल को धन्य इसलिए कहा है क्योंकि कीचड़ के बीच
स्थित थोड़ा-सा पानी दूसरों के काम आता है। विभिन्न पक्षी, कीड़े-मकोड़े
और अन्य छोटे-छोटे जीव इसे पीकर अपनी प्यास बुझाते हैं, जबकि सागर का
जल जो असीमित मात्रा में होता है, खारा होने के कारण किसी के काम नहीं
आता है।
(घ) एक को साधने से सब कैसे सध जाता है? [CBSE]
अथवा
‘एकै साधे सब
सधै’ से रहीम का क्या भाव है? [CBSE)
(घ) एक को साधने अर्थात् एक काम में मन लगाकर पूरा प्रयास करने से काम उसी तरह
सध जाता है जिस प्रकार पेड़ की पत्तियों, तना, शाखा आदि
को पानी देने के बजाय केवल उसकी जड़ों को पानी देने पर वह भरपूर मात्रा में फल देता है।
इसके विपरीत जड़ के अलावा हर जगह पानी देने पर भी वह सूख जाता है।
(ङ) जलहीन कमल की रक्षा सूर्य भी क्यों नहीं कर पाता? (ङ) जलहीन कमल की रक्षा सूर्य इसलिए नहीं कर पाता है क्योंकि जल ही कमल की अपनी संपत्ति होती है जिसके सहारे वह जीवित रहता है। इस जल रूपी संपत्ति के अभाव में सूर्य भी कमल की रक्षा करने में असमर्थ हो जाता। है और कमल सूख जाता है।
(च) अवध नरेश को चित्रकूट क्यों
जाना पड़ा? । [CBSE]
(च) अवध नरेश अर्थात् श्रीराम को चित्रकूट इसलिए जाना पड़ा था, क्योंकि अपने
पिता के वचनों की रक्षा करने एवं उन्हें निभाने के लिए चौदह वर्ष के वनवास
के लिए गए। वनवास जाते हुए उन्होंने अपने वनवास के कुछ दिन चित्रकूट में
बिताए थे।
(छ) ‘नट’ किस कला में सिद्ध होने के कारण ऊपर चढ़ जाता है? [CBSE]
(छ) नट अपने शरीर को सिकोड़कर छोटा बनाने और कुंडली मारने की कला में पारंगत
होने के कारण ऊपर चढ़ जाता। है, जहाँ जन सामान्य के लिए पहुँचना कठिन
होता है।
(ज) “मोती, मानुष, चून’ के संदर्भ में पानी के महत्त्व को स्पष्ट कीजिए। [CBSE]
(ज) मोती के संदर्भ में ‘पानी’ का अर्थ है-उसकी चमक, जिसके कारण मोती बहुमूल्य मानी जाती है और आभूषण बनती है। मनुष्य के संदर्भ में ‘पानी’ का अर्थ है-इज्ज़त, प्रतिष्ठा और मान-सम्मान। इसके कारण ही व्यक्ति समाज में आदर का पात्र समझा जाता है। चून (आटा) के संदर्भ में पानी’ का अर्थ जल है जिसके मेल से वह रोटियों के रूप में वह प्राणियों का पोषण करता है।
प्रश्न 2.
निम्नलिखित
को भाव स्पष्ट कीजिए-
उत्तर:
(क) टूटे से फिर ना मिले, मिले गाँठ
परि जाय।
(क) प्रेम संबंध एक बार टूटने से दुबारा नहीं बनते। यदि दुबारा बनते भी
हैं तो उनमें पहले के समान घनिष्ठता नहीं रहती। मन में अविश्वास बना
रहता है।
(ख) सुनि अठिलैहैं लोग सब, बाँट न लैहैं कोय।
(ख) मनुष्य को अपना दुख सबके सामने प्रकट नहीं करना चाहिए बल्कि उन्हें अपने
हृदय में छिपाकर रखना चाहिए। लोग उसे जानकर केवल मज़ाक उड़ाते हैं। कोई भी
उन दु:खों को बाँटता नहीं है।
(ग) रहिमन मूलहिं सचिबो, फूलै फलै अघाय।।
(ग) अनेक देवी-देवताओं की भक्ति करने की अपेक्षा अपने इष्टदेव के प्रति आस्था
रखना अधिक अच्छा होता है। जिस प्रकार जड़ को सींचने से पेड़ के फूल-पत्तों
तक का पोषण हो जाता है। उसी प्रकार इष्ट के प्रति ध्यान कर लें तो
सांसारिक सुख स्वयं मिल जाते हैं।
(घ) दीरघ दोहा अरथ के, आखर थोरे आहिं।
(घ) दोहा छंद आकार में छोटा है, परंतु अर्थ बहुत गहरा लिए
हुए होता है। उसका गूढ़ अर्थ ही उसकी गागर में सागर भरने की प्रवृत्ति को स्पष्ट कर देता है। ठीक
वैसे ही जैसे नट कुंडली को समेटकर रस्सी पर चढ़ जाता है।
(ङ) नाद रीझि तन देत मृग, नर धन हेत समेत।
(ङ) हिरण संगीत पर मुग्ध होकर शिकारियों को अपना जीवन तक दे देता है अर्थात
अपनी अस्तित्व समर्पित कर देता है तथा मनुष्य दूसरों पर प्रसन्न होकर
उसे धन देता है और उसका हित भी करता है। किंतु जो दूसरों पर प्रसन्न होकर भी
उसे कुछ नहीं देता, वह पशु तुल्य होता है।
(च) जहाँ काम आवे सुई, कहा करे तरवारि।
(च) प्रत्येक मनुष्य का अपना महत्त्व होता है। समयानुसार उसकी उपयोगिता है। कवि
ने तलवार और सुई के उदाहरण द्वारा यह तथ्य सिद्ध किया है। जहाँ छोटी
वस्तु का उपयोग होता है वहाँ बड़ी वस्तु किसी काम की नहीं होती और जहाँ
बड़ी वस्तु उपयोगी सिद्ध होती है वहाँ छोटी वस्तु बेकार साबित होती है। सुई
जो काम करती है वह काम तलवार नहीं कर सकती और जिस काम के लिए तलवार है वह
काम सुई नहीं कर सकती। हर चीज़ की अपनी उपयोगिता है।
(छ) पानी गए न ऊबरे, मोती, मानुष, चून।
(छ) मोती में यदि चमक न रहे, वह व्यर्थ है। मनुष्य यदि आत्म-सम्मान न बनाए रखे तो बेकार है। सूखा आटा पानी के बिना किसी का पेट भरने में सहायक नहीं होता। पानी के बिना मोती, मनुष्य और चून नहीं उबर सकते। मोती की चमक, मनुष्य को आत्म-सम्मान व आटे की गुँथना सभी पानी के द्वारा ही संभव है।
प्रश्न 3.
निम्नलिखित
भाव को पाठ में किन पंक्तियों द्वारा अभिव्यक्त किया गया है
1. जिस पर विपदा पड़ती है वही इस देश में आता है।
2. कोई लाख कोशिश करे पर बिगड़ी बात फिर बन नहीं सकती।
3. पानी के बिना सब सूना है अतः पानी अवश्य रखना चाहिए।
उत्तर:
1. जा पर विपदा पड़त है, सो आवत यह देश।
2. बिगरी बात बनत नहिं, लाख करौ किन कोय।
3. रहिमन पानी राखिए, बिनु पानी सब सून।
प्रश्न 4.
उदाहरण के
आधार पर पाठ में आए निम्नलिखित शब्दों के प्रचलित रूप लिखिए-
उदाहरण :
कोय – कोई, जे – जो
1. ज्यों – ………………. कछु – ………………
2. नहिं – ……………… कोय – ………………
3. धनि – ……………… आखर – ………………
4. जिय – …………….. थोरे – ……………..
5. होय – …………….. माखन – ……………..
6. तरवारि – …………….. सचिबो – ……………..
7. मूलहिं – …………….. पिअत – ……………..
8. पिआसो – …………….. बिगरी – ……………..
9. आवे – ……………. सहाय – ……………..
10. ऊबरै – …………….. बिनु – ……………..
11. बिथा – …………….. अठिलैहैं – ………………
12. परिजाये – ………………
उत्तर:
1. ज्यों – ज्यों कछु – कुछ
2. नहिं – नहीं कोय – कोई
3. धनि – धन्य आखर – अक्षर
4. जिय – जीव थोरे – थोड़े
5. होय – होता माखन – मक्खन
6. तरवारि – तलवार सचिबो – सींचना
7. मूलहिं – मूल को पिअत – पीते ही
8. पिआसो – प्यासा बिगरी – बिगड़ी
9. आवे – आए सहाय – सहायक
10. ऊबरे – उबरे बिना – बिथा
11. बिथा – व्यथा अठिलैहैं – इठलाएँगे
12. परिजाय – पड़ जाए।
योग्यता-विस्तार
प्रश्न 1.
‘सुई की जगह
तलवार काम नहीं आती’ तथा ‘बिन पानी सब सून’ इन विषयों पर कक्षा में परिचर्चा
आयोजित कीजिए।
उत्तर:
सुई की जगह तलवार काम नहीं
आती पहला छात्र-सुई का काम सुई से ही हो सकता है।
दूसरा छात्र-तलवार सुई का काम नहीं कर सकती। तीसरा छात्र-तलवार का महत्त्व
अपनी जगह है। चौथा छात्र-सुई जोड़ती है, तलवार काटती है।
प्रश्न 2.
चित्रकूट’
किस राज्य में स्थित है, जानकारी
प्राप्त कीजिए।
उत्तर:
उत्तर प्रदेश में
परियोजना कार्य
प्रश्न1.
नीति संबंधी
अन्य कवियों के दोहे/कविता एकत्र कीजिए और उन दोहों/कविताओं को चार्ट पर लिखकर
भित्ति पत्रिका परं लगाइए।
उत्तर:
रहीम के दोहे चार्ट पर
लिखकरे कक्षा में टाँगिए।
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