शनिवार, 9 अक्तूबर 2021

Different Dance of states in India | भारत में विभिन्न राज्यों के नृत्य

नमस्कार मित्रों,

आज मैं दिनेश कुमार शर्मा आप सभी पाठक वर्ग का अपने ब्लॉग पर स्वागत करता हूँ और आज के मेरे इस ब्लॉग का विषय है - 

भारत में विभिन्न राज्यों के नृत्य

Different Dance of states in India


जैसा की आप सभी जानते हैं कि हमारा देश विविधताओं का देश हैं और प्रत्येक राज्य के साथ-साथ प्रदेश भी कोई न कोई विशेषता से युक्त हैं। प्रत्येक राज्य का अपना-अपना नृत्य है जिसका प्रयोग मनुष्य भिन्न-भिन्न अवसरों पर करता है। शादी का माहोल हो या किसी नवजात शिशु के जन्म का समय। उसे तो बस एक अवसर चाहिए जहाँ पर वह खुशी से झूमें, नाचे और गाए। विभिन्न राज्यों के नृत्यों की सूची को जानने से पहले ये जानना जरुरी हो जाता है कि नृत्य क्या होता है और क्या इसके पीछे भी कोई रहस्य है? आइए पढ़ते हैं इस लेख में-

नृत्य क्या है?

नृत्य भी मानवीय अभिव्यक्तियों का एक रसमय प्रदर्शन है। यह एक सार्वभौम कला है, जिसका जन्म मानव जीवन के साथ हुआ है। बालक जन्म लेते ही रोकर तथा अपने हाथ पैर मार कर अपनी भावाभिव्यक्ति करता है कि वह भूखा है- इन्हीं आंगिक -क्रियाओं से नृत्य की उत्पत्ति हुई है। यह कला देवी-देवताओं- दैत्य दानवों- मनुष्यों एवं पशु-पक्षियों को अति प्रिय है। भारतीय पुराणों में यह दुष्ट नाशक एवं ईश्वर प्राप्ति का साधन मानी गई है। अमृत मंथन के पश्चात जब दुष्ट राक्षसों को अमरत्व प्राप्त होने का संकट उत्पन्न हुआ तब भगवान विष्णु ने मोहिनी का रूप धारण कर अपने लास्य नृत्य के द्वारा ही तीनों लोकों को राक्षसों से मुक्ति दिलाई थी। इसी प्रकार भगवान शंकर ने जब कुटिल बुद्धि दैत्य भस्मासुर की तपस्या से प्रसन्न होकर उसे वरदान दिया कि वह जिसके ऊपर हाथ रखेगा वह भस्म हो जाए- तब उस दुष्ट राक्षस ने स्वयं भगवान को ही भस्म करने के लिये कटिबद्ध हो उनका पीछा किया- एक बार फिर तीनों लोक संकट में पड़ गये थे तब फिर भगवान विष्णु ने मोहिनी का रूप धारण कर अपने मोहक सौंदर्यपूर्ण नृत्य से उसे अपनी ओर आकृष्ट कर उसका वध किया।

भारतीय संस्कृति एवं धर्म की आरंभ से ही मुख्यत- नृत्यकला से जुड़े रहे हैं। देवेन्द्र इन्द्र का अच्छा नर्तक होना- तथा स्वर्ग में अप्सराओं के अनवरत नृत्य की धारणा से हम भारतीयों के प्राचीन काल से नृत्य से जुड़ाव की ओर ही संकेत करता है। विश्वामित्र-मेनका का भी उदाहरण ऐसा ही है। स्पष्ट ही है कि हम आरंभ से ही नृत्यकला को धर्म से जोड़ते आए हैं। पत्थर के समान कठोर व दृढ़ प्रतिज्ञ मानव हृदय को भी मोम सदृश पिघलाने की शक्ति इस कला में है। यही इसका मनोवैज्ञानिक पक्ष है। जिसके कारण यह मनोरंजक तो है ही-धर्म-अर्थ-काम-मोक्ष का साधन भी है। स्व परमानंद प्राप्ति का साधन भी है। अगर ऐसा नहीं होता तो यह कला-धारा पुराणों-श्रुतियों से होती हुई आज तक अपने शास्त्रीय स्वरूप में धरोहर के रूप में हम तक प्रवाहित न होती। इस कला को हिन्दू देवी-देवताओं का प्रिय माना गया है। भगवान शंकर तो नटराज कहलाए-उनका पंचकृत्य से संबंधित नृत्य सृष्टि की उत्पत्ति-स्थिति एवं संहार का प्रतीक भी है। भगवान विष्णु के अवतारों में सर्वश्रेष्ठ एवं परिपूर्ण कृष्ण नृत्यावतार ही हैं। इसी कारण वे 'नटवर' कृष्ण कहलाए। भारतीय संस्कृति एवं धर्म के इतिहास में कई ऐसे प्रमाण मिलते हैं कि जिससे सफल कलाओं में नृत्यकला की श्रेष्ठता सर्वमान्य प्रतीत होती है।

Different Dance of states in India


आज यहाँ इस ब्लॉग में विभिन्न राज्यों में होने वाले नृत्यों की सूची दी जा रही है जो विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिताओं में पूछ लिए जाते हैं। जो आपके लिए काफी मददगार साबित होंगी।

 

राज्य के नृत्य

1) अरुणाचल प्रदेश - बार्दो छम

2) आंध्र प्रदेश - कुचीपुडी, कोल्लतम

3) आसाम - बिहू, जुमर नाच

4) उत्तर प्रदेश - कथक, चरकुला

5) उत्तराखंड - गढवाली

6) उत्तरांचल - पांडव नृत्य

Different Dance of states in India
7) ओरिसा - ओडिसी, छाऊ

8) कर्नाटक - यक्षगान, हत्तारी

9) केरल - कथकली

10) गुजरात - गरबा, रास

11) गोवा - मंडो

12) छत्तीसगढ - पंथी

13) जम्मू और काश्मीर - रौफ



14) झारखंड - कर्मा, छाऊ

15) मणिपूर - मणिपुरी

16) मध्य प्रदेश - कर्मा, चरकुला

17) महाराष्ट्र - लावणी

18) मिझोरम - खान्तुम

19) मेघालय - लाहो

20) तामिलनाडू - भरतनाट्यम

21) पंजाब - भांगडा, गिद्धा(गिद्दा)

22) पश्चिम बंगाल - गंभीरा, छाऊ

23) बिहार -  छाऊ

24) राजस्थान -  घूमर

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धन्यवाद।


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