शुक्रवार, 11 अगस्त 2023

गाँव बेचकर शहर खरीदा, कीमत बड़ी चुकाई है। हिंदी कविता

गाँव बेचकर शहर खरीदा, कीमत बड़ी चुकाई है।

 

गाँव बेचकर शहर खरीदा, कीमत बड़ी चुकाई है।

जीवन के उल्लास बेच के, खरीदी हमने तन्हाई है।

बेचा है ईमान धरम तब, घर में शानो शौकत आई है। 

संतोष बेच, तृष्णा खरीदी, देखो कितनी मंहगाई है।। 

 

बीघा बेच स्कवायर फीट खरीदा, ये कैसी सौदाई है।  

संयुक्त परिवार के वट वृक्ष से टूटी, ये पीढ़ी मुरझाई है।।  

रिश्तों में है भरी चालाकी, हर बात में दिखती चतुराई है।

कहीं गुम हो गई मिठास, जीवन से, हर जगह कड़वाहट भर आई है।।    

 

रस्सी की बुनी खाट बेच दी, मैट्रेस ने जगह बनाई है। 

अचार, मुरब्बे को धकेल कर, शो केस में सजी दवाई है।।  

माटी की सोंधी महक बेच के, रुम स्प्रे की खुशबू पाई है  

मिट्टी का चुल्हा बेच दिया, आज गैस पे बेस्वाद सी खीर बनाई  है।।  

 

पांच पैसे का लेमनचूस बेचा, तब कैडबरी हमने पाई है।

बेच दिया भोलापन अपना, फिर मक्कारी पाई है।।

सैलून में अब बाल कट रहे, कहाँ घूमता घर- घर नाई है।

दोपहर में अम्मा के संग, गप्प मारने क्या कोई आती चाची ताई है।।  

 

मलाई बरफ के गोले बिक गये, तब कोक की बोतल आई है।  

मिट्टी के कितने घड़े बिक गये, तब फ्रिज में ठंढक आई है ।।

खपरैल बेच फॉल्स सीलिंग खरीदा, हमने अपनी नींद  उड़ाई है। 

बरकत के कई दीये बुझा कर, रौशनी बल्बों में आई है।।

 

गोबर से लिपे फर्श बेच दिये, तब टाईल्स में चमक आई है।

देहरी से गौ माता बेची, फिर संग लेटे कुत्ते ने पूँछ हिलाई है ।।

बेच दिये संस्कार सभी, और खरीदी हमने बेहयाई  है।

ब्लड प्रेशर, शुगर ने तो अब, हर घर में ली अंगड़ाई है।।  

 

दादी नानी की कहानियां हुईं झूठी, वेब सीरीज ने जगह बनाई है।

बहुत तनाव है जीवन में, ये कह के मम्मी ने दो पैग लगाई है।।

खोखले हुए हैं रिश्ते सारे, नहीं बची उनमें सच्चाई है।।

चमक रहे हैं बदन सभी के, दिल पे जमी गहरी काई है।

 

गाँव बेच कर शहर खरीदा, कीमत बड़ी चुकाई  है।। 

जीवन के उल्लास बेच के, खरीदी हमने तन्हाई है।। 

 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

NCERT Class 8th Hindi Chapter 9 आदमी का अनुपात Question Answer

NCERT Class 8th Hindi Chapter 9 आदमी का अनुपात Question Answer आदमी का अनुपात Class 8 Question Answer कक्षा 8 हिंदी पाठ 9 प्रश्न उत्तर – Cla...