मंगलवार, 9 जनवरी 2024

NCERT Class 8 Sanskrit Chapter 15 प्रहेलिकाः

NCERT Class 8 Sanskrit Chapter 15 प्रहेलिकाः

पाठ का परिचय (Introduction of the Lesson)
पहेलियाँ मनोरंजन का एक प्राचीन विधा (तरीका) है। ये लगभग संसार की सभी भाषाओं में उपलब्ध हैं। संस्कृत के कवियों ने इस परम्परा को अत्यन्त समृद्ध किया है। पहेलियाँ हमें आनन्द देने के साथ-साथ हमारी मानसिक व बौद्धिक प्रक्रिया को तीव्र बनाती हैं। इस पाठ में संस्कृत प्रहेलिका (पहेली) बूझने की परम्परा के कुछ रोचक उदाहरण प्रस्तुत किए गए हैं।

परियोजना-कार्यम्
मनोरञ्जनहीन व हास्यविहीन जीवन को नरक माना जा सकता है। पहेलियाँ मनोरञ्जन की प्राचीन विधा हैं। ये प्रायः विश्व की सारी भाषाओं में उपलब्ध हैं। संस्कृत के कवियों ने इस परम्परा को अत्यन्त समृद्ध किया है। पहेलियाँ जहाँ हमें आनन्द देती हैं, वही समझ-बूझ की हमारी मानसिक व बौद्धिक प्रक्रिया को तेज बनाती हैं। इस पाठ में संस्कृत प्रहेलिका (पहेली) बूझने की परम्परा के कुछ रोचक उदाहरण प्रस्तुत किए गए हैं। रोचकपूर्ण ढंग से ज्ञानवर्धक करने के लिए पहेलियाँ उत्तम साधन हैं।

शब्दार्थ-
हन्ति – मरता / ती है;

करिणाम् – हाथियों के;

कातरः – कायर;

सीमान्तिनीषु – नारियों में

अभूत् – हुआ;

बध्यते – जाना जाता है,

सञ्जधान मारा;

कंसज्जधान् – कंस को मारा;

शीतलवाहिनी – शीतलधारी वाली;

काशीतलवाहिनी – काशी की भूमि पर बहने वाली;

दारपोषणरताः – पत्नी के पोषण में लीन;

केदारपोषणरताः – खेत के कार्य में संलग्न;

बलवत्तम् – बलवान् को;

कम्बलवत्तम् – कम्बल वाले को

बाधते – बाधिक करता है;

वृक्षावासी – पेड़ों पर रहने वाला;

पक्षिराजः – पक्षियों का राजा;

त्रिनेत्रधारी – तीन नेत्रों वाला;

शूलपाणिः – त्रिशूलधारी;

त्वम् – त्वचा, छाल;

विभ्रत् – मरार हुआ;

विष्णुपदम् – मोक्ष;

तक्रम् – छाद, मठा;

शक्रस्य – इन्द्र का;

दुर्लभम् – कठिन।

 

मूलपाठः
कस्तूरी जायते कस्मात्?
को हन्ति करिणां कुलम्?
किं कुर्यात् कातरो युद्धे?
भृगात् सिंहः पलायते ॥1

अन्वयः
कस्तूरी कस्मात् जायते? कारिणां कुलं कः हन्ति? कातरः युद्ध किं कुर्यात् ? मृगात् सिंहः पलायते।

सरलार्थः
कस्तूरी किससे उत्पन्न होती हैं? हाथियों के कुल को कौन मरता है? कायर युद्ध में क्या करता है? ‘हिरण ‘शेर’, से भाग जाता है।’ (ये तीनों की क्रमशः उत्तर है।)

सीमन्तिनीषु का शान्ता?
राजा कोऽभूत् गुणोत्तमः?
विद्वदभिः का सदा वन्द्या?
अत्रैवोक्तं न बुध्यते॥2

अन्वयः
सीमन्तिनीषु का शान्ता? कः गुणोत्तमः राजा अभूत् ? विद्वद्भिः सदा का वन्द्या?

सरलार्थः
1. नारियों में कौन शान्त है? (सीता)
2. गुणों में उत्तम राजा कौन हुआ है? (राम)
3. विद्वानों द्वारा सदा कौन पूजी जाती है? (विद्या)
इन्हीं में कहा गया है, पता नहीं चल रहा है।

कं सञ्जधान कृष्णः?
का शीतलवाहिनी गङ्गा?
के दारपोषणरता:?
कं बलवन्तं न बाधते शीतम्॥3

अन्वयः
कृष्णः कं सज्जधान? का शीतलवाहिनी गङ्गा? के दारपोषणरता:? शीतं कं बलवन्तं न बाधते?

सरलार्थः
कृष्ण ने किसे मारा? (कंस को)
शीतलधारा वाणी गंगा कहाँ हैं? (काशी में)
स्त्री के पोषण में कौन लगे रहते हैं? (किसान)
किस बलवान् को सर्दी नहीं लगती? (कम्बल वाले को)

 

वृक्षाग्रवासी न च पक्षिराजः
त्रिनेत्रधारी न च शूलपाणिः।
त्वगवस्त्रधारी न च सिद्धयोगी
जल च विभ्रन्न घटो न मेघः।।4।।

अन्वयः
वृक्षाग्रवासी पक्षिराजः च न त्रिनेत्रधारी (किन्तु) शूलपाणि: च न । त्वग्वस्त्रधारी (परन्तु) सिद्धयोगी च न) जलं च बिभ्रत् न घटः न (च) मेघः।

सरलार्थः
वृक्ष पर रहता है लेकिन पक्षीराज (गरुड) नहीं है।
तीन नेत्रों वाला है लेकिन शिव नहीं है।
छाल के वस्त्र पहनता है लेकिन योगी नहीं है।
जल से भरा हुआ है फिर भी न घड़ा है और न बादल।
उत्तर है – नारियल

भोजनान्ते च किं पेयम्?
जयन्तः कस्य वै सुतः?
कथं विष्णुपदं प्रोक्तम्?
तक्रं शुक्रस्य दुर्ललभम्॥5

अन्वयः
भोजनान्ते किं पेयम् ? जयन्तः कस्य वैसुतः? विष्णुपदं कथं प्रोक्तम् ? तक्रं शुक्रस्य दुर्लभम्।

सरलार्थः
भोजन के अन्त में क्या पीना चाहिए? (छाछ)
जयन्त किसका पुत्र है? (इन्द्र का)
मोक्ष कैसा कहा गया है? (दुर्लभ)
मट्ठा दुर्लभ है इन्द्र के लिए।

 

NCERT Solutions for Class 8 Sanskrit Chapter 15 प्रहेलिकाः

अभ्यासः (Exercise)
प्रश्न 1.
श्लोकांशेषु रिक्तस्थानानि पूरयत-(श्लोकांशों में रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-)
(क) सीमन्तिनीषु का ……………………… राजा ……………………. गुणोत्तमः।
(ख) कं सञ्जघान ……………………. का ……………………. गङ्गा?
(ग) के ……………………. कं ……………………. न बाधते शीतम्।।
(घ) वृक्षाग्रवासी न च ……………………. न च शूलपाणिः।
उत्तरम्:
(क) सीमन्तिनीषु का शान्ता? राजा कोऽभूत् गुणोत्तम:?
(ख) कं सञ्जघान कृष्णः? का शीतलवाहिनी गङ्गा?
(ग) के दारपोषणरता:? कं बलवन्तं न बाधते शीतम्?
(घ) वृक्षाग्रवासी न च पक्षिराजः त्रिनेत्रधारी न च शूलपाणिः।

प्रश्न 2. श्लोकांशान् योजयत-(श्लोकांशों का मिलान कीजिए-)
उत्तरम्

किं कुर्यात् कातरो युद्धे                 मृगात् सिंहः पलायते

विद्वदभिः का सदा वन्द्या              अत्रैवोक्तं न बुध्यते

कं सञ्जधान कृष्णः                    का शीतलवाहिनी गङ्गा

कथं विष्णुपदं प्रोक्तम्?                 तक्रं शुक्रस्य दुर्ललभम्

प्रश्न 3. उपयुक्तकथनानां समक्षम् ‘आम्’ अनुपयुक्तकथनानां समक्षं ‘न’ इति लिखत-(उपयुक्त कथनों के सामने ‘आम्’ और अनुपयुक्त कथनों के सामने ‘न’ लिखिए-)
उत्तरम्:
(क) कातरो युद्धे युद्ध्यते। – न
(ख) कस्तूरी मृगात् जायते। – आम्
(ग) मृगात् सिंह: पलायते। – आम्
(घ) कंसः जघान कृष्णम्। – न
(ङ) तक्रं शक्रस्य दुर्लभम्। – आम्।
(च) जयन्तः कृष्णस्य पुत्रः। – न

प्रश्न: 4. संन्धिविच्छेदं पूरयत-(सन्धि विच्छेद पूरे कीजिए-)
(क) करिणां कुलम् = …………………… + …………………
(ख) कोऽभूत्     = ………………….. + ………………….
(ग) अत्रैवोक्तम्   = ………………….. + ………………….
(घ) वृक्षाग्रवासी   = ………………….. + ………………….
(ङ) त्वग्वस्त्रधारी = ………………….. + ………………….
(च) बिभ्रन्न
उत्तरम्:
(क) करिणां कुलम्      = करिणाम् +    कुलम्
(ख) कोऽभूत्           = क:      +    अभूत्
(ग) अत्रैवोक्तम्        = अत्र     +    एव   +    उक्तम्
(घ) वृक्षाग्रवासी        = वृक्ष     +    अग्रवासी
(ङ) त्वग्वस्त्रधारी       = त्वक्    +    वस्त्रधारी
(च) बिभ्रन्न           = बिभ्रत्   +   

प्रश्न 5. अधोलिखितानां पदानां लिहूं, विभक्तिं वचनञ्च लिखत-(निम्नलिखित पदों के लिङ्ग, विभक्ति और वचन लिखिए-)
उत्तरम्:

पदानि          लिंगम्          विभक्ति         वचनम्

करिणाम्         पुल्लिंगम्        षष्ठी           बहुवचनम्

कस्तूरी          स्त्रीलिंग         प्रथमा           एकवचनम्

युद्धे           नपुंसकलिंगम्     सप्तमी          एकवचनम्

सीमंतिनीषु       पुल्लिंगम्        सप्तमी          बहुवचनम्

बलवंतम्         नपुंसकलिंगम्     प्रथमा           एकवचनम्

शूलपाणी:        स्त्रीलिंग         प्रथमा           एकवचनम्

शक्रस्य          पुल्लिंगम        षष्ठी           एकवचनम्


प्रश्न 6. (अ) विलोमपदानि योजयत-(विलोम पदों को मिलाइए-)
उत्तरम्:
जायते        म्रियते
वीरः          कातरः
अशान्ता        शान्ता
मूर्खः          विद्वद्भि:
अत्रैव          तत्रैव
आगच्छति     पलायते

(आ) समानार्थकापदं चित्वा लिखत-(समानार्थक पद चुनकर लिखिए-)
(क) करिणाम् …………………………। (अश्वानाम् / गजानाम् / गर्दभानाम्)
(ख) अभूत् …………………………।    (अचलत् / अहसत् / अभवत्)
(ग) वन्द्या …………………………।   (वन्दनीया / स्मरणीया / कर्तनीया)
(घ) बुध्यते …………………………।   (लिख्यते / अवगम्यते / पठ्यते)
(ङ) घट: ………………………….।     (तडागः / नलः / कुम्भ:)
(च) सञ्जधान …………………………। (अमारयत् / अखादत् / अपिबत्)।
उत्तरम्:
(क) गजानाम्,
(ख) अभवत्,
(ग) वन्दनीया,
(घ) अवगम्यते,
(ङ) कुम्भः,
(च) अमारयत्।

प्रश्न 7. कोष्ठकान्तर्गतानां पदानामुपयुक्तविभक्तिप्रयोगेन अनुच्छेदं पूरयत-(कोष्ठक पदों में उपयुक्त विभक्ति का प्रयोग करके अनुच्छेद पूरा कीजिए-)
एकः काकः ………………… (आकाश) उड्डयमानः आसीत्। तृषार्तः सः ………………… (जल) अन्वेषणं करोति। तदा सः ………………… (घट) अल्पं ………………… (जल) पश्यति। सः ………………… (उपल) आनीय ………………… (घट) पातयति। जलं ………………… (घट) उपरि आगच्छति। ………………… (काक) सानन्दं जलं पीत्वा तृप्यति।
उत्तरम्:
आकाशे, जलस्य, घटम्, जलम्, उपलानि/उपलान्, घटे, घटात्, काकः।


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