NCERT Class 7th Hindi Chapter 9 चिड़िया Question
Answer
कक्षा 7 हिंदी पाठ 9 प्रश्न उत्तर – Class 7 Hindi चिड़िया Question Answer
पाठ से
मेरी समझ से
(क) नीचे दिए गए प्रश्नों का
सटीक उत्तर कौन – सा है? उसके सामने तारा (★) बनाइए। कुछ प्रश्नों के एक से अधिक उत्तर भी हो सकते हैं।
प्रश्न 1.
कविता के आधार पर बताइए कि इनमें से कौन-सा गुण पक्षियों के
जीवन में नहीं पाया जाता है ?
- प्रेम-प्रीति
- लोभ और पाप
- मिल-जुलकर रहना
- निर्भय विचरण
उत्तर:
- लोभ और पाप
प्रश्न 2.
“सब मिल-जुलकर रहते हैं वे, सब मिल-जुलकर खाते हैं ” कविता की यह पंक्ति किन भावों की ओर संकेत करती है?
- असमानता और विभाजन
- प्रतिस्पर्धा और
संघर्ष
- समानता और एकता
- स्वार्थ और ईर्ष्या
उत्तर:
- समानता और एकता
प्रश्न 3.
“वे कहते हैं, मानव! सीखो, तुम हमसे जीना जग में” कविता में पक्षी मनुष्य से कैसा जीवन जीने के लिए कहते
हैं?
- आकाश में उड़ते रहना
- बंधन में रहना
- संचय करना
- स्वच्छंद रहना
उत्तर:
- स्वच्छंद रहना
(ख) अब अपने मित्रों के साथ
मिलकर चर्चा कीजिए और कारण बताइए कि आपने ये उत्तर ही क्यों चुने?
उत्तर:
1.
मेरे अनुसार
लोभ और पाप के गुण पक्षियों के जीवन में नहीं पाए जाते हैं क्योंकि कविता में
स्पष्ट रूप से कहा गया है कि उनके (पक्षियों) के मन में लोभ और पाप नहीं होता है।
2.
मेरे अनुसार
‘सब मिल-जुलकर रहते हैं वे,
सब मिल-जुलकर खाते हैं’ कविता की यह पंक्ति समानता और एकता
के भावों की ओर संकेत करती है क्योंकि मिलकर रहने और मिलकर खाने में समानता और
एकता की झलक मिलती है।
3.
मेरे अनुसार
कविता में पक्षी मनुष्य से स्वच्छंद रहने के लिए कहते हैं क्योंकि जीवन की
सार्थकता स्वच्छंद यानी मुक्त रहने में है, न कि बंधनों में बंध जाने
में।
मिलकर करें
मिलान
• कविता में से चुनकर कुछ
संदर्भ नीचे दिए गए हैं। अपने समूह में इन पर बातचीत कीजिए और इन्हें इनके सही
भावों से मिलाइए। इनके लिए आप शब्दकोश, इंटरनेट या अपने परिजनों और
शिक्षकों की सहायता ले सकते हैं।
उत्तर:
1. – 5
2. – 1
3. – 4
4. – 3
5. – 2
पंक्तियों पर
चर्चा
कविता में से
चुनकर कुछ पंक्तियाँ नीचें दी गई हैं, इन्हें ध्यान से पढ़िए और
इन पर विचार कीजिए। आपको इनका क्या अर्थ समझ में आया? अपने विचार कक्षा में अपने समूह में साझा कीजिए और लिखिए-
(क) “चिड़िया बैठी
प्रेम-प्रीति की,
रीति हमें सिखलाती है ! ”
उत्तर:
प्रस्तुत पंक्तियों का अर्थ यह है कि चिड़िया पीपल के पेड़
की डाली पर बैठकर मधुर गीत गाती है। अपने गीत के द्वारा वह मनुष्य को प्रेम और
सौहार्द से जीवन जीने का तरीका सिखाती है। वह मनुष्य को वैर और द्वेष की भावना को
छोड़ने की प्रेरणा देती है।
(ख) “उनके मन में लोभ नहीं
है, पाप नहीं, परवाह नहीं।”
उत्तर:
प्रस्तुत पंक्तियों का अर्थ यह है कि पक्षियों के मन में न
तो कोई लालच होता है, न ही कोई पाप की भावना और न ही किसी चीज़ की अत्यधिक चिंता
। कहने का भाव यह है कि पक्षी लालचमुक्त जीवन जीते हैं।
(ग) “सीमा- हीन गगन में
उड़ते,
निर्भय विचरण करते हैं।’
उत्तर:
प्रस्तुत पंक्तियों का अर्थ यह है कि पक्षी सीमा हीन यानी
जिसकी कोई सीमा नहीं है, ऐसे आकाश में स्वतंत्रता से उड़ते हैं और बिना डर के वहाँ
विचरण करते हैं। भाव यह है कि पक्षी स्वतंत्र रूप से आकाश में निर्भीक होकर उड़ते
हैं।
सोच-विचार के
लिए
नीचे कविता की
कुछ पंक्तियाँ और उनसे संबंधित प्रश्न दिए गए हैं। कविता पढ़ने के बाद अपनी समझ के
आधार पर प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
(क) “सब मिल-जुलकर रहते हैं
वे, सब मिल- -जुलकर खाते हैं” पक्षियों के आपसी सहयोग की यह
भावना हमारे लिए किस प्रकार उपयोगी है? स्पष्ट कीजिए ।
उत्तर:
पक्षियों के आपसी सहयोग की यह भावना हमारे (मनुष्य) लिए
बहुत उपयोगी है क्योंकि पक्षी बिना किसी मतभेद के मिल-जुलकर रहते हैं। अगर हम भी
मिलकर रहें और काम करें तो समाज में तनाव, टकराव और स्वार्थ की भावना
कम हो सकती है। एकजुटता से समाज में समानता, भाईचारा और प्रेम की भावना
विकसित होती है। जब हम ‘मैं’ से ‘हम’ की ओर बढ़ते हैं तो असली मानवता का विकास
होता है। इसलिए हमें भी पक्षियों की तरह मिल-जुलकर रहना, खाना और जीना सीखना चाहिए ।
(ख) “जो मिलता है, अपने श्रम से उतना भर ले लेते हैं” पक्षी अपनी आवश्यकता भर ही संचय करते हैं।
मनुष्य का स्वभाव इससे भिन्न कैसे है?
उत्तर:
पक्षी अपनी आवश्यकतानुसार ही संचय करते हैं। मनुष्य का
स्वभाव इससे भिन्न है क्योंकि मनुष्य भविष्य की चिंता में या स्वार्थवश अकसर अपनी
आवश्यकता से कहीं अधिक संग्रह करता है। ज्यादा संचित करने की सोच में वह दूसरों के
हिस्से पर भी कब्ज़ा कर लेता है। इससे उसमें लालच, भय और असंतोष
उत्पन्न हो जाता है।
(ग) “हम स्वच्छंद और क्यों
तुमने, डाली है बेड़ी पग में ? ” पक्षी को स्वच्छंद और
मनुष्य को बेड़ियों में क्यों बताया गया है?
उत्तर:
पक्षियों को स्वच्छंद और मनुष्य को बेड़ियों में इसलिए
बताया गया है क्योंकि पक्षी बंधन से मुक्त होते हैं। उन्होंने अपनी इच्छाओं, स्वार्थ और संग्रह की प्रवृति को सीमित रखा है, जबकि मनुष्य
बेड़ियों में बंधा हुआ है। वह अपने विचारों, इच्छाओं और समाज द्वारा तय
की गई सीमाओं में उलझा हुआ है। वह बाहर से आज़ाद दिखता है किंतु भीतर से बंध नों
में जकड़ा हुआ है।
अनुमान और
कल्पना से
अपने समूह में
मिलकर संवाद कीजिए-
प्रश्न 1.
चिड़िया मनुष्य को स्वतंत्रता का संदेश देती है, आपके अनुसार मनुष्य के पास किन कार्यों को करने की स्वतंत्रता है और किन
कार्यों को करने की स्वतंत्रता नहीं है?
उत्तर:
मनुष्य को निम्नलिखित कार्यों को करने की स्वतंत्रता है-
1.
निर्णय लेने की
स्वतंत्रता
2.
श्रम करने की
स्वतंत्रता
3.
सही और गलत का
चुनाव करने की स्वतंत्रता
4.
विचार और
अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता
5.
रुचियों और
हुनर को अपनाने की स्वतंत्रता
मनुष्य को
निम्नलिखित कार्यों को करने की स्वतंत्रता नहीं हैं-
1.
दूसरों को हानि
पहुँचाने की
2.
प्रकृति को
नष्ट करने की
3.
नफ़रत फैलाने
की
4.
अनुशासनहीनता
फैलाने की
प्रश्न 2.
चिड़िया और मनुष्य का जीवन एक-दूसरे से कैसे भिन्न है?
उत्तर:
चिड़िया और मनुष्य का जीवन एक-दूसरे से बहुत अलग है।
चिड़िया स्वतंत्र ओर स्वच्छंद रहती है। उसकी आवश्यकताएँ सीमित है। वह संग्रह नहीं
करती है। उसका जीवन बिना लालच, ईर्ष्या और द्वेष के चलता
है। वह एकदम सहज और सरल जीवन जीती है। इसके विपरीत मनुष्य का जीवन बंधनयुक्त होता
है। वह समाज, रिश्तों, नियमों और ज़िम्मेदारियों
से बँधा होता है। उसकी इच्छाएँ असीमित होती हैं। वह भविष्य की चिंता में रहता है
और संचय करता व योजना बनाता रहता है। उसका जीवन लालच, ईर्ष्या, द्वेष आदि से घिरा रहता है। हमें चिड़िया से सीखना चाहिए कि
कैसे कम में भी खुश रहा जाए तथा स्वतंत्र होकर भी सीमाओं का सम्मान किया जाए।
प्रश्न 3.
चिड़िया कहीं भी अपना घर बना सकती है, यदि आपके पास चिड़िया जैसी सुविधा हो तो आप अपना घर कहाँ बनाना चाहेंगे और
क्यों?
उत्तर:
अगर मुझे चिड़िया जैसी स्वतंत्रता और सुविधाएँ मिले तो मैं
अपना घर ऐसे स्थान पर बनाना पसंद करूंगा, जहाँ प्राकृतिक सौंदर्य, शांति और आत्मिक संतुष्टि हो । हिमालय की वादियों में यह बनावट मुझे बहुत
सुकून प्रदान करेगी। पहाड़ों की शीतल, सुरम्य वादियाँ, हरे-भरे पेड़-पौधे, मनमोहक जल प्रपातों के बीच जीवन बिताकर मैं अपने को धन्य
समझँगा । मुझे आत्मिक शांति मिलेगी है।
(विद्यार्थी अपनी रुचि के
अनुसार उत्तर लिखें।)
प्रश्न 4.
यदि आप चिड़िया की भाषा समझ सकते तो आप चिड़िया से क्या
बातें करते?
उत्तर:
अगर मुझे चिड़िया की भाषा समझने का अवसर मिलता तो मैं
चिड़िया से निम्नलिखित बातें करता-
1.
तुम्हें आकाश
में उड़ना कैसा लगता है?
2.
तुम्हें अपना
घर पेड़ की डाली पर बनाना कितना अच्छा लगता है?
3.
तुम अन्य
चिड़ियों के साथ रहती हो,
तो क्या तुम सब मिलकर एक-दूसरे की मदद करती हो?
4.
क्या तुम्हें
लगता है कि तुम स्वतंत्र हो ?
मैं ये सब
बातें चिड़िया से करता क्योंकि ये सब पूछकर मैं उसकी स्वतंत्रता, स्वच्छंदता तथा उन्मुक्तता के बारे में जानना चाहता हूँ।
कविता की रचना
“सब मिल-जुलकर रहते हैं वे,
सब मिल-जुलकर खाते हैं”
• रेखांकित शब्दों पर ध्यान
दीजिए। ये शब्द लिखने-बोलने में एक जैसे हैं। इस तरह की शैली प्राय: कविता में आती
है। अब आप सब मिल-जुलकर नीचे दी गई कविता को आगे बढ़ाइए-
संकेत– सब मिल-जुलकर हँसते हैं वे
सब मिल-जुलकर गाते हैं …….
…………………………….
…………………………….
उत्तर:
जीवन साझा जीते हैं
वे सुख-दुःख साझा करते हैं।
भाषा की बात
“पीपल की ऊँची डाली पर
बैठी चिड़िया गाती है!
तुम्हें ज्ञात क्या अपनी
बोली में संदेश सुनाती है ?”
• रेखांकित शब्दों पर ध्यान
दीजिए। ‘गाती’ और सुनाती’ रेखांकित शब्दों से चिड़िया के गाने और सुनाने के कार्य
का बोध होता है। वे शब्द जिनसे कार्य करने या होने का बोध होता है, उन्हें क्रिया कहते हैं । कविता में ऐसे क्रिया शब्दों को ढूँढकर लिखिए और
उनसे नए वाक्य बनाइए ।
उत्तर:
कविता में आए क्रिया शब्द तथा उनसे बने वाक्य निम्नलिखित
हैं-
1.
सिखलाती
(सिखाती) – मेरी माता जी मुझे अच्छी-अच्छी बातें सिखलाती हैं।
2.
बतलाती (बताती)
– दोनों सखियाँ उस घटना के बारे में बतलाती हैं।
3.
खाते हैं – हम
सब मिलकर खाना खाते हैं।
4.
सो जाते – रात
के दस बजे हम सो जाते हैं।
5.
भरते हैं – पंप
से हवा भरते हैं।
6.
उड़ जाती
है-हवा चलने पर कपड़े उड़ जाते हैं।
पाठ से आगे
भावों की बात
(क) जब आप नीचे दिए गए दृश्य
देखते हैं तो आपको कैसा महसूस होता है? अपने उत्तर के कारण भी
सोचिए और बताइए। आप नीचे दिए गए भावों में से शब्द चुन सकते हैं। आप किसी भी दृश्य
के लिए एक से अधिक शब्द भी चुन सकते हैं।
उत्तर:
(विद्यार्थी अपने सहपाठियों के साथ चर्चा करके
उपर्युक्त उत्तरों के कारण कक्षा में एक-दूसरे से साझा करें।)
(ख) उपर्युक्त भावों में से
आप कौन-से भाव कब-कब अनुभव करते हैं? भावों के नाम लिखकर उन
स्थितियों के लिए एक-एक वाक्य लिखिए।
(संकेत-आत्मविश्वास – जब मैं अकेले पड़ोस की
दुकान से कुछ खरीदकर ले आता हूँ।)
उत्तर:
1.
वीरता – जब
किसी को सड़क पर चोट लगी हो और सब चुपचाप देख रहे हों, उस समय उस व्यक्ति की मदद करने के लिए जाता हूँ।
2.
करुणा- जब किसी
गरीब, असहाय या बीमार व्यक्ति को तकलीफ़ में देखता हूँ।
3.
आनंद- जब किसी
गरीब की कुछ सहायता करता हूँ।
4.
आश्चर्य – जब
कोई ऐतिहासिक इमारत को देखता हूँ तो उसकी संरचना को देखकर आश्चर्य होता है।
5.
प्रेम – जब
अपनी माता जी के साथ बातें करता हूँ ।
6.
शांति- जब अपनी
पंसद का कोई काम करता हूँ,
जैसे- चित्र बनाना ।
7. डर- जब भूत की कोई फ़िल्म देखता हूँ तब डर का
अनुभव होता है।
8. चिंता – जब परीक्षा निकट होती है तो उसकी चिंता
सताने लगती है।
(विद्यार्थी स्वयं भावों के
नाम लिखकर उनसे एक-एक वाक्य बनाएँगे।)
आज की पहेली
• कविता में आपने कई पक्षियों
के नाम पढ़े। अब आपके सामने पक्षियों से जुड़ी कुछ पहेलियाँ दी गई हैं । पक्षियों
को पहचानकर सही चित्रों के साथ रेखा खींचकर जोड़िए-
उत्तर:
![]()
![]()
चित्र की बात
![]()
दिए गए चित्रों
को ध्यान से देखिए (पाठ्यपुस्तक की पृष्ठ संख्या – 123 देखें) और
बताइए।
• आप पक्षियों को इनमें से कहाँ देखना पंसद करेंगे
और क्यों?
उत्तर:
मैं पक्षियों को तीसरे चित्र में देखना पसंद करूँगा क्योंकि
पक्षियों को स्वतंत्र और प्राकृतिक वातावरण बेहद पसंद होता है। वहाँ वे बिना किसी
डर रह सकते हैं। वे अपनी मर्ज़ी से उड़ सकते हैं, गा सकते है तथा
कहीं भी आ-जा सकते हैं। पक्षियों की असली खुशी उनके खुले पंखों में होती है, पिंजरों या ऊँची-ऊँची इमारतों में नहीं । अतः खुले बाग-बगीचे या उपवन ही
पक्षियों के रहने के लिए उचित स्थान है।
निर्भय विचरण
![]()
“सीमा-हीन गगन में उड़ते,
निर्भय विचरण करते हैं” ”
• कविता की इन पंक्तियों को
पढ़िए और दिए गए चित्रों को देखिए (पाठ्यपुस्तक की पृष्ठ संख्या – 123 देखकर) । इन चित्रों को देखकर आपके मन में क्या विचार आ रहे हैं?
(संकेत – जैसे इन चित्रों में कौन निर्भय विचरण
कर रहा है?)
उत्तर:
दिए गए चित्रों को देखकर हमारे मन में कई विचार आ रहे हैं; जैसे-
पहले चित्र में पशु-पक्षी स्वतंत्र रूप से जंगल में विचरण
कर रहे हैं और मनुष्य गाड़ी में बंद होकर उन्हें देख रहे हैं, जबकि दूसरे चित्र में पशु-पक्षी पिंजरों में कैद हैं और मनुष्य स्वतंत्र रूप
से घूमकर उन्हें देख रहे हैं। अत: पहला चित्र पशु-पक्षियों की स्वतंत्रता को और
दूसरा चित्र उनकी पराधीनता को व्यक्त कर रहा है। यह देखकर हमारे मन में दुख और
आक्रोश का भाव उत्पन्न हो रहा है। पशु-पक्षी स्वतंत्र रूप से रहना पसंद करते हैं, उन्हें पिंजरे में कैद करके उनकी स्वतंत्रता समाप्त की जा रही है, जो कि किसी भी दृष्टि से उचित नहीं है।
साथ-साथ
![]()
![]()
“वन में जितने पंछी हैं, खंजन,
कपोत, चातक, कोकिल;
काक,
हंस,
शुक आदि वास
करते सब आपस में हिलमिल!”
प्रश्न 1.
वन में सारे पक्षी एक साथ रह रहे हैं, हमारे परिवेश में भी पशु-पक्षी साथ रहते हैं । आप विचार कीजिए कि हमारे परिवेश
में उनका रहना क्यों आवश्यक है?
उत्तर:
हमारे परिवेश में पशु-पक्षियों का रहना बहुत आवश्यक है
क्योंकि पशु-पक्षी हमारे पर्यावरण के संरक्षक, संतुलनकर्ता और सुंदरता
बढ़ाने वाले मित्र हैं। यदि वे नहीं होंगे, तो न प्रकृति रहेगी, न धरती रहेगी और न ही हम जीवित रहेंगे । इसलिए पशु-पक्षियों का संरक्षण और
सम्मान करना हम सबकी ज़िम्मेदारी है।
प्रश्न 2.
हम अपने आस-पास रहने वाले पशु-पक्षियों की सहायता कैसे कर
सकते हैं?
उत्तर:
हम अपने आस – पास रहने वाले पशु-पक्षियों की सहायता
निम्नलिखित तरीकों से कर सकते हैं-
1.
पक्षियों के
लिए एक बर्तन में पानी और कुछ अनाज रखकर ।
2.
पेड़-पौधे
लगाकर और उन्हें सुरक्षित रखकर ।
3.
बेसहारा
जानवरों को खाना और पानी देकर ।
4.
घायल
पशु-पक्षियों को चिकित्सा सहायता देकर ।
5.
लोगों को
पशु-पक्षियों के प्रति जागरूक करके
6.
पशु-पक्षियों
को चोट पहुँचाने, डराने तथा परेशान करने से बचकर |
(विद्यार्थी अपने विचार साझा
कर सकते हैं।)
शब्द एक अर्थ
अनेक
(पाठ्यपुस्तक की पृष्ठ
संख्या – 124 पर देखें।)
• दिए गए शब्दों का अलग-अलग
अर्थों या संदर्भों में प्रयोग कीजिए-
उत्तर:
(क) कर
1.
हाथ – नेता जी
ने अपने कर कमलों से इमारत का उद्घाटन किया।
2.
शुल्क –
ज़मींदार ने किसान का कर माफ कर दिया।
(ख) जल
1.
पानी- पक्षियों
के लिए कटोरी में जल भर कर रख दो।
2.
जलना- सोनिया
की बनाई गई रोटी जल गई।
(ग) अर्थ
1.
मतलब– ‘साधना’
शब्द का अर्थ बताइए ।
2.
धन – साहिल ने
अपने जीवन में बहुत अर्थ अर्जित किया।
(घ) फल
1.
खाने की वस्तु
– डॉक्टर ने कहा, रोज़ एक फल खाना चाहिए।
2.
परिणाम – मेहनत
का फल अवश्य मिलता है।
(ङ) आम
1.
साधारण – आम
जनता के लिए कई योजनाएँ लागू की गई हैं।
2.
एक फल- पेड़ पर
ढेर सारे आम लगे हैं।
रचनात्मकता
(क) खुले आसमान में, पेड़ों की टहनियों, छतों और भवनों आदि पर बैठे या उड़ते पक्षी बहुत मनमोहक लगते
हैं। अपनी पसंद के ऐसे कुछ दृश्यों का कोलाज बनाकर कक्षा में प्रदर्शित कीजिए।
(ख) “स्वतंत्रता और प्रेम” का संदेश देने वाला एक
पोस्टर बनाइए। इसमें इस कविता की कोई पंक्ति या संदेश भी सम्मिलित कीजिए ।
(विद्यार्थी स्वयं करें।)
हमारा पर्यावरण
• मनुष्य बिना सोचे-समझे
जंगलों की लगातार कटाई कर रहा है, जिससे पशु-पक्षियों का जीवन
प्रभावित हो रहा है। मनुष्य द्वारा किए जा रहे ऐसे कार्यों की एक सूची बनाइए, जिनसे पर्यावरण व हमारे परिवेश के पशु-पक्षियों के लिए संकट की स्थिति उत्पन्न
हो रही है। इस संकट की स्थिति से बचने के लिए क्या-क्या उपाय किए जा सकते हैं? लिखिए। आप इस कार्य में शिक्षक, इंटरनेट और पुस्तकालय की
सहायता भी ले सकते हैं।
उत्तर:
मनुष्य द्वारा किए जा रहे ऐसे कार्य, जिनसे पर्यावरण व हमारे परिवेश के पशु-पक्षियों के लिए संकट की स्थिति उत्पन्न
हो रही है, वे निम्नलिखित हैं-
1.
वनों की कटाई
की जा रही है और वहाँ कृषि कार्य, इमारतें और उद्योग लगाएँ जा
रहे हैं, जिनसे जानवरों का प्राकृतिक आवास नष्ट हो रहा है।
2.
प्लास्टिक का
अत्यधिक उपयोग पर्यावरण तथा पशु-पक्षियों के लिए जानलेवा साबित हो रहा है।
3.
कीटनाशकों और
रसायनों के अत्यधिक प्रयोग से खान-पान की वस्तुएँ, नदियाँ, मिट्टी आदि प्रभावित हो रही हैं।
4.
प्रदूषण में
वृद्धि से पर्यावरण पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा रहा है।
इस संकट से
बचने के लिए निम्नलिखित उपाय किए जा सकते हैं-
1.
वनों का
संरक्षण करें, पेड़ लगाएँ और अवैध कटाई रोकें।
2.
प्लास्टिक का
उपयोग कम करें।
3.
पुन:चक्रण और
पुन: उपयोग को बढ़ावा दें।
4.
प्रदूषण को कम
करने के लिए सार्वजनिक परिवहन, का उपयोग करें अथवा साइकिल
या पैदल यात्रा करें।
5.
पर्यावरण
शिक्षा और जागरूकता फैलाएँ।
(विद्यार्थी स्वयं अपने
विचार साझा करें।)
परियोजना कार्य
(क) पर्यावरण संरक्षण के लिए
हम अपने स्तर पर कुछ प्रयास कर सकते हैं। आप अपने विद्यालय, आस-पास और घरों में देखिए कि किन-किन कार्यों में प्लास्टिक के थैले का प्रयोग
किया जाता है? उन कार्यों की सूची बनाइए। अब इनमें प्रयोग किए जा रहे
प्लास्टिक के थैलों के विकल्पों पर विचार कीजिए और लिखिए।
(संकेत — जैसे- हम प्लास्टिक के थैले की जगह कागज
या कपड़े के थैले का प्रयोग किन – किन कार्यों में कर सकते हैं।)
उत्तर:
• विद्यालय, हमारे आसपास और घरों में
प्लास्टिक के थैलों का प्रयोग निम्नलिखित कार्यों में किया जाता है-
1.
कागज़ात व
किताबों को रखने के लिए प्लास्टिक के थैलों का उपयोग किया जाता है।
2.
दुकानदार सब्जी
व फल प्लास्टिक की थैली में देता है।
3.
चावल, दाल, शक्कर जैसे सूखे सामान को प्लास्टिक की थैलियों में पैक
करके बेचा जाता है।
4.
दवाई की छोटी
बोतलें और गोली के पत्तों को प्लास्टिक की थैलियों में दिया जाता है।
5.
कचरा डालने के
लिए प्लास्टिक की थैलियों का प्रयोग किया जाता है।
6.
हमारे जीने की
वस्तुओं की डिलीवरी या टेकअवे में प्लास्टिक की थैलियों का प्रयोग किया जाता है।
प्लास्टिक के
थैलों के विकल्प निम्नलिखित हैं-
1.
कपड़े का थैला
2.
जूट का थैला
3.
कागज का बैग
(पेपर बैग)
4.
बाँस / पत्तों
से बने पारंपरिक थैले
5.
नाइलॉन या
मज़बूत फाइबर के बार – बार उपयोग किए जा सकने वाले बैग।
(ख) सभी विद्यार्थी
‘पर्यावरण बचाओ’ विषय पर एक नुक्कड़ नाटक तैयार करें और उसकी प्रस्तुति विद्यालय
प्रांगण में करें।
उत्तर:
विद्यार्थी स्वयं मिलकर सामूहिक रूप से ‘पर्यावरण बचाओ’
विषय पर एक नुक्कड़ नाटक तैयार कर विद्यालय में प्रस्तुत करें।
झरोखे से
कविता में
पक्षियों के ‘सीमा हीन गगन में उड़ने’ की बात कही गई है। पक्षियों का आकाश में
उड़ना उद्देश्यपूर्ण है। पक्षियों की उड़ान से जुड़ी एक रोचक जानकारी आगे दी गई
है। इसे पढ़कर आप पक्षियों की उड़ान से जुड़े कुछ नए तथ्यों को जान पाएँगे।
पक्षियों की
प्रवास यात्राएँ
पक्षियों की
प्रवास यात्राएँ सब से विचित्र और रहस्यपूर्ण होती हैं। हर साल शरद ऋतु और शुरू
जाड़ों में अनेक पक्षी एशिया, यूरोप तथा अमरीका के उत्तरी
भागों में स्थित अपने स्थानों से चलकर गरम देशों में आ जाते हैं। वसंत तथा गरमियों
में वे फिर वापस उत्तर में पहुँच जाते हैं।
वे समय के इतने
पक्के होते हैं कि इनके आने-जाने के एक-एक दिन की ठीक गणना की जा सकती है। हाँ, प्रतिकूल मौसम के कारण कभी देर हो जाए तो बात दूसरी है।
कुछ प्रजातियों
के पक्षी थोड़े ही दूरी पर जाते हैं। हर पक्षी थोड़ा बहुत तो इधर-उधर जाता-आता है
ही। कभी रहन-सहन के कष्टों के कारण तो कभी खाना कम हो जाने के कारण इस प्रकार का
आवागमन मुख्यतः उत्तर भारत में देखने को मिलता है जहाँ पर मौसम भिन्न-भिन्न और
तीव्रता लिए हुए होते हैं।
जो पक्षी ऊँचे
पहाड़ों पर गरमियाँ बिताते हैं वे जाड़ों में निचली पहाड़ियों, तराई अथवा मैदानों में चले आते हैं। इस प्रकार का आवागमन भारत में बहुत अधिक
पाया जाता है, जहाँ गंगा के क्षेत्र के बराबर ही विशाल हिमालय है।
![]()
इन छोटे-छोटे
वीर यात्रियों को अपनी समस्त लंबी-लंबी यात्राओं के बीच भारी कष्ट झेलने पड़ते हैं
और बड़े-बड़े संकटों का सामना करना पड़ता है। कभी जंगलों, कभी मैदानों और कभी समुद्र के ऊपर से गुजरना होता है। कभी भयंकर तूफ़ान आ जाते
हैं और वे अपने मार्ग से भटक जाते हैं। बहुधा वे आँधियों के थपेड़ों से समुद्र की
ओर पहुँच जाते हैं और फिर एकदम नीचे पठारों में समा जाते हैं। रात को नगर का तीव्र
प्रकाश इन्हें भटका देता है।
कुछ पक्षी बीच
में रुक-रुक कर यात्रा करते हैं।
ताकि थकान न
हो। कुछ ऐसे पक्षी भी हैं जो खाने और आराम करने के लिए बिना रुके लगातार बहुत
लंबी-लंबी यात्राएँ पूरी कर लेते हैं। कुछ पक्षी केवल दिन में उड़ते हैं तो कुछ
दिन और रात दोनों समय किंतु अधिकतर पक्षी सूर्यास्त के बाद अपनी यात्रा पर बढ़ते
जाते हैं।
पक्षी प्रायः
दल बनाकर उड़ते हैं। सारस और हंस जब आकाश में ‘वी’ (V) की आकृति में उड़ते जाते हैं तब तुरंत हमारा ध्यान उधर खिंचा चला जाता है।
अबाबील, चकदिल, फुदकी, समुद्रतटीय पक्षी तथा जलपक्षी दलों में इकट्ठे हो जाते हैं। प्रत्येक दल में
एक ही प्रकार के पक्षी होते हैं। हर दल में परों की तेज फड़फड़ाहट और चहचहाहट होती
है। उसके बाद वे धरती से हवा में उठ जाते हैं और आकाश को चीरते हुए आगे ही आगे
बढ़ते जाते हैं।
– पक्षी जगत, राष्ट्रीय पुस्तक न्यास, दिल्ली
• कविता में पक्षियों के
‘सीमा – हीन गगन में उड़ने’ की बात कही गई है। पक्षियों का आकाश में उड़ना
उद्देश्यपूर्ण है। पक्षियों की उड़ान से जुड़ी एक रोचक जानकारी आगे दी गई है। इसे
पढ़कर आप पक्षियों की उड़ान से जुड़े कुछ नए तथ्यों को जान पाएँगे।
उत्तर:
विद्यार्थी पाठ्यपुस्तक में दी गई पक्षियों की उड़ान से
जुड़ी रोचक जानकारी पढ़कर उससे जुड़े नए तथ्यों की जानकारी प्राप्त करें।
साझी समझ
• आप इंटरनेट या किसी अन्य
माध्यम की सहायता से अन्य प्रवासी पक्षियों के बारे में रोचक जानकारी एकत्रित
कीजिए और प्रवासी पक्षियों पर लेख लिखिए ।
उत्तर:
प्रवासी पक्षियों के बारे में रोचक जानकारी-
1.
प्रवासी पक्षी
रास्ता नहीं भूलते हैं। वे दिशा जानने के लिए सूरज की दिशा, तारों की स्थिति और पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र का उपयोग करते हैं।
2.
कुछ पक्षी
लगातार 8 – 10 दिन तक उड़ते हैं। वे बीच में विश्राम-स्थल ढूढ़ते हैं, जहाँ भोजन और पानी मिल सके।
3.
कुछ प्रवासी
पक्षी एक साथ झुंड में उड़ते हैं। इससे वे शिकारियों से बचते हैं और हवा में ऊर्जा
की बचत भी करते हैं।
4.
कुछ प्रवासी
पक्षी 10,000 से 15,000
किलोमीटर तक उड़ान भरते हैं।
प्रवासी
पक्षियों पर लेख
प्रवासी पक्षी
वे होते हैं जो बदलते मौसम,
भोजन की तलाश या प्रजनन के लिए एक स्थान से दूसरे स्थान पर
जाते हैं और फिर वापस लौटते हैं। प्रवासी पक्षी मुख्यत: सर्दियों और गर्मियों में
स्थान बदलते हैं। जब किसी क्षेत्र में बहुत ठंड या गर्मी हो जाती है और वहाँ भोजन
मिलना मुश्किल हो जाता है,
तो ये पक्षी ऐसे क्षेत्रों की ओर उड़ जाते हैं जहाँ मौसम
अनुकूल हो और भोजन उपलब्ध हो। प्रवासी पक्षी प्रकृति का अद्भुत उपहार हैं। इनकी
लंबी यात्राएँ हमें यह सिखाती हैं कि धैर्य, दिशा और उद्देश्य के साथ
किसी भी लक्ष्य को पाया जा सकता है। इन पक्षियों की रक्षा करना हमारा कर्तव्य है
ताकि आने वाली पीढ़ियाँ भी इनकी खूबसूरती और अद्भुत प्रवास को देख सके।
खोजबीन के लिए
नीचे दी गई
इंटरनेट कड़ियों का प्रयोग करके आप जीव-जगत के बारे में और भी जान-समझ सकते हैं—
- हमारा पर्यावरण
https://youtu.be/gKvAoGtZY1I?si=3Z9zHAxMzeosnm7L - वह चिड़िया जो
https://youtu.be/T93aUA1jHkI?feature=shared
(विद्यार्थी पाठ्यपुस्तक में
दिए गए लिंक की सहायता से जीव-जगत के बारे में विस्तार से समझें ।)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें