NCERT Class 8th Hindi Chapter 3 एक आशीर्वाद Question Answer
कक्षा 8 हिंदी पाठ 3 प्रश्न उत्तर – Class 8 Hindi एक आशीर्वाद Question Answer
पाठ से प्रश्न- अभ्यास
(पृष्ठ 37–41)
आइए, अब हम इस कविता को थोड़ा और विस्तार से समझते हैं। नीचे दी गई गतिविधियाँ इस कार्य में आपकी सहायता करेंगी।
मेरी समझ से
(क) निम्नलिखित प्रश्नों के उपयुक्त उत्तर के सम्मुख तारा बनाइए । कुछ प्रश्नों के एक से अधिक उत्तर भी हो सकते हैं।
प्रश्न-
प्रश्न 1.
कविता में किसे संबोधित किया गया है?
(क) युवा वर्ग को
(ख) नागरिकों को
(ग) बच्चों को
(घ) श्रमिकों को
उत्तर:
(क) युवा वर्ग को
प्रश्न 2.
“तेरे स्वप्न बड़े हों” पंक्ति में ‘स्वप्न’ से क्या आशय है?
(क) कल्पना की उड़ान भरना
(ख) आकांक्षाएँ और रुचियाँ रखना
(ग) बहुत-सी उपलब्धियाँ पाना
(घ) बड़े लक्ष्य निर्धारित करना
उत्तर:
(घ) बड़े लक्ष्य निर्धारित करना
प्रश्न 3.
“उँगली जलाएँ” पंक्ति में उँगली जलाने का भाव
(क) चुनौतियों को स्वीकार करना
(ख) प्रकाश का प्रसार करना
(ग) अग्नि के ताप का अनुभव करना
(घ) कष्टों से नहीं घबराना
उत्तर:
(घ) कष्टों से नहीं घबराना
प्रश्न 4.
“अपने पाँवों पर खड़े हों” पंक्ति से क्या आशय है?
(क) अपने पैरों पर खड़े होना
(ख) सफलता प्राप्त करना
(ग) कठिनाइयों का सामना करना
(घ) आत्मनिर्भर होना
उत्तर:
(घ) आत्मनिर्भर होना
(ख) हो सकता है कि आपके समूह के साथियों ने अलग-अलग उत्तर चुने हों। अपने मित्रों के साथ चर्चा कीजिए कि आपने ये उत्तर ही क्यों चुने?
उत्तरः
पहले प्रश्न का सही विकल्प मैंने “युवा वर्ग” को चुना है, क्योंकि कविता युवाओं को उनके कर्तव्यों और जिम्मेदारियों का बोध कराती है, उन्हें प्रेरित करती है कि वे अपने जीवन को सार्थक बनाएँ और समाज तथा राष्ट्र के निर्माण में सक्रिय भूमिका निभाएँ ।
दूसरे प्रश्न का सही विकल्प मैंने “ बड़े लक्ष्य निर्धारित करना” चुना है, क्योंकि ‘स्वप्न’ शब्द का प्रयोग यहाँ केवल सोने में आने वाले सपनों के लिए नहीं, बल्कि जीवन में कुछ बड़ा करने की आकांक्षा, महत्वाकांक्षा और लक्ष्य के रूप में किया गया है।
कवि युवा वर्ग को प्रेरित करता है कि उसके सपने छोटे न हों, बल्कि बड़े हों और जीवन में कुछ विशेष करने के लिए हों। इसलिए ” बड़े लक्ष्य निर्धारित करना” इस पंक्ति का सबसे उपयुक्त उत्तर है ।
तीसरे प्रश्न का उत्तर मैंने “ कष्टों से नहीं घबराना ” चुना है। मैंने यह उत्तर इसलिए चुना है क्योंकि “उँगली जलाएँ” प्रतीकात्मक भाषा है, जो संघर्षों और कठिनाइयों का सामना करने की भावना को दर्शाती है। इसका सीधा अर्थ केवल शारीरिक कष्ट नहीं, बल्कि यह जीवन में आने वाली समस्याओं से डरने के बजाय उनसे जूझने और उनसे सीखने का संकेत देता है। यह पंक्ति प्रेरित करती है कि लक्ष्य प्राप्ति के मार्ग में आने वाले कष्टों से घबराना नहीं चाहिए, बल्कि उनका सामना करना चाहिए । अतः ” कष्ट से नहीं घबराना” इस पंक्ति का सही विकल्प है।
चौथे प्रश्न का उत्तर हमने “ आत्मनिर्भर होना ” चुना है। यह उत्तर इसलिए चुना है क्योंकि इस पंक्ति में व्यक्ति को अपने बलबूते, अपने प्रयासों से जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा दी गई है। यह पंक्ति आत्मविश्वास, साहस और स्वावलंबन की भावना को व्यक्त करती है। अतः, “आत्मनिर्भर होना” सबसे उपयुक्त उत्तर है।
मिलकर करें मिलान
कविता में से चुनकर कुछ पंक्तियाँ स्तंभ 1 में दी गई हैं। उन पंक्तियों के भाव या संदर्भ स्तंभ 2 में दिए गए हैं। पंक्तियों को उनके सही भाव अथवा संदर्भों से मिलाइए।
उत्तर:
1. 3
2. 1
4. 2
3. 4
पंक्तियों पर चर्चा
पाठ से चुनकर कुछ पंक्तियाँ नीचे दी गई हैं। इन्हें ध्यानपूर्वक पढ़िए और इन पर विचार कीजिए। आपको इनका क्या अर्थ समझ में आया? अपने विचार अपने समूह में साझा कीजिए और लिखिए-
(क) “जा,
तेरे स्वप्न बड़े हों ”
उत्तर:
“जा, तेरे स्वप्न बड़े हों ” – इस पंक्ति का अर्थ है – ” जाओ, तुम्हारे सपने महान और ऊँचे हों। ” यह एक आशीर्वाद और प्रेरणा से भरी हुई पंक्ति है, जिसमें यह कहा जा रहा है कि वह छोटे-मोटे लक्ष्यों तक सीमित न रहे बल्कि बड़े स्वप्न देखे, महत्वाकांक्षी बने और ऊँचाइयों तक पहुँचे ।
(ख) “ जल्द पृथ्वी पर चलना सीखें ”
उत्तर:
“जल्द पृथ्वी पर चलना सीखें” – इस पंक्ति का अर्थ है-
“जल्दी ही यथार्थ का सामना करना सीखें।” यह पंक्ति विशेष रूप से युवा वर्ग को प्रेरित करती है कि वे केवल कल्पनाओं में न खोएँ, बल्कि धरातल पर उतरकर मेहनत करें और जीवन की चुनौतियों का सामना करना सीखें।
(ग) “चाँद-तारों-सी अप्राप्य सच्चाइयों के लिए रूठना-मचलना सीखें”
उत्तर:
“चाँद-तारों-सी अप्राप्य सच्चाइयों के लिए रूठना-मचलना सीखें ” – इस पंक्ति का अर्थ है-
हमें अपने जीवन में ऐसे ऊँचे और कठिन लक्ष्य निर्धारित करने चाहिए जो चाँद-तारों की तरह दूर और कठिन प्रतीत होते हैं। उन लक्ष्यों को पाने के लिए हमें भावनात्मक रूप से जुड़ना चाहिए – यानी जब वे लक्ष्य हमें न मिलें तो हम दुखी हों, रूठें, मचलें, यानी उन्हें पाने की प्रबल इच्छा और बेचैनी हमारे भीतर होनी चाहिए ।
अनुमान और कल्पना से
अपने समूह में मिलकर चर्चा कीजिए-
(क) कविता में सपनों के बड़े होने की बात की गई है। आपके अनुसार बड़े सपने कौन – कौन से हो सकते हैं और क्यों?
उत्तर:
“एक आशीर्वाद” कविता में बड़े सपनों की बात करके कवि हमें प्रेरित करता है कि हम अपने जीवन में ऊँचे लक्ष्य रखें और उन्हें पाने की दृढ़ इच्छा रखें।
मेरे अनुसार निम्नलिखित सपने बड़े हो सकते हैं-
1. शिक्षा में ऊँचाई तक पहुँचना जैसे – वैज्ञानिक बनना, डॉक्टर, इंजीनियर या शोधकर्ता बनना।
क्यों-क्योंकि शिक्षा से समाज और देश का विकास होता है। यह व्यक्तिगत सफलता का भी आधार है।
2. देश की सेवा करना
जैसे – सेना में जाना, प्रशासनिक सेवा (IAS/ IPS) में जाना।
क्यों- क्योंकि ये सपने व्यक्ति को न केवल आत्मनिर्भर बनाते हैं, बल्कि समाज और राष्ट्र के लिए योगदान का अवसर भी देते हैं।
3. कोई नई खोज या आविष्कार करना जैसे- टेक्नोलॉजी या स्वास्थ्य क्षेत्र में कुछ नया करना।
क्यों- क्योंकि इसमें मानवता का भला होता है और हम दुनिया को बेहतर बना सकते हैं।
4. कला, संगीत, साहित्य में महान बनाना
जैसे – एक प्रसिद्ध लेखक, गायक या चित्रकार बनना।
क्यों-क्योंकि ये सपने लोगों के दिलों को छूते हैं और समाज को सांस्कृतिक रूप से समृद्ध करते हैं।
5. समाज में बदलाव लाने वाला बनना
जैसे- समाजसेवक, शिक्षाविद या पर्यावरण कार्यकर्ता बनना।
क्यों- क्योंकि यह लोगों के जीवन को बेहतर बनाने का सपना है।
(ख) ” हर दीये की रोशनी देखकर ललचाएँ/उँगली जलाएँ” पंक्ति में सपनों और लक्ष्यों को पूरा करने के लिए ललक की बात की गई है। ललक के साथ और क्या-क्या होना आवश्यक है और क्यों ? (संकेत – योजना, प्रयास आदि)
उत्तर:
“हर दीये की रोशनी देखकर
ललचाएँ / उँगली जलाएँ” पंक्ति में कवि ने ललक (प्रबल इच्छा) को दर्शाया है, जो हमें दूसरों की सफलता देखकर अपने लक्ष्य की ओर खींचती है। लेकिन केवल ललक होना ही पर्याप्त नहीं हैं।
ललक के साथ निम्नलिखित होना आवश्यक है-
1. मेहनत और निरंतर प्रयास केवल चाहने से सफलता नहीं मिलती, उसके लिए लगातार परिश्रम करना होता है।
क्यों-क्योंकि सपने तभी पूरे होते हैं जब हम उन्हें पाने के लिए लगातार प्रयास करें, भले ही रास्ता कठिन हो ।
2. सहनशीलता और धैर्य – रास्ते में बाधाएँ आएँगी, आलोचना होगी, असफलताएँ मिलेंगी।
क्यों-क्योंकि ललक के साथ धैर्य रखना जरूरी है ताकि हम असफलता से टूटे नहीं ।
3. साहस और आत्मविश्वास – बड़े सपनों को पाने के लिए जोखिम उठाना पड़ता है।
क्यों- क्योंकि डर और असमंजस सफलता की राह रोक सकते हैं।
4. दृढ़ निश्चय – निर्णय लेने के बाद उस पर अडिग रहना जरूरी है।
क्यों-क्योंकि लक्ष्य की राह में भ्रमित होना या दिशा बदलना नुकसानदायक हो सकता है।
5. समय का सदुपयोग – लक्ष्य की दिशा में समय का सही प्रयोग अत्यंत आवश्यक है।
क्यों – क्योंकि समय नष्ट करना लक्ष्य को दूर कर देता है।
(ग) कल्पना कीजिए कि आपका सपना ही आपका मित्र है। आपको उससे बातचीत करनी हो तो क्या बात करेंगे?
उत्तर:
मेरा सपना ही मेरा मित्र है। एक ऐसा मित्र जो मेरे दिल की हर बात जानता है। उससे हम निम्नलिखित बात करेंगे-
मैं- ” ओ मेरे सपने!
तू कब से मेरे दिल में छिपा बैठा था,
हर रात आँखों में आकर मुझे जगाता था-
अब जब तू सामने है,
तो एक ही सवाल है-
क्या मैं तेरे काबिल बन पाया हूँ ?”
सपना – “तू मुझसे क्यों डरता है ?
मैं कोई दूर चाँद नहीं,
बस तेरी मेहनत का रूप हूँ।
तेरी लगन से ही मैं आकार लूँगा ।
तू चलना शुरू तो कर!”
मैं- “चल तो रहा हूँ, पर डर लगता है-
कहीं रास्ता लंबा न हो जाए,
कहीं हार न जाऊँ!”
सपना – ” अगर तू हार गया,
तो मैं खो जाऊँगा।
लेकिन अगर तू लड़ा,
तो मैं तेरा ही बन जाऊँगा ।
मैं तुझसे दूर नहीं –
बस एक आखिरी कोशिश से दूर हूँ ।’
मैं –“ तो वादा है,
मैं अब पीछे नहीं हटूंगा।
तू मेरे साथ है,
तो दुनिया की कोई ताकत मुझे रोक नहीं सकती।”
(घ) यदि मैं किसी को आशीर्वाद देना चाहूँ, तो मेरा आशीर्वाद केवल सफलता या समृद्धि तक सीमित नहीं होगा- मैं ऐसा आशीर्वाद देना चाहूँगा जो जीवनभर साथ दे, जीवन को अर्थपूर्ण बनाए ।
उत्तर:
मैं अपने मित्रों और शुभचिंतकों को निम्नलिखित आशीर्वाद देना चाहूँगा-
1. सच्चे लक्ष्य और उन्हें पाने की हिम्मत का आशीर्वाद
क्यों- क्योंकि सही दिशा और साहस से ही जीवन सार्थक बनता है ।
2. कठिनाइयों में मुसकराने की शक्ति का आशीर्वाद
क्यों- क्योंकि जीवन में उतार-चढ़ाव आते हैं, लेकिन मुसकराने की ताकत इंसान को मजबूत बनाती है।
3. दूसरों के लिए रोशनी बनने का आशीर्वाद
क्यों- क्योंकि सच्चा इंसान वही है जो सिर्फ अपना नहीं, दूसरों का भी भला सोचे ।
4. सच्चे रिश्तों और प्यार का आशीर्वाद
क्यों-क्योंकि सफलता तभी खूबसूरत होती है जब उसे बाँटने वाले अपने हों।
5. आत्मनिर्भरता और आत्मसम्मान का आशीर्वाद
क्यों-क्योंकि आत्मनिर्भरता और स्वाभिमान जीवन की सबसे बड़ी पूँजी है।
कविता की रचना
प्रश्न – इस कविता में सपने को मनुष्य की तरह हँसते, मुसकराते, गाते हुए बताया गया है। ध्यान से देखें तो इस कविता में इस प्रकार की अन्य विशेषताएँ भी दिखाई देंगी। उन्हें लिखिए और कक्षा में उन पर चर्चा कीजिए ।
उत्तर:
‘एक आशीर्वाद” कविता में कवि दुष्यंत कुमार ने सपनों को केवल एक इच्छा या कल्पना न मानकर उन्हें जीवित, मानवीय रूप में प्रस्तुत किया है – जैसे वे हमारे साथी हों, हमारे साथ चलें, मुसकराएँ, गाएँ। इसके अलावा कविता में अन्य विशेषताएँ भी हैं, जो निम्नलिखित हैं-
1. सपनों को मानवीय रूप देना – ” हँसे, मुसकराएँ गाएँ”– ये सारी क्रियाएँ मनुष्य से जुड़ी हैं। कवि सपनों को मनुष्य की तरह प्रस्तुत करता है, ताकि वे पाठक के और अधिक करीब लगें। यह उन्हें केवल लक्ष्य नहीं, साथी बना देता है।
2. सपनों की भावनात्मक और संवेदनशीलता-‘रूठना, मचलना सीखें” सपना भी एक नन्हा बच्चा है जो जिद्द करता है। यह दिखाता है कि सपनों को पाने के लिए केवल योजना नहीं, भावनाओं का जुड़ाव भी जरूरी है।
3. सपनों का संघर्षशील रूप- “ जल्दी पृथ्वी पर चलना सीखें ” – सपना कल्पना से निकलकर हकीकत की ज़मीन पर उतरना चाहता है। यह संकेत देता है कि सच्चे सपने वही हैं जो धरातल पर आकर लें, केवल कल्पना में न रहें ।
4. सपनों की प्रेरणादायक शक्ति – ” जा, तेरे स्वप्न बड़े हों ” – सपना न केवल व्यक्ति का है, बल्कि उसे बढ़ने के लिए प्रेरित भी करता है। कविता सपनों को मार्गदर्शक और प्रेरणास्रोत की तरह दर्शाती है।
5. सपनों की निःस्वार्थता और रोशनी – ” हर दीये की रोशनी देखकर…” – सपना जलता है, जलता हुआ दिखता है – पर दूसरों को रोशनी देता है। यह दर्शाता है कि सच्चे सपने सिर्फ स्वार्थ तक सीमित नहीं होते – वे दूसरों का भी भला करते हैं।
सृजन
इस कविता के आरंभ में एक ही संज्ञा शब्द है- ‘स्वप्न’। इस शब्द को केंद्र में रखते हुए अनेक क्रिया शब्दों का ताना-बाना बुना गया है, जैसे – चलना, रूठना, मचलना सीखना, हँसना, मुस्कुराना, गाना, ललचाना और इस प्रकार कविता पूरी हो जाती है। आप भी किसी एक संज्ञा शब्द के साथ विभिन्न क्रिया शब्दों को प्रयोग करते हुए अपनी कविता बनाकर कक्षा में सुनाइए ।
उत्तर:
संज्ञा शब्द “बीज़”
बीज़
मिट्टी में दबा,
फिर भी सपने देखता है।
चुपचाप सहता है अंधेरे,
पर उजाले की चाह रखता है।
टूटता है,
बिखरता है,
फिर भी खिलता है।
धूप सहता है,
बरसात में भीगता है,
फिर भी मुसकराता है।
कभी पेड़ बनकर
छाया देता है,
कभी फल बनकर
मीठा हो जाता है।
बीज़-
जो हर अंत में
एक नई शुरुआत छुपाए बैठा है।
कविता का शीर्षक
इस कविता का शीर्षक ‘एक आशीर्वाद’ है जो कविता में कहीं भी प्रयुक्त नहीं हुआ है। यदि इस कविता की ही किसी पंक्ति या शब्द को कविता का शीर्षक बनाना हो तो आप कौन-सी पंक्ति या शब्द चुनेंगे और क्यों?
उत्तर:
“एक आशीर्वाद” कविता की किसी पंक्ति या शब्द को ही शीर्षक बनाना हो, तो मैं निम्न में से किसी एक को चुनूँगा-
1. “ जा, तेरे स्वप्न बड़े हों”
क्यों-क्योंकि-
यह कविता की सबसे प्रभावशाली, प्रेरणादायक और सारगर्भित पंक्ति है।
यही वह पंक्ति है जो पूरे आशीर्वाद का सार व्यक्त करती है कि तुम्हारे सपने बड़े हों और तुम ऊँचाइयाँ छुओ ।
इस पंक्ति में दिशा, प्रेरणा, आशा और प्रेम सभी भाव समाहित हैं।
2. “तेरे पाँव ज़मीन पर हों”
क्यों-क्योंकि-
यह पंक्ति विनम्रता, यथार्थ और संतुलन की सीख देती है।
यह आशीर्वाद देती है कि सफलता मिलने पर भी व्यक्ति ज़मीन से जुड़ा रहे।
भाषा की बात
(क) नीचे दिए गए रिक्त स्थानों में ‘स्वप्न’ से जुड़े शब्द अपने समूह में चर्चा करके लिखिए-
उत्तर:
(ख) कविता में से चुनकर कुछ शब्द नीचे दिए गए हैं और उनके सामने कुछ अन्य शब्द भी दिए गए हैं। उन शब्दों पर घेरा बनाइए जो समान अर्थ न देते हों-
उत्तर:
आना-जाना
आना’ और ‘जाना’ दो महत्त्वपूर्ण क्रियाएँ हैं । कक्षा में दो समूह बनाइए । एक समूह का नाम ‘आना’ और दूसरे समूह का नाम ‘जाना’ होगा। अब अपने-अपने समूह में इन दोनों क्रियाओं का प्रयोग करते हुए सार्थक वाक्य बनाइए और उन्हें चार्ट पेपर पर चिपकाकर अपनी कक्षा में लगाइए।
उत्तर:
उदाहरण वाक्य (“आना” समूह)
1. मैं स्कूल रोज़ समय पर आता हूँ।
2. माँ ने मुझे बुलाया, तो मैं तुरंत आया।
3. बारिश के बाद ठंडी हवा आई ।
4. क्या तुम कल मेरी जन्मदिन की पार्टी में आओगे?
5. वह हर रविवार को मंदिर आता है।
उदाहरण वाक्य (“जाना” समूह)
1. मैं कल अपने दादा-दादी के घर गया।
2. बच्चे पार्क में खेलने जा रहे हैं।
3. छुट्टी के बाद हम पिकनिक पर जाएँगे ।
4. वह रोज़ स्कूल जाती है।
5. बारिश होने से पहले ही हम घर चले गए।
डायरी
हँसें – मुसकराएँ- गाएँ
अपने किसी एक दिन की समस्त गतिविधियों पर ध्यान दीजिए और अपनी डायरी में लिखिए कि आप दिनभर में कब-कब हँसे, कब-कब मुसकराए, कब-कब गाए, कब-कब रूठे, कब-कब मचले ?
उत्तर:
मेरी डायरी – एक दिन की झलक
तारीख: 18 जुलाई 2025
स्थानः घर
आज का दिन कई भावनाओं से भरा रहा।
सुबह 8 : 00 बजे- जब मम्मी ने प्यार से उठाया और गरमागरम पराँठे परोसे, तो मैं मुसकुरा उठा। माँ का स्नेह दिन की सबसे प्यारी शुरुआत थी।
19 : 00 बजे – ऑनलाइन क्लास में दोस्त ने मजाक किया, तो हम सभी हँसने लगे। वह पल बहुत हल्का-फुल्का था।
11 : 00 बजे – पढ़ाई करते-करते जब मेरा मन ऊब गया तो मैंने अपना पसंदीदा गाना ” मेरी जान तिरंगा है” लगाया और गुनगुनाने लगा। उस पल ने मुझे तरोताज़ा कर दिया।
1 : 00 बजे – दोपहर के खाने में मेरी पसंद का नहीं था। तो मैंने थोड़ा-सा मुँह फुला लिया यानी थोड़ा रूठ गया।
2 : 30 बजे तक – मम्मी ने चॉकलेट दे दी, मैं फिर से मुसकुरा उठा और रूठना खत्म हुआ।
5:00 बजे- जब पापा ने शाम को खेलने नहीं जाने दिया, मैं मचल गया और लगभग आधे घंटे तक उदास होकर बैठा रहा ।
7 : 30 बजे- टीवी पर मेरा पसंदीदा प्रोग्राम “तारक मेहता का उल्टा चश्मा” आया, तो मैं हँसता रहा और पूरे दिल से गाया भी।
9 : 00 बजे – सोने से पहले मम्मी-पापा के साथ समय बिताया, उनके साथ बातें कीं, हँसे और दिन भर की थकान मिट गई।
पाठ से आगे
प्रश्न- अभ्यास (पृष्ठ 41-44)
आपकी बात
(क) कविता के माध्यम से बड़े लक्ष्य निर्धारित करने और उन्हें पूरा करने का आशीर्वाद दिया गया है। दिन-प्रतिदिन के जीवन में आपको अपने माता-पिता, अध्यापक एवं परिजनों से किस तरह के आशीर्वाद मिलते हैं? अपनी लेखन पुस्तिका में लिखिए।
(ख) आप भी अपने से छोटों के प्रति किसी न किसी प्रकार से शुभेच्छा प्रकट करते हैं, उन्हें लिखिए।
उत्तर:
(क) मुझे अपने माता-पिता, अध्यापक और परिवारजनों से निम्नलिखित आशीर्वाद मिलते हैं-
1. माता-पिता से-
ईमानदारी और मेहनत से काम करने का आशीर्वाद
सच्चाई के मार्ग पर चलने की प्रेरणा
हर परिस्थिति में धैर्य और संयम रखने की सीख
जीवन में बड़े सपने देखने और उन्हें पूरा करने का हौसला
2. अध्यापक से-
ज्ञान अर्जन करने और उसका सदुपयोग करने का आशीर्वाद
परीक्षा में सफल होने और आत्मविश्वास बढ़ाने का आशीर्वाद
सही निर्णय लेने और जीवन के प्रति सकारात्मक सोच रखने का आशीर्वाद
अपने लक्ष्य के प्रति समर्पण बनाए रखने का आशीर्वाद
3. परिजनों से-
प्रेम, सहयोग और सम्मान के साथ जीवन जीने की प्रेरणा
मुश्किल समय में मजबूत बने रहने का आशीर्वाद
अपने कर्तव्यों को निभाने और दूसरों की मदद करने की भावना
जीवन में हमेशा आगे बढ़ते रहने का आशीर्वाद
(ख) प्रिय छोटे भाई-बहनों,
आपके उज्ज्वल भविष्य की कामना करता हूँ। ईश्वर आपको सदैव स्वस्थ, प्रसन्न और सफलता की ऊँचाइयों तक पहुँचाए । जीवन में आने वाली हर चुनौतियों को आत्मविश्वास और धैर्य से पार करें। आपकी मुसकान हमेशा बनी रहे और आपके सपने साकार हों।
सदैव आपके साथ
अ ब स
सपनों की बातें
(क) आप क्या करना चाहते हैं और क्या पाना चाहते हैं? उन्हें एक परची पर लिखें। परची पर अपना नाम लिखना आवश्यक नहीं है। अपने अध्यापक द्वारा लाए गए डिब्बे में अपनी-अपनी परची को डाल दें। अध्यापक एक-एक करके इन परचियों पर लिखे सपनों को पढ़कर सुनाएँ । सभी विद्यार्थी अपने-अपने सुझाव दें कि उन सपनों को पूरा करने के लिए-
किस तरह के प्रयत्न करने होंगे?
किस तरह से योजना बनानी होगी ?
किससे और किस प्रकार का सहयोग लिया जा सकता है?
लक्ष्य-प्राप्ति में संभावित चुनौतियाँ कौन-कौन सी हो सकती हैं?
उत्तर:
विद्यार्थी स्वयं करेंगे।
हमारे सपने
आपके माता-पिता या अभिभावक आपकी आवश्यकताओं और इच्छाओं को जानते-समझते हैं। वे उन्हें पूरा करने के लिए यथासंभव प्रयत्न करते हैं। अपने माता-पिता या अभिभावक से उनके द्वारा देखे गए सपने और इच्छाओं के बारे में पूछिए कि वे क्या-क्या करना चाहते थे या चाहते हैं ? नीचे दी गई तालिका में उन सपनों को लिखिए। आप इस तालिका को और बढ़ा सकते हैं।
उत्तर:
1. माता -उनका सपना है कि घर में सुकून और एकता बनी रहे। वे चाहती हैं कि सबकी सेहत ठीक रहे और बच्चे जीवन में सफल हों। कभी-कभी वे खुद के लिए भी कोई हुनर (जैसे सिलाई, कुकिंग) में कुछ बड़ा करने का सपना देखती हैं।
2. पिता – उनका सपना है कि पूरा परिवार खुशहाल रहे। वे चाहते हैं कि उनके बच्चे पढ़-लिखकर अच्छे इंसान बनें और अपने पैरों पर खड़े हों । वे खुद भी कभी खेती या छोटा व्यापार शुरू करने का सपना देखते हैं।
3. दादा – वे चाहते हैं कि पूरा परिवार साथ रहे, बच्चे उन्हें समय दें और उनका आदर करें। उनका सपना यह होता है कि वे अपने पोते-पोतियों को सफल होते हुए देखें।
4. दादी – वे चाहते हैं कि पूरा परिवार साथ रहे, बच्चे उन्हें समय दें और उनका आदर करें। उनका सपना यह होता है कि वे अपने पोते-पोतियों को सफल होते हुए देखें।
5. नाना / नानी – वे चाहते हैं कि उनके नाती नातिन पढ़-लिख कर अच्छे इंसान बने। डॉक्टर, इंजीनियर, शिक्षक या कलाकार चाहे जो भी बनें, पर ईमानदार और दयालु जरूर बनें।
6. बहन – बहन का सपना है कि वे एक अच्छे प्रोफेशन (जैसे टीचर, डॉक्टर, इंजीनियर) में जाएँ और परिवार का नाम रोशन करें। वे विदेश घूमने या घर के लिए कार खरीदने का सपना भी देखती हैं।
7. भाई-भाई का सपना आईएएस, आईपीएस बनकर परिवार का नाम रोशन करना है।
सबके सपने
प्रतिदिन की आवश्यकताओं को पूरा करने में बहुत-से लोग सहयोग देते हैं, जैसे- शाक विक्रेता, स्वच्छताकर्मी, रिक्शाचालक, सुरक्षाकर्मी आदि। इनमें से किसी एक से साक्षात्कार कीजिए और उनके सपनों के विषय में जानिए। साक्षात्कार के समय कौन-कौन से प्रश्न हो सकते हैं? उनकी एक सूची भी बनाइए ।
उत्तर:
स्वच्छताकर्मी से साक्षात्कार
आप कब से सफाई का काम कर रहे हैं? आप इस काम में कैसे आए?
बीते समय में आपके द्वारा सामना की गई सबसे बड़ी मुश्किल क्या रही ?
कई बार बारिश में भी कचरा अलग करना पड़ता है, क्या आपने ऐसा अनुभव किया है?
क्या आपको पर्याप्त सुरक्षा – किट (PPE) मिलते ? अगर नहीं, तो किन चीज़ों की कमी रहती है?
क्या आपको लगता है कि आपके काम को समाज में पर्याप्त मान्यता और इज्जत मिलती है?
झरोखे से
आपने पढ़ा कि ‘एक आशीर्वाद’ कविता में सपनों के बड़े होने की बात की गई है। अब आप पढ़िए सुप्रसिद्ध वैज्ञानिक और भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम का एक प्रेरक उद्बोधन जिसमें वे न केवल सपने देखने की बात करते हैं, बल्कि सपनों को पूरा करने की योजना और प्रक्रिया के विषय में भी बताते हैं-
उत्तर:
विद्यार्थी स्वयं करें।
साझी समझ
आपने ‘एक आशीर्वाद’ कविता पढ़ी और डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम का उपर्युक्त उद्बोधन भी पढ़ा । अब आप इन दोंनों पर कक्षा में अपने साथियों के साथ चर्चा कीजिए।
उत्तर:
विद्यार्थी स्वयं करें।
खोजबीन के लिए
कला, विज्ञान, राजनीति, खेलकूद, मनोरंजन आदि क्षेत्रों में ख्याति प्राप्त करने वाले व्यक्तियों ने अपने-अपने सपनों को पूरा करने की संघर्ष यात्रा के बारे में लिखा है। उन्होंने अपने सपनों को साकार करने के लिए किस तरह से योजना बनाई, क्या – क्या संघर्ष किए? पुस्तकालय अथवा इंटरनेट की सहायता से ऐसे व्यक्तियों के बारे में पढ़िए ।
उत्तर:
विद्यार्थी स्वयं करें।
नमस्कार मित्रों, मैं दिनेश कुमार शर्मा आप सभी का इस ब्लॉग पर स्वागत करता हूँ। मेरे इस ब्लॉग में कई तरह के विषय शामिल किए गए हैं जो एक पाठक वर्ग के लिए बहुत ही उपयोगी सिद्ध होंगे।
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