बुधवार, 11 अक्तूबर 2023

NCERT Solutions for Class 9 Hindi पाठ 4 : वैज्ञानिक चेतना के वाहक चंद्रशेखर वेंकट रामन्

NCERT Solutions for Class 9 Hindi पाठ 4 : वैज्ञानिक चेतना के वाहक चंद्रशेखर वेंकट रामन्

शब्दार्थ, पाठ्यपुस्तक के प्रश्न-अभ्यास, लेखिका परिचय

Subject – Hindi/हिंदी

Class 9 Hindi Sparsh Chapter 4 : वैज्ञानिक चेतना के वाहक चंद्रशेखर वेंकट रामन्

 

पाठ्यपुस्तक के प्रश्न-अभ्यास

मौखिक

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक- दो पंक्ति में दीजिए:

1. रामन् भावुक प्रकृति प्रेमी के अलावा और क्या थे?

उत्तर: रामन् भावुक प्रकृति प्रेमी होने के अलावा एक जिज्ञासु वैज्ञानिक और सुयोग्य शोधकर्ता थे।

 

2. समुद्र को देखकर रामन् के मन में कौन-कौन सी दो जिज्ञासाएँ उठी?

उत्तर: समुद्र को देखकर रामन् के मन में उठने वाली दो जिज्ञासाएँ थीं-

  • समुद्र का रंग नीला क्यों होता है?
  • समुद्र का रंग नीला ही होता है, और कुछ क्यों नहीं ?

 

3. रामन्  के पिता ने उन में किन विषयों की सशक्त नींव डाली?

उत्तर: उनके पिता ने उन्हें भौतिकी एवं गणित की उत्तम शिक्षा दी, जो उनके लिए बाद में बहुत कारगर साबित हुई।

 

4. वाद्य यंत्रों की ध्वनि के अध्ययन के द्वारा रामन् क्या करना चाहते थे?

उत्तर: वाद्य यंत्रों की ढाणी के अध्ययन के द्वारा रमन उनके पीछे के वैज्ञानिक रहस्यों पर्दा उठाना चाहते थे, और दुनिया को यह बताना चाहते थे कि भारत के वाद्य यंत्र भी विदेशी वाद्य यंत्रों से किसी भी मायने में कम नहीं है।

 

5. सरकारी नौकरी छोड़ने के पीछे रमन की क्या भावना थी?

उत्तर: सरकारी नौकरी छोड़ने के पीछे रामन् की भावना यह थी कि वे सरस्वती की साधना को धन और सुख सुविधा से अधिक महत्त्वपूर्ण मानते थे। वे वैज्ञानिक रहस्यों के ज्ञान को सबसे अधिक मूल्यवान मानते थे।

 

6. रामन् प्रभाव की खोज के पीछे कौन सा सवाल हिलोरा ले रहा था?

उत्तर: रामन् प्रभावकी खोज के पीछे जो सवाल हिलोरें ले रहा था, वह है-समुद्र का रंग नीला ही क्यों होता है?

 

7. प्रकाश तरंगों के बारे में आइंस्टाइन ने क्या बताया?

उत्तर: प्रकाश तरंगों के बारे में आइंस्टाइन ने बताया था कि प्रकाश का रूप अति सूक्ष्म परमाणुओं की तीव्र प्रवाहधारा के समान होता है। प्रकाश के कण बुलेट के समान तीव्र प्रवाह से बहते हैं।

 

8. रामन्  की खोज ने किन अध्ययनों को सहज बनाया?

उत्तर: रामन् की खोज ने अणुओं और परमाणुओं की संरचना को सरल बनाने का कार्य किया, जिसका आधार एकवर्णीय प्रकाश के वर्षों में परिवर्तन था।

 

प्रश्न अभ्यास (लिखित) प्रश्नों के उत्तर (25 - 30 शब्दों में)लिखिए।

9. कॉलेज के दिनों में  रामन् की दिली इच्छा क्या थी?

उत्तर: कॉलेज के दिनों में रामन् की दिली इच्छा थी कि वह नए- नए वैज्ञानिक प्रयोग करें एवं अपना पूरा जीवन शोध कार्यों में लगा दे। परंतु उस समय भारत में शोध कार्यों को करने के लिए व्यवस्थित अनुसंधान केंद्र नहीं थे इसलिए वह उसे कैरियर के रूप में ना चुन सके।

 

10. वाद्य यंत्रों पर की गई खोजों से रामन् ने कौन-सी भ्रांतियों को तोड़ने की कोशिश की?

उत्तर: रामन्  ने देशी एवं विदेशी दोनों वाद्य यंत्रों पर अपने प्रयोग किए एवं उन्होंने इसके माध्यम से पश्चिमी देशों की इस भांति को तोड़ने की कोशिश की कि उनके वाद्ययंत्र भारतीय वाद्य यंत्रों से अधिक उत्तम हैं।

 

11. रामन् के लिए नौकरी संबंधी कौन-सा निर्णय कठिन था?

उत्तर: रामन् से जब आशुतोष मुखर्जी ने उनसे सरकारी नौकरी को छोड़कर कोलकाता विश्वविद्यालय में प्रोफ़ेसर का पद लेने के लिए आग्रह किया तो यह उनके लिए कठिन समस्या बन गई। उस समय रामन् जिस सरकारी पद पर थे उसकी हैसियत बहुत अधिक थी और वहां पर सुविधाएं भी बहुत मिलती थी परंतु कोलकाता विश्वविद्यालय में प्रोफेसर की पद की ना तो उतनी उस समय हैसियत थी ना ही इतनी सुविधाएं मिलती थी अतः उनके लिए बहुत ही कठिन निर्णय था।

 

12. सर चंद्रशेखर वेंकट रामन् को समय-समय पर किन-किन पुरस्कारों से सम्मानित किया गया?

उत्तर: सर चंद्रशेखर वेंकट रामन् को समय-समय पर निम्नलिखित पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है-

  • 1924 में उन्हें रॉयल सोसाइटी की सदस्यता प्रदान की गई।
  • 1920 में उन्हें सर की उपाधि दी गई।
  • 1930 में विश्व का सर्वोच्च पुरस्कार नोबेल पुरस्कार प्रदान किया गया।
  • 1954 में उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया गया
  • रॉयल सोसाइटी का ह्यूज पदक प्रदान किया गया।
  • सोवियत संघ का अंतरराष्ट्रीय लेनिन पुरस्कार मिला।

 

13. रामन् को मिलने वाले पुरस्कारों ने भारतीय चेतना को जागृत किया गया ऐसा क्यों कहा गया है?

उत्तर: रामन् को मिलने वाले पुरस्कारों ने भारतीयों के अंदर से अवधारणा को निकाल दिया कि वे अंग्रेजों से किसी मायने में कम है। उन्होंने विज्ञान के प्रति रुचि रखने वाले विद्यार्थियों को भी एक मार्ग दिखाया। रामन् को मिलने वाले पुरस्कारों ने भारतीय चेतना को जागृत किया।

 

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (50-60 शब्दों में)लिखिए।

14. रामन् के प्रारंभिक शोध कार्य को आधुनिक हठयोग क्यों कहा गया है?

उत्तर: रामन् के प्रारंभिक शोध कार्य को आधुनिक हठयोग इसलिए कहा गया है क्योंकि वह एक सरकारी अफसर थे इस कारण उनकी दिनचर्या बहुत ही व्यस्त थी। लेकिन वे जब भी फुर्सत पाते तो इंडियन एसोसिएशन फॉर द कल्टीवेशन ऑफ़ साइंस की प्रयोगशाला में काम करते। उपकरणों का अभाव में उन्हें उनकी वैज्ञानिक एवं अनुसंधान रुचि से वंचित न कर सका। उनके प्रारंभिक शोध कार्य को आधुनिक हठयोग कहा गया है।

 

15. रामन् की खोज रामन् प्रभाव क्या है? स्पष्ट कीजिए।

उत्तर - रामन् प्रभावका आशय है उनके द्वारा खोजा गया सिद्धांत। उन्होंने खोज करके बताया कि जब प्रकाश की एकवर्णीय किरणें किसी तरल पदार्थ या ठोस रवों के अणुओं-परमाणुओं से टकराती हैं तो उनकी ऊष्मा में या तो कमी हो जाती है, या वृद्धि हो जाती है। इस कमी या वृद्धि की मात्रा के साथ उनके रंग में भी अंतर आ जाता है। बैंजनी रंग की किरणों में सर्वाधिक ऊर्जा होती है, इसलिए इसके रंग में भी सर्वाधिक अंतर आता है। लाल रंग में न्यूनतम ऊर्जा होती है, इसलिए इसमें न्यूनतम परिवर्तन होता है। इस सिद्धांत से किसी भी अणु या परमाणु की आंतरिक संरचना की सटीक जानकारी मिल सकती है।

    

16. "रामन् प्रभाव" की खोज से विज्ञान के क्षेत्र में कौन-कौन से कार्य संभव हो सके?

उत्तर: "रामन् प्रभाव" की खोज से विज्ञान के क्षेत्र में निम्नलिखित कार्य संभव हो सके-

  • विभिन्न पदार्थों के अणुओं और परमाणुओं की आंतरिक संरचना का अध्ययन सहज हो गया।
  • पदार्थों की आंतरिक संरचना जानने के बाद अब उनका प्रयोगशाला में कृत्रिम उत्पादन संभव हो सका।
  • रामन् स्पेक्ट्रोस्कोपी का विकास हुआ जो एक अत्याधुनिक त्रुटि रहित तकनीक है।

 

17. देश को वैज्ञानिक दृष्टि और चिंतन प्रदान करने में सर चंद्रशेखर वेंकट रामन‌् के महत्वपूर्ण योगदान पर प्रकाश डालिए।

उत्तर: सर चंद्रशेखर वेंकट रामन् के शोध पत्रों एवं उन्हें मिले पुरस्कारों से भारतीयों में भी विज्ञान के प्रति जिज्ञासा जागी अब लोगों को भरोसा हो गया कि भारतीय भी कुछ कर सकते हैं। उनका जीवन विज्ञान के प्रति एक समर्पित कहानी के रूप में उभरा, जिसने कई युवाओं को आकर्षित किया। उन्होंने बेंगलुरु में शोध संस्थान की स्थापना की जिसे रामन् रिसर्च इंस्टीट्यूट के नाम से जाना जाता है। भौतिक शास्त्र में अनुसंधान के लिए इंडियन जनरल ऑफ फिजिक्स नामक शोध पत्र का आरंभ किया।करंट साइंस नामक पत्रिका भी शुरू की। भारत में वैज्ञानिक चेतना और दृष्टिकोण के विकास के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिये।

 

18. सर चंद्रशेखर वेंकट रामन् के जीवन से प्राप्त होने वाले संदेश को अपने शब्दों में लिखिए।

उत्तर: सर चंद्रशेखर वेंकट रामन् के जीवन से सुविधाओं की कमी अर्थात अभावग्रस्त जीवन में भी सदैव आगे बढ़ते रहने की प्रेरणा मिलती है। हमें विपरीत परिस्थितियों में भी अपनी अभिरुचि एवं सपनों को साकार करने के लिए लगन एवं दृढ़विश्वास से कार्य करने का संदेश मिलता है। इसके अलावा विश्वविख्यात होने पर भी सादगीपूर्ण जीवन जीने तथा अपनी संस्कृति से जुड़े रहने के संदेश के अलावा दूसरों की मदद करने का संदेश भी मिलता है।

 

19. निम्नलिखित के आशय स्पष्ट कीजिए-

. उनके लिए सरस्वती की साधना सरकारी सुख-सुविधाओं से कहीं अधिक महत्त्वपूर्ण थी।
उत्तर- सर चंद्रशेखर वेंकट रामन् सच्चे सरस्वती साधक थे। वे जिज्ञासु वैज्ञानिक तथा अन्वेषक थे। उनके लिए वैज्ञानिक खोजों का महत्त्व सरकारी सुख-सुविधाओं से अधिक था। इसलिए उन्होंने वित्त विभाग की ऊँची नौकरी छोड़कर कलकत्ता विश्वविद्यालय की कम सुविधा वाली नौकरी स्वीकार कर ली।

 

. हमारे पास ऐसी न जाने कितनी ही चीजें बिखरी पड़ी हैं, जो अपने पात्र की तलाश में हैं।
उत्तर- हमारे आस-पास के वातावरण में अनेक चीजें बिखरी हैं, पर हमारा ध्यान उनकी ओर नहीं जाता। पेड़ से सेब गिरना, समुद्र का नीला होना लोग सदियों से देखते आ रहे हैं, पर न्यूटन और रामन् के अलावा किसी का ध्यान उस ओर नहीं गया। वास्तव में इन चीजों को देखने, उन्हें सही ढंग से सँवारने के लिए योग्य व्यक्तियों की सदैव जरूरत रहती है।

 

. यह अपने आपमें एक आधुनिक हठयोग का उदाहरण था।
उत्तर- बिना साधनों के बलपूर्वक इच्छापूर्वक किसी साधना को करते चले जाना हठयोग कहलाता है। सर चंद्रशेखर वेंकट रामन् भी ऐसे हठयोगी थे जिन्होंने सरकारी नौकरी में रहते हुए भी कलकत्ता की एक कामचलाऊ प्रयोगशाला में प्रयोग साधना जारी रखी। यद्यपि प्रयोगशाला में साधनों और उपकरणों का अभाव था और रामन् के पास समय का अभाव था, फिर भी वे प्रयोग करने में लगे रहे। इसे हठयोग कहना सर्वथा उचित है।

 

20. उपयुक्त शब्द का चयन करते हुए रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-

इंफ्रा रेड स्पेक्ट्रोस्कोपी, इंडियन एसोसिएशन फॉर द कल्टिवेशन ऑफ साइंस, फिलॉसॉफिकल मैगज़ीन, भौतिकी, रामन् रिसर्च इंस्टीट्यूट।

1.  रामन् का पहला शोध पत्र ………………… में प्रकाशित हुआ था।

2.  रामन् की खोज ……………… के क्षेत्र में एक क्रांति के समान थी।

3.  कलकत्ता की मामूली-सी प्रयोगशाला का नाम ……………. था।

4.  रामन् द्वारा स्थापित शोध संस्थान …………….. नाम से जानी जाती है।

5.  पहले पदार्थों के अणुओं और परमाणुओं की आंतरिक संरचना का अध्ययन करने के लिए ……………. का सहारा लिया जाता था।

उत्तर

1.  रामन् का पहला शोध पत्र फिलॉसॉफिकल मैगज़ीन में प्रकाशित हुआ था।

2.  रामन् की खोज भौतिकी के क्षेत्र में एक क्रांति के समान थी।

3.  कलकत्ता की मामूली-सी प्रयोगशाला का नाम इंडियन एसोसिएशन फॉर द कल्टिवेशन ऑफ साइंसथा।

4.  रामन् द्वारा स्थापित शोध संस्थान रामन् रिसर्च इंस्टीट्यूटके नाम से जाना जाता है।

5.  पहले अणुओं और परमाणुओं की आंतरिक संरचना का अध्ययन करने के लिए इंफ्रारेड स्पेक्ट्रोस्कोपी का सहारा लिया जाता था।

 

भाषा अध्ययन

21. नीचे को समान दर्शी शब्द दिए जा रहे हैं जिनका अपने वाक्य में इस प्रकार प्रयोग करें कि उनके अर्थ का अंतर स्पष्ट हो सके।

1.  प्रमाण ………….

2.  प्रणाम …………….

3.  धारणा ……………

4.  धारण …………..

5.  पूर्ववर्ती ………….

6.  परवर्ती …………

7.  परिवर्तन ………..

8.  प्रवर्तन …………..

 

उत्तर-

1.  प्रमाण प्रत्यक्ष देखने के बाद अब प्रमाण की ज़रूस्त नहीं है।

2.  प्रणाम हमें अपने बड़ों से प्रणाम करना चाहिए।

3.  धारणा सही बात जाने-समझे बिना गलत धारणा नहीं बनानी चाहिए।

4.  धारण इस आश्रम के सभी किशोर जनेऊ धारण करते हैं।

5.  पूर्ववर्ती पूर्ववर्ती सरकार ने इस बारे में ठोस कदम नहीं उठाया।

6.  परवर्ती नौ की परवर्ती संख्या दस है।

7.  परिवर्तन परिवर्तन प्रकृति का नियम है।

8.  प्रवर्तन महावीर स्वामी ने जैन धर्म का प्रवर्तन किया।

 

22. शब्द के विलोम शब्द का प्रयोग करते हुए रिक्त स्थान की पूर्ति कीजिए-

रेखांकित शब्द के विलोम शब्द का प्रयोग करते हुए रिक्त स्थान की पूर्ति कीजिए-

1.  मोहन के पिता मन से सशक्त होते हुए भी तन से ………………… हैं।

2.  अस्पताल के अस्थायी कर्मचारियों को ……………….. रूप से नौकरी दे दी गई है।

3.  रामन् ने अनेक ठोस रवों और ………………… पदार्थों पर प्रकाश की किरण के प्रभाव का अध्ययन किया।

4.  आज बाज़ार में देशी और ………………. दोनों प्रकार के खिलौने उपलब्ध हैं।

5.  सागर की लहरों का आकर्षण उसके विनाशकारी रूप को देखने के बाद ……………………. में परिवर्तित हो जाता है।

उत्तर-

1.  मोहन के पिता मन से सशक्त होते हुए भी तन से अशक्त हैं।

2.  अस्पताल के अस्थायी कर्मचारियों को स्थायी रूप से नौकरी दे दी गई है।

3.  रामन् ने अनेक ठोस रवों और द्रव पदार्थों पर प्रकाश की किरण के प्रभाव का अध्ययन किया।

4.  आज बाजार में देशी और विदेशी दोनों प्रकार के खिलौने उपलब्ध हैं।

5.  सागर की लहरों का आकर्षण उसके विनाशकारी रूप को देखने के बाद विकर्षण/प्रतिकर्षण में परिवर्तित हो जाता है।

 

23. नीचे दिए उदाहरण में रेखांकित अंश में शब्द-युग्म का प्रयोग हुआ है-
उदाहरण- चाऊतान को गाने-बजाने में आनंद आता है।
उदाहरण के अनुसार निम्नलिखित शब्द-युग्मों का वाक्यों में प्रयोग कीजिए-

1.  सुख-सुविधा ………..

2.  अच्छा-खासा …………

3.  प्रचार-प्रसार ………….

4.  आस-पास ………….

उत्तर

1.  सुख-सुविधा- आज हम सुख-सुविधा के आदी हो गए हैं।

2.  अच्छा-खासा- यह घर नहीं, अच्छा-खासा महल है।

3.  प्रचार-प्रसार- आदिवासी इलाकों में शिक्षा का प्रचार-प्रसार बहुत जरूरी है।

4.  आस-पास- हमें अपने आस-पास पेड़-पौधे उगाने चाहिए।

 

प्रश्न 24. प्रस्तुत पाठ में आए अनुस्वार और अनुनासिक शब्दों को निम्न तालिका में लिखिए-
उत्तर
-

अनुस्वार    अनुनासिक

चंद्रशेखर    ढूंढने

रंग        ऊँचे

अंक       उन्होंने

इंडियन     जहाँ

संस्था      किरणों

 

प्रश्न 25. पाठ में निम्नलिखित विशिष्ट भाषा प्रयोग आए हैं। सामान्य शब्दों में इनका आशय स्पष्ट कीजिए-
घंटों खोए रहते, स्वाभाविक रुझान बनाए रखना, अच्छा-खासा काम किया, हिम्मत का काम था, सटीक जानकारी, काफ़ी ऊँचे अंक हासिल किए, कड़ी मेहनत के बाद खड़ा किया था, मोटी तनख्वाह।
उत्तर

  • घंटों खोए रहते- बहुत देर तक एकाग्रचित्त होकर ध्यान में डूब जाते।
  • स्वाभाविक रुझान बनाए रखना- बिना किसी बाहरी दबाव के रुचिपूर्वक कार्य करते रहना।
  • अच्छा-खासा काम किया- पर्याप्त मात्रा में काम किया।
  • हिम्मत का काम था- काम कठिन था, जिसके लिए साहस की जरूरत थी।
  • स्टीक जानकारी- एकदम सही एवं तथ्यपूर्ण प्रामाणिक जानकारी।
  • काफ़ी ऊँचे अंक हासिल किए- बहुत अच्छे अंक पाए।
  • कड़ी मेहनत के बाद खड़ा किया था- अत्यंत परिश्रम से कोई काम किया जाना।
  • मोटी तनख्वाह- बहुत अच्छा वेतन होना।

 

प्रश्न 26.  पाठ के आधार पर मिलान कीजिए-
उत्तर-

नीला      समुद्र

पिता      नींव

तैनाती     कलकत्ता

उपकरण    कामचलाऊ

घटिया     भारतीय वाद्ययंत्र

फोटान      वैज्ञानिक रहस्य

भेदन      रवे

प्रश्न 27. पाठ में आए रंगों की सूची बनाइए। इनके अतिरिक्त दस रंगों के नाम और लिखिए।
उत्तर- पाठ में आए रंग हैं- बैंगनी, आसमानी, नीला, लाल, हरा, पीला, नारंगी।
दस अन्य रंग हैं- काला, सफ़ेद, गुलाबी, कत्थई, बादामी, मटमैला (भूरा), जामुनी, धानी, तोतिया, केसरिया।

 

प्रश्न 28. नीचे दिए गए उदाहरण के अनुसार हीका प्रयोग करते हुए पाँच वाक्य बनाइए।
उदाहरण : उनके ज्ञान की सशक्त नींव उनके पिता ने ही तैयार की थी।
उत्तर-

  • त्योहारों पर पैसे तो खर्च होते ही हैं।
  • इन पौधों को पानी दे दिया करो।
  • मैंने सुमन की ही मदद ली है।
  • तुम हमेशा अपना काम निकाल ही लेते हो।
  • तब तक पेड़ों पर आम पक ही जाएँगे।

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