मंगलवार, 31 अक्तूबर 2023

NCERT Solutions for Class 8 Hindi Vasant Part-3 Chapter 10 - अकबरी लोटा Akbari Louta

 NCERT Solutions for Class 8 Hindi Vasant Part-3 Chapter 10 - अकबरी लोटा Akbari Louta

वसंत भाग-3 कक्षा- आठवीं हिंदी

Chapter 10 - अकबरी लोटा Akbari louta

शब्दार्थ, पाठ का सार, सारांश, प्रश्नोत्तर और अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्न

अकबरी लोटा पाठ प्रवेश 

अन्नपूर्णानन्द की कहानी “अकबरी लोटा” एक हास्य पूर्ण कहानी है। लेखक ने कहानी को बहुत ही रोचंक तरीके से प्रस्तुत किया गया है और साथ के साथ बताया गया है कि परेशानी के समय में परेशान न होकर समझदारी से किस तरह से एक समस्या का हल निकाला जा सकता है और दूसरी बात इस कहानी में यह भी बताया गया है कि एक सच्चा मित्र ही मित्र के काम आता है और उसके लिए बहुत कुछ कर गुजर जाता है। कहानी के माध्यम से लेखक हमें सीख देना चाहता है कि सही वक़्त पर सही समझ का उपयोग करना कितना जरुरी है। इस कहानी के मुख्य पात्र हैं – लाला झाऊलाल और उनके मित्र पंड़ित बिलवासी मिश्र जी। 

 

अकबरी लोटा पाठ सार (Akbari Lota Class 8 Summary)

पंडित अन्नपूर्णानद जी ने इस कहानी में बताया है कि लाला झाऊलाल नामक व्यक्ति बहुत अमीर नहीं है। पर उन्हें गरीब भी नहीं कहा जा सकता। पत्नी के ढाई सौ रूपए माँगने तथा अपने मायके से लेने की बात पर अपनी इज्जत के लिये सात दिन में रुपये देने की बात की।
पाँच दिन बीतने पर अपने मित्र बिलवासी को यह घटना सुना कर पैसे की इच्छा रखी पर उस समय उनके पास रूपए न थे। बिलवासी जी ने उसके अगले दिन आने का वादा किया जब वह समय पर न पहुँचे तो झाऊलाल चिंता में छत पर टहलते हुए पानी माँगने लगे। पत्नी द्वारा लाये हुए नापसंद लोटे में पानी पीते हुए लोटा नीचे एक अंग्रेज पर गिर गया।
अंग्रेज एक लंबी चौड़ी भीड़ सहित आँगन में घुस गया और लोटे के मालिक को गाली देने लगा। बिलवासी जी ने बड़ी चतुराई से अंग्रेज को ही मुर्ख बनाकर उसी लोटे को अकबरी लोटा बताकर उसे 500 रूपए में बेच दिया। इससे रुपये का इंतजाम भी हो गया और झाऊलाल की इज्जत भी बच गई। इससे लाला बहुत प्रसन्न हुए उसने बिलवासी जी को बहुत धन्यवाद दिया।
बिलवासी ने पत्नी के संदूक से लाला की मदद के लिये निकले गए ढाई सौ रुपये उसके संदूक में वापस रख दिए फिर चैन की नींद सो गए।

 

प्रश्न-अभ्यास (पाठ्यपुस्तक से)

कहानी की बात

1. “लाला ने लोटा ले लिया, बोले कुछ नहीं, अपनी पत्नी का अदब मानते थे।”

लाला झाऊलाल को बेढंगा लोटा बिलकुल पसंद नहीं था। फिर भी उन्होंने चुपचाप लोटा ले लिया। आपके विचार से वे चुप क्‍यों रहे? अपने विचार लिखिए।

उत्तर:  लाला झाऊलाल ने बेढंगा लोटा नापसंद होने के बावजूद चुपचाप ले लिया क्यूंकि वो अपनी पत्नी की धाक से परिचित थे एवं उनका अदब रखते थे। साथ में उन्हें भी यह ज्ञात था की उनसे पैसे का इंतजाम अब तक नहीं हो पाया है। इस स्थिति में वो पत्नी से किसी भी तरीके से उलझ कर अपनी मुसीबत और नहीं बढ़ा सकते हैं।

 

2. लाला झाऊलाल जी ने फौरन दो और दो जोड़कर स्थिति को समझ लिया।” आपके विचार से लाला झाऊलाल ने कौन-कौन सी बातें समझ ली होंगी?

उत्तर: दो और दो जोड़ कर स्थिति समझ लेना, यह एक मुहावरा है जिस का अर्थ किसी भी परिस्थिति के कथानक को समझ लेना।  लोटा गिरने पर गली में मचे शोर को सुनकर आँगन में एकत्र हो गई। एक अंग्रेज को भीगे हुए तथा पैर सहलाते हुए देखकर लाला समझ गए कि स्थिति गंभीर है और लोटा अंग्रेज को लगा है। इस समय उनका चुप रहना ही ठीक है।

 

3. अंग्रेज़ के सामने बिलवासी जी ने झाऊलाल को पहचानने तक से क्यों इनकार कर दिया था?आपके विचार से बिलवासी जी ऐसा अजीब व्यवहार क्‍यों कर रहे थे? स्पष्ट कीजिए।

उत्तर: बिलवासी जी ने झाऊलाल को पहचानने से इनकार इसलिए कर दिया था ताकि वे अंग्रेज की सहानुभूति और विश्वास प्राप्त कर सकें। वे झाऊलाल को परेशानी से बचाना चाहते थे और पूरे घटनाक्रम को लोटे के ऐतिहासिक होने की तरफ मोड़ना चाहते थे। उनका उद्देश्य लाला जी की आर्थिक सहायता करना था जो अंग्रेज को प्रभावित किए बिना सम्भव नहीं था।

 

4. बिलवासी जी ने रुपयों का प्रबंध कहाँ से किया था? लिखिए।

उत्तर:  बिलवासी जी ने रुपयों का प्रबंध अपनी पत्नी के संदूक से चोरी करके निकाल कर किया था। यद्यपि चाबी उसकी पत्नी की सोने की चेन में बँधी रहती थी, पर उन्होंने चुपचाप उसे उतार कर ताली से संदूक खोल लिया था और रुपए निकाल लिए थे। बाद में वे रुपए चुपचाप वहीं रख भी दिए। पत्नी कुछ न जान पाई।

 

5. आपके विचार से अंग्रेज ने यह पुराना लोटा क्यों खरीद लिया? आपस में चर्चा करके वास्तविक कारण की खोज कीजिए और लिखिए।

उत्तर: अंग्रेज पुरानी ऐतिहासिक महत्त्व की चीज़े खरीदने के शौकीन होते हैं। उस अंग्रेज का एक पड़ोसी मेजर डगलस पुरानी चीज़ों में उससे बाजी मारने का दावा करता रहता था। उसने एक दिन जहाँगीरी अंडा दिखाकर कहा था कि वह इसे दिल्ली से 300 रुपए में लाया है। वह लोटा अकबरी था ही नहीं, बिलवासी ने उसे मूर्ख बनाया था। इस लोटे को दिखाकर वह मेजर डगलस को नीचा दिखाना चाहता था और स्वंय को श्रेष्ठ सिद्ध करना चाहता था।

 

अनुमान और कल्पना

6. “इस भेद को मेरे सिवाए मेरा ईश्वर ही जानता है। आप उसी से पूछ लीजिए। मैं नहीं बताऊँगा।”बिलवासी जी ने यह बात किससे और क्‍यों कही? लिखिए।

उत्तर: बिलवासी जी ने पैसों का प्रबंध अपनी पत्नी के संदूक में रखे पत्नी के पैसों में से किया था और वह इस बात से लज्जित भी थे। साथ ही वो नहीं चाहते थे यह बात किसी भी तरह से उनकी पत्नी के कानों में पड़े। इसलिए बिलवासी जी ने यह बात झाऊलाल से कही।

 

7.“उस दिन रात्रि में बिलवासी जी को देर तक नींद नहीं आई।” समस्या झाऊलाल की थी और नींद बिलवासी की उड़ी तो क्यों? लिखिए।

उत्तर: बिलवासी जी ने पत्नी की सन्दूक ले चुपचाप ढाई सौ रुपये निकाल लिये थे। उन्हें वापस सन्दूक में रखने के लिए पत्नी के गले से सोने की जंजीर में बँधी ताली निकालनी थी। इसी अवसर की तलाश में उन्हें नींद नहीं आ रही थी। पत्नी के सो जाने पर ही ताली ली जा सकती थी और रुपये सन्दूक में रखे जा सकते थे। यह समस्या बिलवासी जी की थी न कि लाला झाऊलाल की।

 

8. लेकिन मुझे इसी जिंदगी में चाहिए।”

अजी इसी सप्ताह में ले लेना।”

सप्ताह से आपका तात्यर्य सात दिन से है या सात वर्ष से?”

झाऊलाल और उनकी पत्नी के बीच की इस बातचीत से क्या पता चलता है लिखिए।

उत्तर: झाऊलाल और उनकी पत्नी के बातचीत से हमें यह पता चलता है कि उनकी पत्नी को अपने पति की आर्थिक स्थिति ज्ञात थी। साथ ही उन्हें अपने पति की आर्थिक मितव्ययिता का भी ज्ञान था। इस कारण से उन्हें बिल्कुल भी भरोसा नहीं था कि उनके पति इतने कम समय में इतने पैसों का इंतेज़ाम कर पाएंगे। लाला जी पहले भी झूठे वायदे कर चुके होंगे अतः इस बार अपना वायदा पूरा करेंगे, इस बारे में पत्नी को सन्देह था। पत्नी लाला जी की तुलना में ज्यादा तेज़-तर्रार थी।

क्या होता यदि

9. क्या होता यदि, अंग्रेज़ लोटा न खरीदता?

उत्तर: यदि अंग्रेज लोटा नहीं खरीदता तो निश्चय ही झाऊलाल जी बड़े ही कठिन परिस्थिति में होते , या तो उन्हें अपनी पत्नी के व्यंग्य और ताने से भरी हँसी झेलनी पड़ती, जो की उनके पौरुष को ठेस पहुँचाता या फिर उन्हें बिलवासी जी से पैसे उधार लेने पड़ते जोकि बिलवासी जी को भी मुश्किल में डाल सकता था।

 

10. क्या होता यदि, यदि अंग्रेज़ पुलिस को बुला लेता?

उत्तर: यदि अंग्रेज़ पुलिस को बुला लेता तो झाऊलाल जी को शर्मिंदगी झेलने के साथ- साथ जुर्माना भी भरना पड़ता।

 

11. क्या होता यदि, जब बिलवासी अपनी पत्नी के गले से चाबी निकाल रहे थे, तभी उनकी पत्नी जाग जाती?

उत्तर: यदि चाबी निकालते वक़्त उनकी पत्नी जग जाती और बिलवासी जी पकडे जाते तो उनके लिए एक मुसीबत खड़ी हो सकती थी एवं उन्हें बहुत से ऐसे प्रश्नों के उत्तर देने पड़ सकते थे , जिनका उत्तर उस समय देना मुश्किल होता।

पता कीजिए

प्रश्न 1. “अपने वेग में उल्का को लजाता हुआ वह आँखों से ओझल हो गया।” उल्का क्या होती है? उल्का और ग्रहों में कौन-कौन सी समानताएँ और अंतर होते हैं?
उत्तर: उल्का पुच्छल तारे को कहते हैं। कुछ इसे टूटकर गिरने वाला तारा भी कहते हैं। यह एक प्रकार से तारे का टुकड़ा होता है। इसमें तेज़ रोशनी की पूँछ जैसी होती है। ये चट्टान, धूल और जमी हुई गैसें और धूल के कण सूर्य से विपरीत दिशा में फैल जाते हैं और सूर्य की रोशनी परिवर्तित कर चमकने लगते हैं। सिर का सिरा ज़्यादा चमकीला होता है। सूर्य की विपरीत दिशा का भाग पूँछ की तरह लगता है।

सूर्य या किसी अन्य तारे के चारों ओर परिक्रमा करने वाले खगोल पिण्डों को ग्रह कहते हैं। इनकी घुमक्कड़ प्रवृत्ति के कारण इन्हें ग्रह कहा गया है।

प्रश्न 2. “इस कहानी में आपने दो चीज़ों के बारे में मजेदार कहानियाँ पढ़ी-अकबरी लोटे की कहानी और जहाँगीरी अंडे की कहानी।” आपके विचार से ये कहानियाँ सच्ची हैं या काल्पनिक?
उत्तर: अकवरी लोटे की कहानी और जहाँगीरी अण्डे की कहानियाँ काल्पनिक हैं।

प्रश्न 3. अपने घर या कक्षा की किसी पुरानी चीज़ के बारे में ऐसी ही कोई मजेदार कहानी बनाइए।
उत्तर: छात्र अपनी कल्पना के अनुसार ऐसी ही कहानी बना सकते हैं।

प्रश्न 4. बिलवासी जी ने जिस तरीके से रुपयों का प्रबंध किया, वह सही था या गलत?

उत्तर: बिलवासी जी ने जिस तरीके से रुपयों का प्रबंध किया वो निश्च्य ही गलत था। उन्होंने झाऊलाल जी की जरुरत पूरी करने के लिए उस अँगरेज़ को बेवकूफ बनाया जो की उचित नहीं कहा जा सकता।

 

भाषा की बात

13. इस कहानी में लेखक ने जगह-जगह पर सीधी-सी बात कहने के बदले रोचक मुहावरों,उदाहरणों आदि के द्वारा कहकर अपनी बात को और अधिक मजेदार/रोचक बना दिया है। कहानी से वे वाक्य चुनकर लिखिए जो आपको सबसे अधिक मजेदार लगे।

उत्तर: अब तक बिलवासी जी को वे अपनी आँखो से खा चुके होते।

·       कुछ ऐसी गढ़न उस लोटे की थी कि उसका बाप डमरू, माँ चिलम रही हो।

·       ढ़ाई सौ रूपए तो एक साथ आँख सेंकने के लिए भी न मिलते हैं।

·       इस समय अगर दुम दबाकर निकल भागते हैं तो फिर उसे क्या मुँह दिखलाएँगे?

·       अभी अगर यूँ कर देता हूँ तो बाल्टी में भोजन मिलेगा।

·       लाला अपना गुस्सा पीकर पानी पीने लगे।

·       लाला को काटो तो बदन में खून नहीं।

·       अंग्रेज को उसने सांगोपांग स्नान कराया।

·       अंग्रेजी भाषा में गालियों का ऐसा प्रकांड कोष है।

·       मेजर डगलस की डींग सुनते-सुनते मेरे कान पक गए।

14. इस कहानी में लेखक ने अनेक मुहावरों का प्रयोग किया है। कहानी में से पाँच मुहावरे चुनकर उनका प्रयोग करते हुए वाक्य लिखिए।

उत्तर:

1.  चैन की नींद सोना - (निश्चिंत सोना)

इम्तहान  खत्म होने के बाद बच्चे चैन की नींद सोये। 

2.  आँखों से खा जाना - (क्रोधित होना)

छोटी सी भूल हो जाने पर मालिक ने नौकर को ऐसे देखा जैसे आँखों से ही खा जायेगा। 

3. डींगे सुनाना - (झूठ-मूठ की तारीफ सुनाना)

झाऊलाल जी ने अपनी पत्नी को खूब डींगें सुनाई थी।

4. आँख सेंकने के लिए भी न मिलना - (दुर्लभ होना)

ढ़ाई सौ रूपए तो एक साथ आँख सेंकने के लिए भी न मिलते हैं।

5. मारा-मारा फिरना - (ठोकरें खाना)

बेटे आलीशान घर में रहते है और बाप बेचारा मारा-मारा फिरता हैं।

 

निम्नलिखित वाक्यों को शुद्ध करके लिखिए-

1. यह लोटा न जाने किस अनाधिकारी के झोंपड़े पर काशीवास का सन्देश लेकर पहुंचेगा।
2. इसके बदले में उसे इसी प्रकार के दस सोने के लोटे प्रदान किए।
3. तो आप इस लोटे का क्या करिएगा ?
उत्तर:
1. यह लोटा न जाने किस अनधिकारी के झोंपड़े पर काशीवास का संदेश लेकर पहुँचेगा।
2. इसके बदले में उसे इसी प्रकार के सोने के दस लोटे प्रदान किए।
3. तो आप इस लोटे का क्या कीजिएगा?

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