NCERT Book Vasant Solutions Class 7 Hindi Chapter-9 एक तिनका Ek Tinka
वसंत भाग-2 कक्षा-सातवीं हिंदी
पाठ-8 एक तिनका पाठ के शब्दार्थ, भावार्थ सहित व्याख्या, प्रश्नोत्तर, अन्य अतिरिक्त प्रश्नोत्तर
NCERT Solutions for Class 7 Hindi Chapter-9 एक तिनका Ek Tinka
एक तिनका पाठ प्रवेश
हम सब जानते हैं कि जीवन एक अस्थाई ठिकाना है लेकिन फिर भी पता नहीं व्यक्ति किस बात का घमंड करता है। सबकी चाहत है की सारा ज़माना उनके क़दमों में हो पर सब यह भूल जाते हैं कि एक न एक दिन तुम्हारे शरीर को मिट्टी में दब जाना या जल जाना है। घमंड से आदमी का नुकसान होता है। अहंकार से आदमी अपने आप को खो देता है और जीवन भर अकेला रहता है क्योंकि घमंडी आदमी से कोई भी बात करना पसंद नहीं करता। किसी भी परिस्तिथि में इन्सान को घमंड नहीं करना चाहिए। इस दुनिया में जो आया है वो एक न एक दिन जाएगा। कहा भी गया है” अपनी उम्र और पैसों पर कभी घमंड मत करना क्योंकि जो चीजें गिनी जा सके वो यकीनन खत्म हो जाती है।”
कहने का अभिप्राय यह है कि तुम्हें जन्म दुसरे ने दिया, नाम दुसरे ने दिया, शिक्षा दुसरे ने दी, रिश्ता भी दुसरे से जुड़ा, काम करना भी दुसरे ने सिखाया, अंत में शमशान भी दुसरे ले जायेंगे। तुम्हारा इस संसार में है क्या जिसका तुम घमंड करते हो। प्रस्तुत कविता” एक तिनका” में भी कवि हमें यही सीख देना चाहता है कि आपको जो कुछ मिला है उसका घमंड मत करो, घमंड और ईर्ष्या करने वाले लोगों को कभी मन की शांति नहीं मिलती।
एक तिनका पाठ सार
एक तिनका कविता में कवि ‘हरिऔध’ जी ने हमें कभी भी अहंकार ना करने की सलाह देते हुए कहते है कि एक दिन जब वे अभिमान से तथा अकड़ से भरे हुए अपने घर के छत के निचले हिस्से पर खड़े होकर घमंड से चुर होकर सोच रहे थे कि उनके जीवन में कोई दुख नहीं है। तभी एकदम से हवा से उड़कर एक तिनका उड़ता हुआ आया और उनकी आँख मे पड़ जाता है और उनका अपने जीवन में किसी दुःख के न होने का घमंड चूर–चूर हो गया। आँख में तिनका चले जाने के कारण वे अपने घमंड पर लज्जित हो गए और चिन्तित हो कर तिलमीला उठते है, उन्हें बड़ी तकलीफ होती है। तिनके के आँख में जाने के कारण उनकी आँख लाल हो गई थी और उसमें दर्द होने लग गया था। उनकी तकलीफ को देखकर लोग उनकी मदद करने पहुँच जाते है। कपड़े की मूँठ से जैसे-तैसे तिनका उनकी आँख से निकला जा सका। तिनके के निकलने के साथ ही कवि के मन से घमंड भी निकल जाता है और उन्हें यह एहसास होता है कि मनुष्य को जीवन में कभी अहंकार नहीं करना चाहिए। कवि कहते हैं कि आँख में तिनका चले जाने से उन्हें बड़ी ही बेचैनी हुई। उनकी आँख लाल हो गई और दुखने लगी। इसके बाद उन्हें मन में एक ख़याल आया कि उन्हें घमंड नहीं करना चाहिए था, उनका घमंड तो एक मामूली तिनके ने ही तोड़ दिया। इन पंक्तियों के ज़रिए कवि हमें भी घमंड से दूर रहने का संदेश दे रहे हैं। चाहे इंसान कितना भी बड़ा हो जाए, उसका घमंड चकनाचूर हो ही जाता है। एक तिनका कविता में कवि हरिऔध जी ने हमें घमंड ना करने की प्रेरणा दी है।
एक तिनका पाठ व्याख्या
1)
मैं घमंडों
में भरा ऐंठा हुआ,
एक दिन जब
था मुंडेर पर खड़ा।
आ अचानक दूर
से उड़ता हुआ,
एक तिनका
आँख में मेरी पड़ा।
शब्दार्थ
घमंड–अभिमान, अकड़बाज़, डींग मारने वाला
ऐंठ–अकड़, गर्व, हठ
मुंडेर–छज्जा (छत का निचला हिस्सा)
अचानक–एकदम से
तिनका–सुखे घास का छोटा सा हिस्सा
व्याख्या–प्रस्तुत पंक्तियों में कवि कहते हैं कि एक दिन जब वे अभिमान से तथा अकड़ से भरे हुए अपने घर के छत के निचले हिस्से पर खड़े होकर घमंड से चुर होकर सोच रहे थे कि उनके जीवन में कोई दुख नहीं है। तभी एकदम से हवा से उड़कर एक तिनका उड़ता हुआ आया और उनकी आँख मे पड़ जाता है और उनका अपने जीवन में किसी दुःख के न होने का घमंड चूर–चूर हो गया।
भावार्थ–जीवन में कभी किसी भी चीज पर घमंड नहीं करना चाहिए क्योंकि जीवन में आने वाली विभिन्न परिस्थितियों में छोटी से छोटी वस्तु या तुच्छ से तुच्छ व्यक्ति भी आपको हानि या दुःख पहुँचा सकता है।
2)
मैं झिझक
उठा, हुआ बेचैन–सा,
लाल होकर
आँख भी दुखने लगी।
मूँठ देने
लोग कपड़े की लगे,
ऐंठ बेचारी
दबे पाँवों भगी।
शब्दार्थ
झिझक–संकोच, किसी
कार्य में लज्जा या भय आदि के कारण होने वाला संकोच, हिचक
बेचैन–चिन्तित, व्याकुल, उत्सुक, बेसब्र, उतावला, अधीर
मूँठ–किसी
वस्तु को मट्ठी भर का आकार देना
ऐंठ–घमंड
दबे पाँव आना / जाना (मुहावरा)– बिना
आहट किए आना / जाना
व्याख्या–प्रस्तुत पंक्तियों में कवि कहते हैं कि आँख में तिनका चले जाने के कारण वे अपने घमंड पर लज्जित हो गए और चिन्तित हो उठे। तिनके के आँख में जाने के कारण उनकी आँख लाल हो गई थी और उसमें दर्द होने लग गया था। लोग कपड़े को मट्ठी भर का आकार दे कर उनकी आँख से तिनका निकालने की कोशिश करने लगे। इस दौरान उनका अहंकार और घमंड उनके मन से बिना कोई आवाज़ किए कहीं दूर भाग गए।
भावार्थ–जीवन में घमंड ही आपके दुःख का सबसे बड़ा कारण होता है और घमंड के चले जाने पर ही आपको मन की शांति प्राप्त हो सकती है अन्यथा नहीं।
3)
जब किसी ढब
से निकल तिनका गया,
तब ‘समझ’ ने
यों मुझे ताने दिए।
ऐंठता तू
किसलिए इतना रहा,
एक तिनका है
बहुत तेरे लिए।
शब्दार्थ
ढब– ढंग, तरीका, कोई
कार्य करने की विशेष प्रक्रिया, युक्ति, उपाय
यों–इस तरह
ताने–व्यंग्यपूर्ण वाक्य, बुरा भला कहना, निन्दा करना
व्याख्या–प्रस्तुत पंक्तियों में कवि कहते हैं कि लोंगो ने जैसे–तैसे उपाय करके कवि की आँखों से तिनका निकाला। इस सारे वाक्य के बाद कवि के मन ने कवि पर व्यंग्य कस्ते हुए कवि से कहा कि कवि किस बात का घमंड कर रहा था जबकि एक छोटे से तिनके ने ही उसको इतना दुःख दे दिया अर्थात कवि के मन में यह ख़याल आया कि उन्हें घमंड नहीं करना चाहिए था, उनका घमंड तो एक मामूली तिनके ने ही चूर कर दिया।
भावार्थ–व्यक्ति कितना भी ताकतवर हो जाए, कितना भी धनी हो जाए, उसे घमंड नहीं करना चाहिए। जिंदगी में कभी भी अपने किसी हुनर पर घमंड नहीं करना चाहिए क्योंकि पत्थर जब पानी में गिरता है तो अपने ही वजन से डूब जाता है।
Ek Tinka Question Answer (एक तिनका प्रश्न अभ्यास)
कविता से
प्रश्न 1. नीचे दी गई कविता की पंक्तियों
को सामान्य वाक्य में बदलिए।
जैसे–एक
तिनका आँख में मेरी पड़ा–मेरी आँख में एक
तिनका पड़ा।
मूँठ देने
लोग कपड़े की लगे–लोग कपड़े की मूँठ देने लगे।
(क) एक दिन
जब था मुंडेरे पर खड़ा–………………………..
(ख) लाल होकर
आँख भी दुखने लगी–………………..……
(ग) ऐंठ
बेचारी दबे पाँवों भागी–………………..……..………
(घ) जब किसी
ढब से निकल तिनका गया–………………..…
उत्तर –
(क) एक दिन जब मुंडेरे पर
खड़ा था।
(ख) आँख लाल होकर दुखने
लगी।
(ग) बेचारी ऐंठ दबे पाँवों
भगी।
(घ) किसी ने ढब से तिनका
निकाला।
प्रश्न 2. ‘एक तिनका’ कविता में किस घटना
की चर्चा की गई है, जिससे घमंड
नहीं करने का संदेश मिलता है?
उत्तर–इस कविता में उस घटना की
चर्चा की गई है जब कवि अपने घर के छज्जे पर अपनी जिंदगी में दुःख के न
होने पर घमंड से खड़ा था और अचानक हवाओं के कारण कहीं से उसकी आँख में एक
तिनका गिर गया। उस तिनके से वह काफ़ी बेचैन हो उठता है और उसका सारा घमंड
चूर हो जाता है। किसी तरह लोग कपड़े की सहायता से उनकी आँखों में पड़ा तिनका
निकालते हैं तो कवि सोच में पड़ जाता है कि आखिर उसे किस बात का घमंड था, जो एक
तिनके ने उनके घमंड को जमीन पर लाकर खड़ा कर दिया। उसकी बुद्धि
ने भी उसे ताने दिए कि तू ऐसे ही घमंड करता था तेरे घमंड को चूर करने के
लिए तो एक छोटा सा तिनका ही बहुत है। इस सारी घटना से यह संदेश मिलता
है कि व्यक्ति को स्वयं पर घमंड नहीं करना चाहिए। एक तुच्छ व्यक्ति या
वस्तु भी हमारी परेशानी का कारण बन सकती है। हर वस्तु का अपना महत्त्व होता
है।
प्रश्न 3. आँख में तिनका पड़ने के बाद
घमंडी की क्या दशा हुई?
उत्तर–आँख में तिनका पड़ने के बाद घमंडी की आँख
लाल होकर दुखने लगी। वह बहुत बेचैन और परेशान हो गया और
उसका सारा घमंड एक क्षण में ही समाप्त हो गया।
प्रश्न 4. घमंडी की आँख से तिनका निकालने
के लिए उसके आसपास लोगों ने क्या किया?
उत्तर–घमंडी की आँख से तिनका निकालने के लिए उसके आसपास के
लोगों ने कपड़े की मुँठ बनाकर उसकी सहायता से आँख में पड़ा तिनका निकाल दिया।
प्रश्न 5. ‘एक तिनका’ कविता में घमंडी को
उसकी ‘समझ’ ने चेतावनी दी–
ऐंठता तू
किसलिए इतना रहा,
एक तिनका है
बहुत तेरे लिए।
इसी प्रकार
की चेतावनी कबीर ने भी दी है-
तिनका कबहूँ
न निंदिए पाँव तले जो होय।।
कबहूँ उड़ि
आँखिन परै, पीर घनेरी होय॥
इन दोनों
में क्या समानता है और क्या अंतर? लिखिए।
उत्तर–(क)
उपर्युक्त काव्यांश में जब कवि का घमंड एक मामूली से तिनके ने चूर कर दिया तब कवि की बुद्धि
ने उसे तना दिया था कि उसको किस बात का घमंड था क्योंकि उसका घमंड तो एक
छोटे से तिनके के सामने भी नहीं टिक पाया। कहने का तात्पर्य यह है कि उपर्युक्त
काव्यांश के माध्यम से कवि ने यह संदेश दिया है कि अहंकार नहीं करना
चाहिए। क्योंकि एक छोटा–सा तिनका भी अगर आँख में पड़ जाए तो मनुष्य को
बेचैन कर देता है।
(ख) कबीर जी द्वारा दी गई चेतावनी में भी यही समझाया गया है कि हमें किसी को छोटा या तुच्छ समझ कर किसी का मज़ाक नहीं उड़ाना चाहिए क्योंकि जिस तरह एक छोटा सा तिनका आपकी आँखों में आकर आपको अत्यधिक पीड़ा का अनुभव करा सकता है उसी तरह कोई भी वस्तु या व्यक्ति आपको पीड़ा पहुँचा सकते हैं। कहने का तात्पर्य यह है कि हर वस्तु या व्यक्ति का अपना महत्त्व होता है किसी को कम समझ कर अपने घमंड में किसी का अपमान नहीं करना चाहिए।
इन दोनों काव्यांशों की पंक्तियों में अंतर –
दोनों काव्यांशों में अंतर यह है कि हरिऔध जी द्वारा लिखी पंक्तियों में हर प्रकार के अहंकार से दूर रहने की चेतावनी दी गई है, क्योंकि एक तिनका भी हमारे अहंकार को चूर कर सकता है और कबीर जी ने छोटी से छोटी वस्तु का महत्त्व समझाने का प्रयास किया है। दोनों में घमंड से बचने की शिक्षा दी गई है। प्रत्येक तुच्छ समझी जाने वाली वस्तु का अपना महत्त्व होता है।
अनुमान और कल्पना
प्रश्न 1. इस कविता को कवि ने ‘मैं’ से आरंभ किया है- ‘मैं घमंडों में भरा ऐंठा हुआ’। कवि
का यह ‘मैं’ कविता पढ़ने
वाले व्यक्ति से भी जुड़ सकता है और तब अनुभव यह होगा कि कविता पढ़ने वाला व्यक्ति अपनी बात बता रहा है। यदि कविता में
‘मैं’ की जगह ‘वह’ या कोई नाम लिख दिया जाए, तब कविता के वाक्यों में बदलाव की जाएगा। कविता में ‘मैं’ के स्थान पर ‘वह’ या कोई नाम लिखकर वाक्यों के
बदलाव को देखिए और कक्षा में पढ़कर सुनाइए।
उत्तर –
वह घमंडों में भरा ऐंठा
हुआ।
एक दिन जब था मुंडेर पर
खड़ा
आ अचानक दूर से उड़ता हुआ,
एक तिनका आँख में उसकी
पड़ा
वह झिझक उठा, हुआ
बेचैन-सा
लाल होकर आँख भी दुखने
लगी।
मूँठ देने लोग कपड़े की
लगे,
ऐंठ बेचारी दबे पाँवों
भगी।।
जब किसी ढब से निकल तिनका
गया,
तब उसकी ‘समझ’ ने यों उसे
ताने दिए।
ऐंठता तू किसलिए इतना रहा,
एक तिनका है बहुत तेरे
लिए।
प्रश्न 2. नीचे दी गई पंक्तियों को ध्यान
से पढ़िए-
ऐंठ बेचारी दबे पाँवों भगी,
तब ‘समझ’ ने
यों मुझे ताने दिए।
इन पंक्तियों में ऐंठ’ और ‘समझ’ शब्दों का प्रयोग सजीव प्राणी की भाँति हुआ है। कल्पना कीजिए, यदि ‘ऐंठ’ और ‘समझ’ किसी नाटक में दो पात्र होते तो उनका अभिनय कैसा होता?
उत्तर –
ऐंठ और समझ
समझ- ऐंठ!
तुम इतना घमंड में क्यों रहती हो?
ऐंठ- यह बात
तुझे समझ में नहीं आएगा।
समझ- ऐसी
कौन-सी बात है जो मेरी समझ में नहीं आएगा।
ऐंठ-(हंसते
हुए) समझ ! तेरी समझ में यह क्यों नहीं आता कि यदि मनुष्य सुंदर हो, रईस हो, समाज
में ऊँचा स्थान रखता हो तो उसे अपने ऊपर घमंड आ ही जाता है।
समझ- नहीं!
ऐंठ, कभी घमंड नहीं करना चाहिए क्योंकि यह सब तो क्षण भर के लिए है कभी भी नष्ट हो सकता है।
लेकिन मनुष्य की विनम्रता और उसकी परोपकार की भावना कभी नष्ट नहीं होता।
(इतने में ऐंठ की आँख में
एक तिनका उड़कर पड़ गया।)
समझ– ऐंठ।
इतना बेचैन क्यों हो रही हो?
ऐंठ- न जाने
कहाँ से एक तिनका आँख में आकर पड़ गया है इसलिए मैं बहुत बेचैन हो रही हूँ।
समझ- अब
तुम्हारा घमंड कहाँ गया? एक छोटे से तिनके से तुम इतना तिलमिला उठी।
ऐंठ- मुझे
क्षमा करो ‘समझ’। अब मैं कभी अपने पर घमंड नहीं करूंगी।
प्रश्न 3. नीचे दी गई कबीर की पंक्तियों में तिनका शब्द का प्रयोग एक से अधिक बार किया
गया है। इनके अलग-अलग
अर्थों की जानकारी प्राप्त करें।
उठा बबूला
प्रेम का, तिनका उड़ा अकास।
तिनका-तिनका
हो गया, तिनका तिनके पास॥
उत्तर–जिस प्रकार के झोंके से उड़कर तिनके
आसमान में चले जाते हैं और सभी तिनके बिखर जाते हैं उसी
प्रकार ईश्वर के प्रेम में लीन हृदय सांसारिक मोह-माया से मुक्त होकर ऊपर उठ
जाता है। वह आत्मा का परिचय प्राप्त कर परमात्मा से मिल जाता है, यानी
उसे अपने अस्तित्व की पहचान हो जाती है और सभी प्रकार की बाधाओं से मुक्त
होकर ईश्वर के करीब पहुँच जाता है। यानी आत्मा का परमात्मा से मिलन हो जाता
है।
भाषा की बात
प्रश्न 1. ‘किसी ढब से निकलना’ का अर्थ है किसी ढंग से निकलना। ‘ढब से’ जैसे कई वाक्यांशों से आप परिचित होंगे, जैसे- धम से वाक्यांश है लेकिन ध्वनियों में समानता होने के बाद भी ढब से और धर्म से जैसे वाक्यांशों के प्रयोग में अंतर है। ‘धम से’, ‘छप से’ इत्यादि का प्रयोग ध्वनि द्वारा क्रिया को सूचित करने के लिए किया जाता है। नीचे कुछ ध्वनि द्वारा क्रिया को सूचित करने वाले वाक्यांश और कुछ अधूरे वाक्य दिए गए हैं। उचित वाक्यांश चुनकर वाक्यों के खाली स्थान भरिए-
(छप से, टप से, थर्र से, फुर्र से, सन् से)
(क) मेंढक पानी में …………….. कूद गया।
(ख) नल बंद होने के बाद
पानी की एक बूंद …………….. चू गई।
(ग) शोर होते ही चिड़िया
…………….. उड़ी।
(घ) ठंडी हवा ………………. गुजरी, मैं ठंड
में …………….. काँप गया।
उत्तर –
(क) मेंढक पानी में छप से कूद
गया।
(ख) नल बंद होने के बाद
पानी की एक बूंद टप से चू गई।
(ग) शोर होते ही चिड़िया फुर्र
से उड़ी।
(घ) ठंडी हवा सन् से गुजरी, मैं ठंड
में थर्र से काँप गया।
पद्यांश को पढ़कर बहुविकल्पीय प्रश्नों के उत्तर दीजिए - (Multiple Choice Questions)
1)
मैं घमंडों
में भरा ऐंठा हुआ,
एक दिन जब
था मुंडेर पर खड़ा।
आ अचानक दूर
से उड़ता हुआ,
एक तिनका
आँख में मेरी पड़ा।
प्रश्न 1. उपर्युक्त पद्यांश के पाठ का नाम बताएं।
(क) एक तिनका
(ख) कठपुतली
(ग) चिड़िया की बच्ची
(घ) नीलकंठ
उत्तर–(क) एक तिनका
प्रश्न 2. कवि कहाँ खड़ा था?
(क) जमीन पर
(ख) मुंडेर पर
(ग) पहाड़ पर
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर–(ख) मुंडेर पर
प्रश्न 3. कवि मुंडेर पर कैसे खड़ा था?
(क) उदास
(ख) खुशी से
(ग) प्रेम से
(घ) घमंड से
उत्तर–(घ) घमंड से
प्रश्न 4. अचानक कवि के आँख में क्या पड़ गया?
(क) धूल
(ख) पानी
(ग) तिनका
(घ) मिट्टी
उत्तर–(ग) तिनका
2)
मैं झिझक
उठा, हुआ बेचैन–सा,
लाल होकर
आँख भी दुखने लगी।
मूँठ देने
लोग कपड़े की लगे,
ऐंठ बेचारी
दबे पाँवों भगी।
प्रश्न 1. कवि बेचैन क्यों हो उठा?
(क) आँख में धूल चले जाने
के कारण
(ख) आँख में तिनका चले जाने
के कारण
(ग) आँख में पानी चले जाने
के कारण
(घ) आँख में रेत चले जाने
के कारण
उत्तर–(ख) आँख में तिनका
चले जाने के कारण
प्रश्न 2. लोगों ने कवि के आँख से तिनका कैसे निकाला?
(क) कपड़े की मूँठ से
(ख) हवा से
(ग) पानी से
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर–(क) कपड़े की मूँठ
से
प्रश्न 3. कवि के मन से कौन बिना कोई आवाज़ किए कहीं दूर भाग गए?
(क) तकलीफ
(ख) दर्द
(ग) घृणा
(घ) अहंकार और घमंड
उत्तर–(घ) अहंकार और घमंड
3)
जब किसी ढब
से निकल तिनका गया,
तब ‘समझ’ ने
यों मुझे ताने दिए।
ऐंठता तू
किसलिए इतना रहा,
एक तिनका है
बहुत तेरे लिए।
प्रश्न 1. उपर्युक्त पद्यांश के पाठ के रचयिता कौन है?
(क) प्रयाग शुक्ल
(ख) भगवती प्रसाद वाजपेयी
(ग) अयोध्या सिंह उपाध्याय
‘हरिऔध’
(घ) शिवमंगल सिंह ‘सुमन’
उत्तर–(ग) अयोध्या सिंह
उपाध्याय ‘हरिऔध’
प्रश्न 2. ‘ढब’ शब्द का क्या अर्थ है?
(क) ढंग
(ख) तरीका
(ग) युक्ति, उपाय
(घ) उपर्युक्त सभी
उत्तर–(घ) उपर्युक्त सभी
प्रश्न 3. कवि पर किसने व्यंग्य किया?
(क) कवि के मन ने
(ख) कवि के घमंड ने
(ग) पड़ोसियों ने
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर–(क) कवि के मन ने
प्रश्न 4. कवि के घमंड को किसने चकनाचूर कर दिया?
(क) एक बच्चे ने
(ख) एक नौजवान ने
(ग) एक तिनके ने
(घ) एक घास ने
उत्तर–(ग) एक तिनके ने
बहुविकल्पीय प्रश्न और उत्तर (Multiple Choice Questions)
बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs) एक प्रकार का वस्तुनिष्ठ मूल्यांकन है जिसमें एक व्यक्ति को उपलब्ध विकल्पों की सूची में से एक या अधिक सही उत्तर चुनने के लिए कहा जाता है। एक एमसीक्यू कई संभावित उत्तरों के साथ एक प्रश्न प्रस्तुत करता है।
प्रश्न 1. ‘एक तिनका’ शीर्षक पाठ के कवि है।
(क) शिवमंगल सिंह ‘सुमन’
(ख) भगवती प्रसाद वाजपेयी
(ग) अयोध्या सिंह उपाध्याय
‘हरिऔध’
(घ) महादेवी वर्मा
उत्तर–(ग) अयोध्या सिंह
उपाध्याय ‘हरिऔध’
प्रश्न 2. कवि मुंडेर पर कैसे खड़ा था?
(क) सहम के
(ख) तन के
(ग) डर के
(घ) मन मार के
उत्तर–(ख) तन के
प्रश्न 3. तिनका कहाँ से उड़कर आया था?
(क) पास के छत से
(ख) पैरों के तले से
(ग) खेतों के पास से
(घ) कहीं दूर से
उत्तर–(घ) कहीं दूर से
प्रश्न 4. तिनका कहाँ आ गिरा?
(क) कवि के पैर पर
(ख) कवि की नाक पर
(ग) कवि की आँख में
(घ) कवि के सिर पर
उत्तर–(ग) कवि की आँख में
प्रश्न 5. कवि कहाँ खड़ा था?
(क) सीढ़ियों पर
(ख) मुंडेर पर
(ग) छत पर
(घ) इनमें से कोई नही
उत्तर–(ख) मुंडेर पर
प्रश्न 6. आँख में तिनका जाने पर क्या हुआ?
(क) आँख दुखने लगी
(ख) आँख लाल हो गई
(ग) वह दर्द से परेशान हो
गया
(घ) उपर्युक्त सभी
उत्तर–(घ) उपर्युक्त सभी
प्रश्न 7. रिक्त स्थान को पूरा करो- ‘‘एक दिन जब था __ पर खड़ा’’।
(क) छ्त
(ख) मुंडेर
(ग) सीढ़ी
(घ) रास्ते
उत्तर–(ख) मुंडेर
प्रश्न 8. ‘एक तिनका’ कविता से कवि ने क्या सिख दी है?
(क) हमें गर्व करना चाहिए
(ख) हमें घमंड करना चाहिए
(ग) हमें ऐतराना चाहिए
(घ) हमें घमंड नहीं करना
चाहिए
उत्तर–(घ) हमें घमंड नहीं
करना चाहिए
प्रश्न 9. रिक्त स्थान को पूरा करो- ‘‘लाल होकर आँख भी _____ लगी”।
(क) दुखने
(ख) सूखने
(ग) मलने
(घ) इनमें से कोई नही
उत्तर–(क) दुखने
प्रश्न 10. ‘दबे पाँव आना / जाना’ मुहावरे का क्या अर्थ है?
(क) आहट करके आना / जाना
(ख) बिना आहट करके जाना
(ग) बिना आहट किए आना /
जाना
(घ) पाँव दबा कर आना / जाना
उत्तर–(ग) बिना आहट किए
आना / जाना
प्रश्न 11. ‘ऐंठ’ शब्द से क्या अर्थ है?
(क) अकड़
(ख) गर्व
(ग) हठ
(घ) उपर्युक्त सभी
उत्तर–(घ) उपर्युक्त सभी
प्रश्न 12. रिक्त स्थान को पूरा करो- ‘‘जब किसी ढब से निकल ______ गया”।
(क) काठ
(ख) पानी
(ग) तिनका
(घ) इनमें से कोई नही
उत्तर–(ग) तिनका
प्रश्न 13. कवि के घमंड को किसने चूर–चूर कर दिया?
(क) तिनके ने
(ख) आंधी ने
(ग) पानी ने
(घ) बारिश ने
उत्तर–(क) तिनके ने
प्रश्न 14. घमंडी के आँखों से तिनका किसने निकाला?
(क) कवि ने
(ख) आस-पास के लोगों ने
(ग) महिलाओं ने
(घ) दोस्तों ने
उत्तर–(ख) आस-पास के लोगों
ने
प्रश्न 15. किसको अपने ऊपर घमंड हो गया था?
(क) कवि के दोस्तों को
(ख) आंधी को
(ग) कवि को
(घ) तिनके को
उत्तर–(ग) कवि को
Ek Tinka–Extra Question Answers
प्रश्न 1. ‘एक तिनका’ शीर्षक कविता के कवि का नाम बताएं।
उत्तर–‘एक
तिनका’ शीर्षक कविता के कवि का नाम अयोध्या सिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’ है।
प्रश्न 2. ‘एक तिनका’ कविता में कवि हरिऔध जी ने हमें क्या ना करने की प्रेरणा दी है?
उत्तर–‘एक
तिनका’ कविता में कवि हरिऔध जी ने हमें घमंड ना करने की प्रेरणा दी है।
प्रश्न 3. कवि छत की मुंडेर पर किस भाव में खड़ा था?
उत्तर–कवि छत की मुंडेर पर घमंड से भरे हुए भाव में खड़ा
था।
प्रश्न 4. कवि की बेचैनी का क्या कारण था?
उत्तर–कवि की आँख में तिनका गिर जाने के कारण वह बेचैन हो
गया और उसकी आँख लाल हो गई व दुखने लगी।
प्रश्न 5. आस-पास के लोगों ने क्या प्रयास किया?
उत्तर–आस-पास के लोगों ने कपड़े की नोक से कवि की आँख में
पड़ा तिनका निकालने का प्रयास करने लगे।
प्रश्न 6. कवि के घमंड को किसने तोड़ा?
उत्तर–कवि के घमंड को एक तिनके ने तोड़ा था, जो उनके
आँख में चला गया था।
प्रश्न 7. तिनके से कवि की क्या हालत हो गई?
उत्तर–एक तिनके ने कवि को
बेचैन कर दिया था। वह तड़प उठा। थोड़ी देर में उसकी आँखें लाल हो गईं और दुखने
लगी। एक तिनके की वजह से कवि की सारी ऐंठ और अहंकार गायब हो गया।
प्रश्न 8. तिनके वाली घटना से कवि को क्या प्रेरणा मिली?
उत्तर–तिनके वाली घटना से कवि
समझ गया कि मनुष्य को कभी घमंड नहीं करना चाहिए। एक तिनके ने हमें बेचैन
कर दिया। और हमारी औकात बता दिया, उन्हें यह बात भी समझ में आ गई कि उन्हें
परेशान करने के लिए एक तिनका ही काफ़ी है। अतः उसे किसी बात पर घमंड नहीं
करना चाहिए।
प्रश्न 9. कवि पर किसने व्यंग्य किया है?
उत्तर–कवि के मन ने कवि पर
व्यंग्य कस्ते हुए कवि से कहा कि कवि किस बात का घमंड कर रहा था जबकि एक छोटे
से तिनके ने ही उसको इतना दुःख दे दिया अर्थात कवि के मन में यह ख़याल
आया कि उन्हें घमंड नहीं करना चाहिए था, उनका घमंड तो एक मामूली
तिनके ने ही चूर कर दिया।
प्रश्न 10. निम्नलिखित शब्दों का अर्थ बताएं–ऐंठ, मुंडेर, मूँठ, ढब, झिझक।
उत्तर –
ऐंठ का अर्थ–गर्व, हठ, अकड़
मुंडेर का अर्थ–छज्जा (छत का निचला हिस्सा)
मूँठ का अर्थ–किसी वस्तु को मुट्ठी भर का आकार देना
ढब का अर्थ–ढंग, कोई कार्य करने की विशेष प्रक्रिया, युक्ति, उपाय, तरीका
झिझक का अर्थ–संकोच, किसी कार्य में लज्जा या भय आदि के कारण होने वाला
संकोच, हिचक
प्रश्न 11. निम्न शब्दों का पर्यायवाची शब्द लिखिए।
आँख, पाँव
उत्तर–पर्यायवाची शब्द निम्नलिखित है –
आँख–नेत्र, नयन, चक्षु, दृग, लोचन, अक्षि, नजर, अक्ष, चश्म।
पाँव–चरण-चिह्न, कदम, पाद, पग, डग, कदम, चरण, पद।
प्रश्न 12.”मैं झिझक उठा, हुआ बेचैन–सा,
लाल होकर आँख भी दुखने
लगी।
मूँठ देने लोग कपड़े की
लगे,
ऐंठ बेचारी दबे पाँवों
भगी।”
उपरोक्त पंक्तियों का अर्थ
बताइए।
उत्तर–उपरोक्त पंक्तियों के द्वारा कवि
अपने आँख में तिनका गिरने के बाद के अपनी स्थिति का
वर्णन किया है। कवि कहते हैं कि आँख में तिनका चले जाने के कारण वे अपने घमंड पर
लज्जित हो गए और चिंतित हो उठे। तिनके के आँख में जाने के कारण उनकी
आँख लाल हो गई थी और उसमें दर्द होने लग गया था। लोग कपड़े को मट्ठी भर का आकार
दे कर उनकी आँख से तिनका निकालने की कोशिश करने लगे। इस दौरान उनका
अहंकार और घमंड उनके मन से बिना कोई आवाज़ किए कहीं दूर भाग गए।
प्रश्न 13. मैं घमंडों में भरा ऐंठा हुआ,
एक दिन जब था मुंडेर पर
खड़ा।
आ अचानक दूर से उड़ता हुआ,
एक तिनका आँख में मेरी
पड़ा।
उपरोक्त पंक्तियों का अर्थ
बताइए।
उत्तर–उपरोक्त पंक्तियों के द्वारा कवि
कहते हैं कि एक दिन जब वे अभिमान से तथा अकड़ से भरे हुए
अपने घर के छत के निचले हिस्से पर खड़े होकर घमंड से चुर होकर सोच रहे थे
कि उनके जीवन में कोई दुख नहीं है। तभी एकदम से हवा से उड़कर एक तिनका
उड़ता हुआ आया और उनकी आँख मे पड़ जाता है और उनका अपने जीवन में किसी दुःख के
न होने का घमंड चूर–चूर हो गया।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
(क) इस कविता से हमें क्या
प्रेरणा मिलती है?
उत्तर-इस
कविता से यह प्रेरणा मिलती है कि मनुष्य को कभी अहंकार नहीं करना चाहिए। एक तिनका कवि के आँख में जाने। के बाद उनका घमंड चूर-चूर हो
गया। अतः अपने उपलब्धि पर अहंकार आ
जाना सही नहीं है। हमें सदैव घमंड करने से बचना चाहिए।
मूल्यपरक प्रश्न
(क) घमंड करने को मनुष्य के
विकास का बाधक समझा जाता है। क्या आपमें घमंड करने की प्रवृत्ति है?
उत्तर-घमंड
या अहंकार मनुष्य के विकास में काफ़ी बाधक है। व्यक्ति को अपने आप पर या धन दौलत पर घमंड नहीं करना चाहिए। एक छोटी-सी वस्तु या छोटा
व्यक्ति भी हमारे घमंड को चुनौती देने की क्षमता
रखता है और मुसीबत में डाल सकता है।
मेरे
सोच में किसी प्रकार की घमंडी बनने की प्रवृत्ति नहीं है। मैं एक सामान्य जीवन व्यतीत करता हूँ।
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