NCERT Solutions for Class 8th Sanskrit Chapter 9- सप्तभगिन्यः Saptbhaginyah Hindi Translation and Question Answer
शब्दार्थ, अनुवाद, पाठ्यपुस्तक के प्रश्न-अभ्यास, योग्यता विस्तार
Class 8 Sanskrit Chapter 8 - सप्तभगिन्यः Summary, Hindi Translation and Question Answer
सप्तभगिन्यः
पाठ का परिचय (Introduction of the
Lesson)
सप्तभगिनी-यह एक उपनाम है।
उत्तर-पूर्व के सात राज्य विशेष को उक्त उपाधि दी गई
है। इन राज्यों का प्राकृतिक सौन्दर्य अत्यन्त विलक्षण है। इनकी सांस्कृतिक
और सामाजिक विशेषता को ध्यान में रखकर यह पाठ लिखा गया है।
शब्दार्थ:
सुप्रभातम्-सुप्रभात।
भवतु-अच्छा (ठीक है)।
पठनीयम्-पढ़ना है।
ज्ञातुम्-जानने के लिए।
इच्छामः-चाहते हैं।
शोभनम्-सुन्दर।
कति-कितने।
चतुर्विंशतिः-चौबीस।
महोदये-हे महोदया!
पञ्चविंशतिः-पच्चीस।
मे-मेरा।
भगिनी-बहन।
अष्टाविंशतिः-अट्ठाईस।
अतिरिच्य-अतिरिक्त।
केन्द्रशासितप्रदेशाः-केन्द्र द्वारा शासित प्रदेश।
सम्यक् (सम्यग् )-ठीक प्रकार से।
भवतु-अच्छा।
अपि जानीथ-क्या जानते हो।
समवायः-समूह।
सप्त-सात।
प्रथितः-प्रसिद्ध।
साश्चर्यम्-आश्चर्य के साथ।
परस्परम्-आपस में।
पश्यन्तः-देखते हुए।
किमर्थम्-किसलिए।
प्रतीकात्मकः-साङ्केतिक।
कदाचित्-सम्भवतः।
परिदृश्यानाम्-वातावरणों के।
साम्याद्-समानता के कारण।
उक्तोपाधिना-कही गई उपाधि से।
प्रथितानि-प्रसिद्ध हैं।
कौतूहलम्-जिज्ञासा (जानने की इच्छा)।
श्रावयतु-सुनाइए।
भगिनीसप्तकं-सात बहनें।
क्षेत्रपरिमाणैः-क्षेत्रफल से।
लघूनि-छोटे।
गुणगौरवदृष्ट्या -गुण एवं गौरव की दृष्टि से।
बृहत्तराणि-बड़े। प्रतीयन्ते-प्रतीत होते हैं।
स्वीये-अपने।
स्वाधीनाः-स्वतन्त्र।
दृष्टाः-देखे गए हैं।
स्वायत्तीकृताः-अपने अधीन किए गए।
भारतभूमौ–भारत के भूमि पर।
महत्त्वाधायिनी-महत्त्व को रखने वाली, महत्त्वपूर्ण।
श्रुतमधुरशब्दः-सुनने में मधुर शब्द।
विगतशताब्दस्य-पिछली शताब्दी के प्रवर्तितः-प्रारम्भ किया गया।
सङ्घटनं-संगठन (गठन)।
विहितम्-विधिपूर्वक किया गया।
वैशिष्ट्यम्-विशेषता।
प्रभृतिभिः-आदि से।
प्राकृतिकसम्पद्भिः-प्राकृतिक सम्पदाओं से।
सुसमृद्धानि-बहुत समृद्ध।
भारतवृक्षे-भारत रूपी वृक्ष में/पर।
पुष्य-स्तबकसदृशानि-पुष्प के गुच्छे के समान।
विराजन्ते-सुशोभित हैं।
भवति!-हे महोदया!
रम्या-रमणीय।
मनोरमा-मन को अच्छी लगने वाली।
परमकल्याणमयी-बहुत अधिक कल्याण युक्त।
अवगच्छन्ति-जानते हैं।
वैशिष्ट्यम्-विशेषता को।
सावहितमनसा-सावधान मन से।
ऊर्जस्विनः-ऊर्जा युक्त।
बहुभाषाभिः-बहुत भाषाओं से।
समन्विताः–युक्त।
पर्वपरम्पराभिः-पर्वो की परम्परा से।
परिपूरिताः-पूर्ण, भरे-पूरे।
स्वलीलाकलाभिः-अपनी क्रिया एवं कलाओं से।
निष्णाताः-कुशल।
वंशवृक्षा:-बाँस के वृक्ष।
प्राप्यन्ते-प्राप्त होते हैं (मिलते हैं)।
हस्तशिल्पानाम्-हाथ से बनी वस्तुओं की।
बाहुल्यम्-बहुतायत।
वंशवृक्षनिर्मितानाम्-बाँस के वृक्षों से बनी हुई।
प्राचुर्यम्-अधिकता।
वंशोद्योगोऽयम्-(वंश+उद्योग:+अयम्) यह बाँस का उद्योग।
अवाप्तोऽस्ति-प्राप्त हो चुका है।
बह्वाकर्षकः-(बहु+आकर्षक:) बहुत सुन्दर।
समीचीनः-उचित (ठीक) है।
अध्यापिका – सुप्रभातम्।
छात्रा:- – सुप्रभातम्। सुप्रभातम्।
अध्यापिका – भवतु। अद्य किं पठनीयम्?
छात्राः – वयं सर्वे स्वदेशस्य राज्यानां विषये ज्ञातुमिच्छामः।
अध्यापिका – शोभनम्। वदत। अस्माकं देशे कति राज्यानि सन्ति?
सायरा– चतुर्विंशतिः महोदये।
सिल्वी– न हि न हि महाभागे, पञ्चविंशति: राज्यानि सन्ति।
अध्यापिका अन्यः कोऽपि?
स्वरा – (मध्ये एव) महोदये! मे भगिनी कथयति यदस्माकं देशे अष्टाविंशति: राज्यानि सन्ति। एतदतिरिच्य नव केन्द्रशासित प्रदेशाः अपि सन्ति।
हिन्दी अनुवाद-
अध्यापिका – सुप्रभात।
सुप्रभात्! सुप्रभात्! छात्रगण
अध्यापिका – अच्छा, आज क्या पढ़ना है?
छात्रगण – हम सब अपने देश के राज्यों के विषय में जानना चाहते हैं।
अध्यापिका – ठीक है। बोलो (बताओ)। हमारे देश में कितने राज्य हैं?
सायरा – चौबीस महोदया।
सिल्वी – नहीं, नहीं महोदया! पच्चीस राज्य हैं।
अध्यापिका – दूसरा कोई अन्य।
स्वरा – (बीच में ही) महोदया! मेरी बहिन कहती है कि हमारे देश में अट्ठाईस राज्य हैं। इसके अलावा नौ केन्द्रशासित प्रदेश भी हैं।
अध्यापिका – सम्यग्जानाति ते भगिनी। भवतु, अपि जानीथ यूयं यदेतेषु राज्येषु सप्तराज्यानाम् एकः समवायोऽस्ति यः सप्तभगिन्यः इति नाम्ना प्रथितोऽस्ति।
सर्वे – (साश्चर्यम् परस्परं पश्यन्तः) सप्तभगिन्यः? सप्तभगिन्यः?
निकोलसः – इमानि राज्यानि सप्तभगिन्यः इति किमर्थं कथ्यन्ते?
अध्यापिका – प्रयोगोऽयं प्रतीकात्मको वर्तते। कदाचित् समाजिक-सांस्कृतिक परिदृश्यानां साम्याद् इमानि उक्तपाता प्रणितानि।
समीक्षा – कौतूहल में न खलु शान्तिं गच्छति श्रावयतु सद्यत् कानि तानि राज्यानि?
हिन्दी अनुवाद –
अध्यापिका – तुम्हारी बहिन अच्छी प्रकार जानती है। ठीक है, क्या तुम जानते हो कि इन राज्यों में सात राज्यों का एक समूह है, जो सात बहिन इस नाम से प्रसिद्ध है?
सभी (आश्चर्यपूर्वक आपस में देखते हुए) सात बहिनें? सात बहिनें?
निकोलस – ये राज्य सात बहिन इस नाम से किस प्रकार कहे जाते हैं?
अध्यापिका – यह प्रयोग सांकेतिक है। हो सकता है कि सामाजिक और सांस्कृतिक परिदृश्यों की समानता के कारण ये उक्त उपाधि (अर्थात् विशेषण) के द्वारा प्रसिद्ध हो गए हों।
समीक्षा – मेरा कौतूहल निश्चय ही शान्त नहीं हो रहा है। अभी सुनाइए कि वे कौन से राज्य हैं?
अध्यापिका – शृणुत्!
अद्वयं मत्रयं चैव न-त्रि-युक्तं तथा द्वयम्। सप्तराज्यसमूहोऽयं भगिनीसप्तकं मतम् ॥ इत्थं भगिनीसप्तके इमानि राज्यानि सन्ति- अरुणाचलप्रदेशः, असम, मणिपुरम, मिजोरम, मेघालय:, नगालैण्डः, त्रिपुरा चेति। यद्यपि क्षेत्रपरिमाणैः इमानि लघूनि वर्तन्ते तथापि गुणगौरवदृष्ट्या बृहत्तराणि प्रतीयन्ते। सर्वे – कथम्? कथम्?
हिन्दी अनुवाद –
अध्यापिका – सुनिए, दो ‘अ’ तीन ‘म’ एक ‘न’ एक ‘त्रि’ से युक्त ये दो (इन संकेताक्षरों का विस्तार आगे देखें) यह सात राज्यों का समूह ‘भगिनीसप्तक’ माना गया है। इस प्रकार ‘भगिनी सप्तक’ में ये राज्य हैं- अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, मिजोरम, मेघालय, नागालैण्ड और त्रिपुरा। यद्यपि क्षेत्रफल की दृष्टि से ये (राज्य) छोटे हैं तथापि गुण और गौरव की दृष्टि से बड़े प्रतीत होते हैं। सभी-कैसे कैसे?
अध्यापिका -इमाः सप्तभगिन्यः स्वीये प्राचीनेतिहासे प्रायः स्वाधीनाः एव दृष्टाः। न केनापि शासकेन इमा: स्वायत्तीकृताः। अनेक-संस्कृति-विशिष्टायां भारतभूमौ एतासां भगिनीनां संस्कृतिः महत्वाधायिनी इति।
तन्वी – अयं शब्दः सर्वप्रथमं कदा प्रयुक्तः?
अध्यापिका – श्रुतमधुरशब्दोऽयं सर्वप्रथमं विगतशताब्दस्य द्विसप्ततितमे वर्षे त्रिपुराराज्योद्घाटनक्रमे केनापि प्रवर्तितः। अस्मिन्नेव काले एतेषां राज्यानां पुनः सङ्घटनं विहितम्।
हिन्दी अनुवाद –
अध्यापिका ये सात बहिनें अपने प्राचीन इतिहास में प्रायः स्वतन्त्र ही देखी गई हैं। किसी भी शासक ने इन्हें अपने अधीन नियन्त्रित नहीं किया। अनेक संस्कृतियों से विशिष्ट भारत भूमि में इन बहिनों की संस्कृति महत्व को रखने वाली है।
तन्वी यह शब्द सबसे पहले (सर्वप्रथम) कब प्रयोग हुआ।
अध्यापिका – सुनने में मधुर लगने वाला यह शब्द सबसे पहले गत शती के बहत्तरवें वर्ष में त्रिपुरा राज्य के उद्घाटन के क्रम में किसी के द्वारा प्रयुक्त किया गया है। इस समय ही इन राज्यों का पुनः संगठन किया गया।
स्वरा– अन्यत् किमपि वैशिष्ट्यमस्ति एतेषाम्?
अध्यापिका – नूनम् अस्ति एवं पर्वत वृक्ष पुष्पप्रभृतिभिः प्राकृतिक सम्पद्धिः सुसमृद्धानि सन्ति इमानि राज्यानि भारतवृक्षे च पुष्प-स्तवकसदृशानि विराजन्ते एतानि।
राजीवः – भवति। गृहे यथा सर्वाधिका रम्या मनोरमा च भगिनी भवति तचैव भारतगृहेऽपि सर्वाधिकाः रम्या इमा सप्तभगिन्यः सन्ति।
हिन्दी अनुवाद –
स्वरा – दूसरी कोई भी विशेषता है इनकी?
अध्यापिका – अवश्य ही है। पर्वत, वृक्ष, पुष्प आदि प्राकृतिक सम्पदाओं से ये राज्य अच्छी प्रकार समृद्ध हैं। भारतरूपी वृक्ष पर ये राज्य फूलों के गुच्छों के समान विराजमान हैं।
राजीव– हाँ, जिस प्रकार घर में बहिन सबसे अधिक रमणीय और सुन्दर होती है, उसी प्रकार भारतरूपी घर में ये सात बहिनें सबसे अधिक रमणीय हैं।
अध्यापिका – मनस्यागता ते इयं भावना परमकल्याण- मयी परं सर्वे न तथा अवगच्छन्ति। अस्तु, अस्ति तावदेतेषां विषये किञ्चिद् वैशिष्ट्यमपि कथनीयम्। सावहितमनसा शृणुत-जनजातिबहुल प्रदेशोऽयम्। गारो खासी नगा-मिजो-प्रभृतयः बहवः जनजातीयाः अत्र निवसन्ति। शरीरेण ऊर्जस्विनः एतत्प्रादेशिका: बहुभाषाभिः समन्विताः, पर्वपरम्पराभिः परिपूरिताः, स्वलीला – कलाभिश्च निष्णाताः सन्ति।
मालती-महोदये! तत्र तु वंशवृक्षा अपि प्राप्यन्ते?
हिन्दी अनुवाद –
अध्यापिका – तुम्हारे मन में आई हुई यह भावना बहुत कल्याण वाली है। परन्तु सभी ऐसा नहीं समझते हैं। ठीक है, इनके विषय में कुछ (और) विशेषता भी कहने योग्य है। सावधान मन से सुनो-यह जनजाति बहुल प्रदेश हैं। गारो, खासी, नगा (आमा), .मिजो आदि अनेक जनजातियाँ यहाँ निवास करती हैं। शरीर से ऊर्जायुक्त, इस प्रदेश के लोग अनेक भाषाओं से युक्त, पर्वों की परम्पराओं से पूर्ण अपनी क्रिया एवं कलाओं में कुशल हैं।
मालती – महोदया, वहाँ तो बाँस के वृक्ष भी पाए जाते हैं।
अध्यापिका -आम्! प्रदेशेऽस्मिन् हस्तशिल्पानां बाहुल्य वर्तते। आवस्त्राभूषणेभ्यः गृहनिर्माणपर्यन्तं प्रायः वंशवृक्षनिर्मितानां वस्तूनाम् उपयोगः क्रियते। यतो हि अत्र वंशवृक्षाणां प्राचुर्यं विद्यते। साम्प्रतं वंशो द्योगो ऽयं अन्ताराष्ट्रियख्यातिम् अवाप्तोऽस्ति।
अभिनवः – भगिनीप्रदेशोऽयं बह्वाकर्षकः इति प्रतीयते।
सलीम :- किं भ्रमणाय भगिनीप्रदेशोऽयं समीचीनः?
सर्वे छात्राः – (उच्चैः) महोदये! आगामिनि अवकाशे वयं तत्रैव गन्तुमिच्छामः।
स्वरा – भवत्यपि अस्माभिः सार्द्धं चलतु। अध्यापिका – रोचते मेऽयं विचारः। एतानि राज्यानि तु भ्रमणार्थ स्वर्गसदृशानि इति।
हिन्दी अनुवाद –
अध्यापिका– हाँ, इस प्रदेश में हस्तकला की अधिकता है। वस्त्रों व आभूषणों से लेकर गृह-निर्माण तक में प्रायः बाँस के वृक्षों से निर्मित वस्तुओं का प्रयोग किया जाता है। क्योंकि यहाँ बाँस के वृक्षों की अधिकता है। अब यह बाँसों का उद्योग अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति को प्राप्त हो गया है।
अभिनव – यह भगिनी प्रदेश बहुत आकर्षक ऐसा प्रतीत होता है।
सलीम – क्या भ्रमण के लिए यह भगिनी प्रदेश उचित है?
सभी छात्र – (जोर से) महोदया! आने वाले अवकाश में हम वहाँ ही जाना चाहते हैं।
अध्यापिका – मुझे यह विचार अच्छा लगता है। ये राज्य भ्रमण के लिए स्वर्ग के समान हैं।
स्वरा – आप भी हमारे साथ चलें।
Class 8 Sanskrit Chapter 9 सप्तभगिन्यः Question Answer
प्रश्न 1. उच्चारणं कुरुत (उच्चारण करो)-
सुप्रभातम्, महत्त्वाधाविनी, पर्वपरम्पराभिः,
चतुर्विंशतिः, द्विसप्ततितमे, वंशवृक्षनिर्मितानाम्,
सप्तभगिन्यः, प्राकृतिक सम्पद्धिः, शोद्योगोऽयम्,
गुणगौरवदृष्ट्या, पुष्यस्तवकसदृशानि अन्तर्राष्ट्रियख्यातिम्।
उत्तरम्:
छात्रः
स्वमेव उच्चारणं करिष्यति। (विद्यार्थी स्वयं उच्चारण करें।)
प्रश्न 2. प्रश्नानाम् उत्तराणि एकपदेन लिखत-(प्रश्नों के
उत्तर एक पद में लिखिए-)
(क) अस्माकं देशे कति
राज्यानि सन्ति?
उत्तर अष्टाविंशति। (अट्ठाईस)।
(ख) प्राचीनेतिहासे का स्वाधीनाः आसन्?
उत्तर सप्तभगिन्यः। (सात बहिनें)
(ग) केषां समवाय: ‘सप्तभगिन्यः’ इति कथ्यते?
उत्तर एतेषां सप्त राज्यानाम्। (सात राज्यों के)
(घ) अस्माकं देशे कति केन्द्रशासित प्रदेशाः सन्ति?
उत्तर नव-केन्द्रशासित प्रदेशाः। (नौ केन्द्र शासित प्रदेश)
(ङ) सप्तभगिनीप्रदेशे क: उद्योग: सर्वप्रमुख:?
उत्तर- वंश (वंश-उद्योग)
प्रश्न 3. पूर्णवाक्येन उत्तराणि लिखत- (पूर्ण वाक्य में उत्तर लिखिए)-
(क) भगिनीसप्तके कानि राज्यानि सन्ति? (बहिन सप्तक में कौन से राज्य हैं? )
उत्तरम् – भगिनी सप्तके अरुणाचलप्रदेश, असम, मणिपुरम, मिजोरम, मेघालय: नगालैण्ड : त्रिपुरा च एतानि राज्यानि सन्ति। (भगिनी सप्तक में अरुणाचलप्रदेश, असम, मणिपुर, मिजोरम, मेघालय, नागालैण्ड और त्रिपुरा ये राज्य हैं।)
(ख) इमानि राज्यानि सप्तभगिन्यः इति किमर्थं कथ्यन्ते? (ये राज्य ‘सात बहिनें’ क्यों कहे जाते हैं? )
उत्तरम् – सामाजिक-सांस्कृतिक परिदृश्यानां साम्याद् इमानि ‘सप्तभगिन्यः’ इति कथ्यन्ते। (सामाजिक, सांस्कृतिक परिदृश्यों की समानता के कारण ये राज्य ‘सात बहिनें’ कहे जाते हैं।)
(ग) सप्त भगिनी-प्रदेशे के निवसन्ति? (सप्त भगिनी प्रदेश में कौन रहते हैं? )
उत्तरम् – सप्त भगिनी- प्रदेशे गारो-खासी नगा- मिजोप्रभृतयः बहवः जनजातीयाः निवसन्ति। (सप्तभगिनी प्रदेश में- गारो, खासी, नागा और मिजो आदि बहुत-सी जनजाति के लोग रहते हैं।)
(घ) एतत्प्रादेशिका: कैः निष्णाताः सन्ति? (इस प्रदेश के निवासी किनमें पारंगत हैं? )
उत्तर एतत्प्रादेशिकाः स्वलीलाकलांभिश्च निष्णाताः सन्ति। (इस प्रदेश के निवासी अपनी लीलाओं और कलाओं में)
(ङ) वंशवृक्षवस्तूनाम् उपयोगः कुत्र क्रयते? (बाँस के वृक्ष की वस्तुओं का उपयोग कहाँ किया जाता है?) पारंगत हैं।)
उत्तरम्-वंशवृक्षवस्तूनाम् उपयोगः सप्तभगिनीप्रदेशेक्रियते। (बाँस वृक्ष की वस्तुओं का उपयोग सप्तभगिनी प्रदेश में किया जाता है।)
प्रश्न 4. रेखाङ्कितपदमाधृत्य प्रश्ननिर्माणं कुरुत- (रेखांकित पदों को आधार बनाकर प्रश्न निर्माण कीजिए) –
(क) वयं स्वदेशस्य राज्यानां विषये ज्ञातुमिच्छामि।
उत्तर वयं कस्य राज्यानां विषये ज्ञातुमिच्छामि?
(ख) सप्तभगिन्यः प्राचीनेतिहासे प्रायः स्वाधीनाः एव दृष्टाः।
उत्तर के: प्राचीनेतिहासे प्रायः स्वाधीनाः एव दृष्टाः?
(ग) प्रदेशेऽस्मिन् हस्तशिल्पानां बाहुल्यं वर्तते?
उत्तर प्रदेशेऽस्मिन् केषां बाहुल्यं वर्तते?
(घ) एतानि राज्यानि तु भ्रमणार्थं स्वर्गसदृशानि।
उत्तरम् – एतानि राज्यानि तु भ्रमणार्थ कीदृशानि?
प्रश्न 5. यञ्चानिर्देशमुत्तरत- (निर्देश के अनुसार उत्तर दीजिए) –
(क) ‘महोदये! मे भगिनी कथयति’ अत्र ‘मे’ इति • सर्वनामपदं कस्यै प्रयुक्तम्? (यहाँ ‘मे’ सर्वनामपद किसके – लिए प्रयुक्त हुआ है?)
उत्तरम् – अत्र ‘मे’ इति सर्वनामपदं “स्वरायै” प्रयुक्तम्। (यहाँ ‘मे’ सर्वनामपद स्वरा के लिए प्रयुक्त हुआ है।)
(ख) सामाजिक- सांस्कृतिकपरिदृश्यानां साम्याद् इमानि उक्तोपाधिना प्रथितानि – अस्मिन् वाक्ये प्रथितानि इति क्रियापदस्य कर्तृपदं किम्? (इस वाक्य में ‘प्रथितानि’ इस क्रियापद का कर्तापद क्या है?)
उत्तरम् – अत्र ‘प्रथितानि’ इत्यस्य कर्तृपदं भगिनी-सप्तकराज्यानि अस्ति। (यहाँ प्रथितानि इसका क्रियापद भगिनी-सप्तक राज्य हैं?)
(ग) एतेषां राज्यानां पुनः सङ्घटनम् विहितम् – अत्र ‘सङ्घटनम्’ इति कर्तृपदस्य क्रियापदं किम्? (यहाँ ‘संघटनम्’ कर्तृपद का क्रियापद क्या है?)
उत्तरम् – अत्र ‘विहितम्’ इति क्रियापदम्। (यहाँ ‘विहितम्’ यह क्रियापद है।)
(घ) अत्र वंशवृक्षाणां प्राचुर्यम् विद्यते – अस्मात् वाक्यात् ‘अल्पता’ इति पदस्य विपरीतार्थकं पदं चित्वा लिखत? (इस वाक्य से ‘अल्पता’ इस पद का विलोमार्थक पद चुनकर लिखिए-)
उत्तरम् – अत्र ‘प्राचुर्यम्’ इति विलोमार्थकपदम्। (यहाँ ‘प्राचुर्यम्’ यह विलोमार्थक पद है।)
(ङ) ‘क्षेत्रपरिमाणैः इमानि लघूनि वर्तन्ते’ – वाक्यात् ‘सन्ति’ इति क्रियापदस्य समानार्थकपदं चित्वा लिखत? (वाक्य से ‘सन्ति’ इस क्रिया पद का समानार्थक पद चुनकर लिखिए।)
उत्तरम् – अत्र ‘वर्तन्ते’ इति समानार्थक पदम् अस्ति। (यहाँ ‘वर्तन्ते’ यह समानार्थक पद है।)
प्रश्न6. (अ) पाठात् चित्वा तद्भवपदानां कृते संस्कृतपदानि लिखत- (पाठ से चयन करके तद्भव पदों के लिए संस्कृत पद लिखो)
तद्भव संस्कृत पदानि
बहिन भगिनी
संगठन सड़्घटनम्
बांस वंश:
आज अद्य
खेत क्षेत्रम्
प्रश्न 6. (आ) भिन्नप्रकृतिकं पदं चिनुत- ( भिन्न प्रकृति वाले शब्द को चुनिए- )
(क) गच्छति, पठति, धावति, अहसत्, क्रीडति।
(ख) छात्रः, सेवकः, शिक्षकः, लेखिका, क्रीडकः।
(ग) पत्रम्, मित्रम्, पुष्पम्, आम्रः, फलम्।
(घ) व्याघ्रः, भल्लूकः, गजः, कपोतः, वृषभः, सिंहः।
(ङ) पृथिवी, वसुन्धरा, धरित्री, यानम्, वसुधा।
उत्तरम् – (क) अहसत्, (ख) लेखिका, (ग) आम्र:, (घ) कपोतः, (ङ) यानम्।
प्रश्न 7. विशेष्य-विशेषणानाम् उचितं मेलनम् कुरुत- (विशेष्य और विशेषणों का उचित मेल करो)-
विशेष्य-पदानि विशेषण-पदानि
अयम् प्रदेश:
संस्कृतिविशिष्टायाम् भारतभूमौ
महत्त्वाधायिनी संस्कृति:
प्राचीने इतिहासे
एक: समवायः
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