NCERT Solutions for Class 9 Hindi Sparsh Chapter 8 शक्र तारे के समान
पाठ्यपुस्तक के प्रश्न-अभ्यास
मौखिक
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-दो
पंक्तियों में दीजिए-
प्रश्न
1.
महादेव भाई अपना परिचय किस रूप में देते
थे?
उत्तर-
महादेव भाई अपना परिचय गाँधी जी के ‘पीर-बावर्ची-भिश्ती-खर’ के
रूप में देते थे।
प्रश्न
2.
‘यंग इंडिया’ साप्ताहिक में लेखों
की कमी क्यों रहने लगी थी?
उत्तर-
अंग्रेजी संपादक हार्नीमैन ‘यंग
इंडिया’ के
लिए लिखते थे, जिन्हें
देश निकाले
की सजा देकर इंग्लैंड भेज दिया था। इस कारण ‘यंग इंडिया’ साप्ताहिक में लेखों की कमी
रहने लगी।
प्रश्न
3.
गांधी जी ने ‘यंग इंडिया’ प्रकाशित
करने के विषय में क्या निश्चय किया?
उत्तर-
गाँधी जी ने ‘यंग इंडिया’ को
सप्ताह में दो बार प्रकाशित करने का निश्चय किया।
प्रश्न
4.
गांधी जी से मिलने से पहले महादेव भाई
कहाँ नौकरी करते थे?
उत्तर-
गांधी जी से मिलने से पहले महादेव भाई
भारत सरकार के अनुवाद विभाग में नौकरी करते थे।
प्रश्न
5.
महादेव भाई के झोलों में क्या भरा रहता
था?
उत्तर-
महादेव भाई के झोलों में ताजी राजनीतिक
घटनाओं, जानकारियों, चर्चाओं
से संबंधित पुस्तकें, समाचार पत्र,
मासिक पत्र आदि भरे रहते थे।
प्रश्न
6.
महादेव भाई ने गांधी जी की कौन-सी
प्रसिद्ध पुस्तक का अनुवाद किया था?
उत्तर-
महादेव भाई ने गांधी जी की आत्मकथा ‘सत्य
के प्रयोग’ का
अंग्रेजी अनुवाद किया।
प्रश्न
7.
अहमदाबाद से कौन-से दो साप्ताहिक निकलते
थे?
उत्तर-
अहमदाबाद से निकलने वाले साप्ताहिक पत्र
थे-‘यंग
इंडिया’ तथा
‘नव
जीवन’।
प्रश्न
8.
महादेव भाई दिन में कितनी देर काम करते
थे?
उत्तर-
महादेव भाई लगातार चलने वाली यात्राओं, मुलाकातों, चर्चाओं
और बातीचत में अपना
समय बिताते थे। इस प्रकार वे 18-20
घंटे तक काम करते थे।
प्रश्न
9.
महादेव भाई से गांधी जी की निकटता किस
वाक्य से सिद्ध होती है?
उत्तर-
महादेव भाई से गाँधी जी की निकटता इस
बात से सिद्ध होती है कि वे बाद के सालों में प्यारेलाल को बुलाते हुए ‘महादेव’ पुकार
बैठते थे।
लिखित
(क) निम्नलिखित प्रश्नों
के उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए-
प्रश्न
1.
गांधी जी ने महादेव को अपना वारिस कब
कहा था?
उत्तर-
महादेव भाई 1917 में गांधी के पास
पहुँचे। गांधी जी ने उनको पहचानकर उन्हें
उत्तराधिकारी का पद सौंपा था। 1919 में
जलियाँबाग कांड के समय जब गांधी जी
पंजाब जा रहे थे तब उन्हें गिरफ्तार कर
लिया। उन्होंने उसी समय महादेव
भाई। को अपना वारिस कहा था।
प्रश्न
2.
गांधी जी से मिलने आनेवालों के लिए
महादेव भाई क्या करते थे?
उत्तर-
महादेव भाई पहले उनकी समस्याओं को सुनते
थे। उनकी संक्षिप्त टिप्पणी तैयार
करके गाँधी जी के सामने पेश । करते थे
तथा उनसे लोगों की मुलाकात करवाते
थे।
प्रश्न
3.
महादेव भाई की साहित्यिक देन क्या है?
उत्तर-
महादेव भाई ने गांधी जी की गतिविधियों
पर टीका-टिप्पणी के अलावा ‘सत्य के
प्रयोग’ का अंग्रेजी अनुवाद
किया। इसके अलावा ‘चित्रांगदा’,
‘विदाई का अभिशाप’, ‘शरद
बाबू की कहानियाँ’ आदि का अनुवाद उनकी साहित्यिक देन है।
प्रश्न
4.
महादेव, भाई की अकाल मृत्यु
को कारण क्या था?
उत्तर-
महादेव भाई की अकाल मृत्यु को कारण उनकी
व्यस्तता तथा विवशता थी। सुबह से
शाम तक काम करना और गरमी की ऋतु में
ग्यारह मील पैदल चलना ही उनकी मौत का
कारण बने।
प्रश्न
5.
महादेव भाई के लिखे नोट के विषय में
गांधी जी क्या कहते थे?
उत्तर-
महादेव भाई के द्वारा लिखित नोट बहुत ही
सुंदर और इतने शुद्ध होते थे कि
उनमें कॉमी और मात्रा की भूल और छोटी
गलती भी नहीं होती थी। गांधी जी
दूसरों से कहते कि अपने नोट महादेव भाई
के लिखे नोट से ज़रूर मिला लेना।
(ख) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए-
प्रश्न
1.
पंजाब में फ़ौजी शासन ने क्या कहर
बरसाया?
उत्तर-
पंजाब में फ़ौजी शासन ने काफी आतंक
मचाया। पंजाब के अधिकतर नेताओं को
गिरफ्तार किया गया। उन्हें उम्र कैद की
सज़ा देकर काला पानी भेज दिया गया।
1919 में जलियाँवाला बाग में सैकड़ों निर्दोष
लोगों को गोलियों से भून दिया
गया। ‘ट्रिब्यून’ के
संपादक श्री कालीनाथ राय को 10
साल की जेल की सज़ा दी गई।
प्रश्न
2.
महादेव जी के किन गुणों ने उन्हें सबका
लाडला बना दिया था?
उत्तर-
महादेव भाई गांधी जी के लिए पुत्र के
समान थे। वे गांधी का हर काम करने में
रुचि लेते थे। गांधी जी के साथ देश
भ्रमण तथा विभिन्न गतिविधियों में
हिस्सा लेते थे। वे गांधी जी की
गतिविधियों पर टिप्पणी करते थे। महादेव जी
की लिखावट बहुत सुंदर, स्पष्ट
थी। वे इतना शुद्ध लिखते थे कि उसमें मात्रा और कॉमा की भी अशुधि
नहीं होती थी। वे पत्रों का जवाब जितनी शिष्टता से देते थे, उतनी
ही विनम्रता से लोगों से मिलते थे। वे विरोधियों के साथ भी उदार व्यवहार करते
थे। उनके इन्हीं गुणों ने उन्हें सभी का लाडला बना दिया।
प्रश्न
3.
महादेव जी की लिखावट की क्या विशेषताएँ
थीं?
उत्तर-
पूर्णत: शुद्ध और सुंदर लेख लिखने में
महादेव भाई का भारत भर में कोई सानी
नहीं था। वे तेज़ गति से लंबी लिखाई कर
सकते थे। उनकी लिखावट में कोई भी
गलती नहीं होती थी। लोग टाइप करके लाई ‘रचनाओं
को महादेव की रचनाओं से मिलाकर देखते थे। उनके लिखे लेख, टिप्पणियाँ, पत्र
और गाँधीजी के व्याख्यान सबके सब ज्यों-के-ज्यों प्रकाशित । होते थे।
(ग) निम्नलिखित का आशय स्पष्ट कीजिए-
प्रश्न
1.
‘अपना परिचय उनके ‘पीर-बावर्ची-भिश्ती-खर’ के
रूप में देने में वे गौरवान्वित महसूस करते थे।’
उत्तर-
आशय-महादेव भाई गांधी जी के निजी सचिव
और निकटतम सहयोगी थे। इसके बाद भी
उन्हें अभिमान छू तक न गया था। वे गांधी
जी के प्रत्येक काम को करने के लिए
तैयार रहते थे। वे गांधी जी की प्रत्येक
गतिविधि, उनके
भोजन और दैनिक कार्यों
में सदैव साथ देते थे। वे स्वयं को गांधी का सलाहकार, उनका रसोइया, मसक
से पानी ढोने वाला तथा बिना विरोध के गधे के समान काम करने वाला मानते थे।
प्रश्न
2.
इस पेशे में आमतौर पर स्याह को सफेद और
सफ़द को स्याह करना होता था।
उत्तर-
महादेव ने गाँधी जी के सान्निध्य में
आने से पहले वकालत का काम किया था। इस
काम में वकीलों को अपना केस जीतने के
लिए सच को झूठ और झूठे को सच बताना
पड़ता है। इसलिए कहा गया है कि इस पेशे
में स्याह को सफ़ेद और सफ़ेद को
स्याह करना होता था।
प्रश्न
3.
देश और दुनिया को मुग्ध करके शुक्रतारे
की तरह ही अचानक अस्त हो गए।
उत्तर
आशय- नक्षत्र मंडल में करोड़ों तारों के
मध्य शुक्रतारा अपनी आभा-प्रभा से
सभी का ध्यान अपनी ओर खींच लेता है, भले
ही उसका चमक अल्पकाल के लिए हो।
यही हाल महादेव भाई देसाई का था।
उन्होंने अपने मिलनसार स्वभाव,
मृदुभाषिता, अहंकार रहित विनम्र
स्वभाव, शुद्ध
एवं सुंदर लिखावट तथा लेखक
की मनोहारी शैली से सभी का दिल जीत लिया
था। अपनी असमय मृत्यु के कारण वे
कार्य-व्यवहार से अपनी चमक बिखेर कर
अस्त हो गए।
प्रश्न
4.
उन पत्रों को देख-देखकर दिल्ली और शिमला
में बैठे वाइसराय लंबी साँस-उसाँस लेते रहते थे।
उत्तर-
महादेव इतनी शुद्ध और सुंदर भाषा में
पत्र लिखते थे कि देखने वालों के मुँह
से वाह निकल जाती थी। गाँधी जी के
पत्रों का लेखन महादेव करते थे। वे पत्र
जब दिल्ली व शिमला में बैठे वाइसराय के
पास जाते थे तो वे उनकी सुंदर
लिखावट देखकर दंग रह जाते थे।
भाषा-अध्ययन
प्रश्न
1.
‘इक’ प्रत्यय लगाकर शब्दों
का निर्माण कीजिए-
1. सप्ताह – साप्ताहिक
2. अर्थ – ………..
3. साहित्य – ………..
4. धर्म – ………..
5. व्यक्ति – ………….
6. मास – ……….
7. राजनीति – …………
8. वर्ष – ……….
उत्तर-
1. सप्ताह – साप्ताहिक
2. अर्थ – आर्थिक
3. साहित्य – साहित्यिक
4. धर्म – धार्मिक
5. व्यक्ति – वैयक्तिक
6. मास – मासिक
7. राजनीति – राजनैतिक
8. वर्ष – वार्षिक
प्रश्न
2.
नीचे दिए गए उपसर्गों का उपयुक्त प्रयोग
करते हुए शब्द बनाइए-
अ, नि, अन, दुर, वि, कु, पर, सु, अधि
उत्तर-
- आर्य – अन + आर्य = अनार्य
- आगत – सु + आगत = स्वागत
- डर – नि + डर = निडर
- आकर्षक – अन + आकर्षक = अनाकर्षक
- क्रय – वि + क्रय = विक्रय
- मार्ग – कु + मार्ग = कुमार्ग
- उपस्थित – अन + उपस्थित = अनुपस्थित
- लोक – पर + लोक = परलोक
- नायक – वि + नायक = विनायक
- भाग्य – दुर + भाग्य = दुर्भाग्य
प्रश्न
3.
निम्नलिखित मुहावरों को अपने वाक्यों
में प्रयोग कीजिए-
आड़े हाथों लेना, दाँतों
तले अंगुली दबाना, लोहे के चने चबाना,
अस्त हो जाना, मंत्रमुग्ध करना।
उत्तर-
मुहावरे – वाक्य प्रयोग
आड़े हाथों लेना – देर
से घर आने पर पिता ने पुत्र को आड़े हाथों लिया।
दाँतों तले अँगुली दबाना – लक्षमीबाई
का रण कौशल देख अंग्रेज़ों ने दाँतों तले अँगुली दबा ली।
लोहे के चने चबाना – इस
रेगिस्तान को हरा-भरा बनाना लोहे के चने चबाने जैसा है।
अस्त हो जाना – अपनी प्रतिभा की चमक
दिखाकर महादेव भाई असमय अस्त हो गए।
मंत्रमुग्ध करना – सुमन
के बुने स्वेटर की बुनाई मुझे मंत्रमुग्ध कर रही है।
प्रश्न
4.
निम्नलिखित शब्दों के पर्याय लिखिए-
1. वारिस – ………..
2. जिगरी – ………………
3. कहर – ……………..
4. मुकाम – ………….
5. रूबरू – ………….
6. फ़र्क – …………
7. तालीम – …………….
8. गिरफ्तार – ……………..
उत्तर
1. वारिस – उत्तराधिकारी
2. जिगरी – घनिष्ठ, पक्का
3. कहर – घोर मुसीबत
4. मुकाम – लक्ष्य, मंजिल
5. रूबरू – आमने-सामने
6. फ़र्क – अंतर
7. तालीम – शिक्षा
8. गिरफ्तार – कैद, बंदी
प्रश्न
5.
उदाहरण के अनुसार वाक्य बदलिए-
उदाहरण : गांधी जी ने महादेव भाई को
अपना वारिस कहा था।
गांधी जी महादेव भाई को अपना वारिस कहा
करते थे।
1. महादेव भाई अपना परिचय ‘पीर-बावर्ची-भिश्ती-खर’ के रूप में देते थे।
2. पीड़ितों के दल-के-दल गामदेवी के मणिभवन पर उमड़ते रहते थे।
3. दोनों साप्ताहिक अहमदाबाद से निकलते थे।
4. देश-विदेश के समाचार-पत्र गांधी जी की गतिविधियों पर टीका-टिप्पणी करते थे।
5. गांधी जी के पत्र हमेशा महादेव की लिखावट में जाते थे।
उत्तर-
1. महादेव भाई अपना परिचय पीर-बावर्ची-भिश्ती-खर’ के रूप में दिया करते थे।
2. पीड़ितों के दल-के-दल गामदेवी के भवन पर उमड़ा करते थे।
3. दोनों साप्ताहिक अहमदाबाद से निकला करते थे।
4. देश-विदेश के समाचार-पत्र गांधी जी की गतिविधियों पर टीका-टिप्पणी किया करते थे।
5. गांधी जी के पत्र हमेशा महादेव की लिखावट में जाया करते थे।
योग्यता-विस्तार
प्रश्न
1.
गांधी जी की आत्मकथा ‘सत्य
के प्रयोग’ को
पुस्तकालय से लेकर पढ़िए।
उत्तर-
विद्यार्थी स्वयं करें।
प्रश्न
2.
जलियाँवाला बाग में कौन-सी घटना हुई थी? जानकारी
एकत्रित कीजिए।
उत्तर-
देश को स्वतंत्रता दिलाने के प्रयास में
जलियाँवाला बाग में एक आम सभा
आयोजित की गई थी। इसमें हजारों लोग
शामिल हुए। इस सभा में बच्चे,
बूढ़े, नवयुवक, स्त्री-पुरुष
ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। लोग शांतिपूर्वक सभा कर रहे थे, तभी
जनरल डायर ने उपस्थित जनसमूह पर गोली चलाने का निर्देश दे दिया। इस नरसंहार में
हजारों लोग मारे गए। इस दिन को भारतीय स्वतंत्रता के इतिहास में काले दिन
के रूप में जाना जाता है। इससे देश में अंग्रेजों के प्रति घृणा तथा
स्वतंत्रता प्राप्ति की ललक और प्रगाढ़ हो उठी।
प्रश्न
3.
अहमदाबाद में बापू के आश्रम के विषय में
चित्रात्मक जानकारी एकत्र कीजिए।
उत्तर-
छात्र स्वयं करें।
प्रश्न
4.
सूर्योदय के 2-3 घंटे पहले पूर्व दिशा
में या सूर्यास्त के 2-3 घंटे बाद
पश्चिम दिशा में एक खूब चमकाता हुआ ग्रह
दिखाई देता है, वह
शुक्र ग्रह है। छोटी
दूरबीन से इसकी बदलती हुई कलाएँ देखी जा सकती हैं, जैसे चंद्रमा की कलाएँ।
उत्तर-
छात्र शुक्र ग्रह को देखकर इसकी कलाएँ
स्वयं देखें।
प्रश्न
5.
वीराने में जहाँ बत्तियाँ न हों वहाँ
अँधेरी रात में जब आकाश में चाँद भी
दिखाई न दे रहा हो तब शुक्र ग्रह (जिसे
हम शुक्र तारा भी कहते हैं) के
प्रकाश से अपने साए को चलते हुए देखा जा
सकता है। कभी अवसर मिले तो इसे
स्वयं अनुभव करके देखिए।
उत्तर-
छात्र स्वयं ऐसा अनूठा अनुभव करें।
परियोजना कार्य
प्रश्न
1.
सूर्यमंडल में नौ ग्रह हैं। शुक्र सूर्य
से क्रमशः दूरी के अनुसार दूसरा
ग्रह है और पृथ्वी तीसरा। चित्र सहित
परियोजना पुस्तिका में अन्य ग्रहों के
क्रम लिखिए।
उत्तर-
छात्र स्वयं करें।
प्रश्न
2.
‘स्वतंत्रता आंदोलन में गांधी जी का
योगदान’ विषय
पर कक्षा में परिचर्चा आयोजित कीजिए।
उत्तर-
छात्र उक्त विषय पर स्वयं परिचर्चा का
आयोजन करें।
प्रश्न
3.
भारत के मानचित्र पर निम्न स्थानों को
दर्शाएँ-
अहमदाबाद, जलियाँवाला बाग
(अमृतसर), कालापानी
(अंडमान), दिल्ली, शिमला, बिहार, उत्तर
प्रदेश।
उत्तर
अन्य पाठेतर हल प्रश्न
लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर
प्रश्न
1.
महादेव भाई अपना परिचय ‘पीर-बावर्ची-भिश्ती-खर’ के
रूप में देते थे।
उत्तर-
महादेव भाई अपना परिचय ‘पीर-बावर्ची-भिश्ती-खर’ के
रूप में दिया करते थे।
प्रश्न
2.
पीड़ितों के दल-के-दल गामदेवी के मणिभवन
पर उमड़ते रहते थे।
उत्तर-
पीड़ितों के दल-के-दल गामदेवी की भवन पर
उमड़ा करते थे।
प्रश्न
3.
दोनों साप्ताहिक अहमदाबाद से निकलते थे।
उत्तर-
दोनों साप्ताहिक अहमदाबाद से निकला करते
थे।
प्रश्न
4.
देश-विदेश के समाचार-पत्र गांधी जी की
गतिविधियों पर टीका-टिप्पणी करते थे।
उत्तर-
देश-विदेश के समाचार-पत्र गांधी जी की
गतिविधियों पर टीका-टिप्पणी किया करते थे।
प्रश्न
5.
गांधी जी के पत्र हमेशा महादेव की
लिखावट में जाते थे।
उत्तर-
गांधी जी के पत्र हमेशा महादेव की
लिखावट में जाया करते थे।
प्रश्न
6.
मणिभवन पर लोग क्यों आया करते थे?
उत्तर-
अंग्रेजों के जुल्म और अत्याचार के बारे
में बताने वाले पीड़ित लोग गामदेवी
के मणिभवन पर आते थे और महादेव जी के
माध्यम से गांधी जी को अपनी व्यथा
बताते थे।
प्रश्न
7.
हार्नीमैन कौन थे? उन्हें
क्या सज़ा मिली?
उत्तर-
हार्नीमैन ‘क्रानिकल’ नामक
साप्ताहिक समाचार पत्र के निडर अंग्रेज़ संपादक थे। अंग्रेज़ सरकार
ने उनके लेखन से रुष्ट होकर देश निकाले की सज़ा देकर इंग्लैंड भेज दिया।
प्रश्न
8.
समय का अभाव होने पर भी महादेव भाई ने
किस प्रकार साहित्यिक योगदान दिया?
उत्तर-
महादेवभाई के भाई के पास समय का नितांत
अभाव रहता था फिर भी उन्होंने
‘चित्रांगदा’, कच देवयानी की कथा पर
टैगोर द्वारा रचित ‘विदाई का अभिशाप’
शीर्षक नाटिका, ‘शरदबाबू की कहानियाँ’ आदि
का अनुवाद करके अपना साहित्यिक
योगदान दिया।
प्रश्न
9.
नरहरिभाई कौन थे?
उत्तर-
नरहरिभाई महादेव जी के जिगरी दोस्त थे।
दोनों ने एक साथ वकालत की पढ़ाई की और साथ-साथ अहमदाबाद में वकालत भी शुरू की।
प्रश्न
10.
महादेव जी की अकाल मृत्यु का प्रमुख
कारण क्या था?
उत्तर-
महादेव जी की अकाल मृत्यु का कारण
था-मगनवाड़ी से वर्धा की असह्य गरमी में
पैदल चलकर सेवाग्राम पहुँचना और वहाँ
काम करना। आते-जाते उन्हें ग्यारह मील
की दूरी तय करनी होती थी। उन्हें लंबे
समय तक वहाँ आना-जाना पड़ा था।
प्रश्न
11.
महादेव भाई स्वयं को गांधी जी का ‘पीर-बावर्ची-भिश्ती-खर’ क्यों
कहते थे?
उत्तर-
महादेव भाई गांधी जी के निजी सचिव थे।
वे गांधी जी के साथ रहकर उनके भोजन
का ध्यान रखते थे तथा गांधी जी के काम
को करते हुए उनकी राजनैतिक
गतिविधियों का विवरण समाचार-पत्रों को
भेजते थे। इसलिए वे स्वयं को ‘पीर बावर्ची-भिश्ती-खर’
कहते थे।
प्रश्न
12.
गांधी जी ने महादेव भाई को अपने
उत्तराधिकारी का पद कब सौंपा?
उत्तर-
महादेव भाई जब 1917 में गांधी जी के पास
आए तभी गांधी जी ने उनकी अद्भुत
प्रतिभा को पहचान लिया और उन्हें अपने
उत्तराधिकारी का पद सौंप दिया।
प्रश्न
13.
गांधी जी से पहले ‘यंग
इंडिया’ का
संपादन कौन करते थे?
उत्तर-
‘यंग इंडिया’ का संपादन जब गांधी
जी के हाथ आया, उससे
पहले मुंबई (बंबई) में
तीन नेता थे-शंकर लाल बैंकर,
उम्मर सोबानी और जमनादास द्वारकादास, ये तीनों लोग ‘यंग
इंडिया’ का
संपादन करते थे।
प्रश्न
14.
गांधी जी के पास किनके-किनके पत्र आते
थे?
उत्तर-
गांधी जी के पास सभी प्रांतों के उग्र
और उदार देश भक्तों, क्रांतिकारियों,
देश-विदेश के सुप्रसिद्ध जाने-माने
लोगों, संवाददाताओं
आदि के पत्र आते थे, जिनकी
चर्चा गांधी जी ‘यंग इंडिया’
के कालमों में करते थे।
प्रश्न
15.
महादेव की लिखावट के बारे में सिविलियन
और गवर्नर की क्या राय थी?
उत्तर-
महादेव भाई की सुंदर और त्रुटिहीन
लिखावट देख बड़े-बड़े सिविलियन और गवर्नर
की राय यह थी कि सारी ब्रिटिश सर्विसों
में महादेव के समान अक्षर लिखने
वाला खोजने पर भी नहीं मिलता।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर
प्रश्न
1.
लेखक ने महादेव के स्वभाव की तुलना
किससे की है और क्यों?
उत्तर-
लेखक ने महादेव के स्वभाव की तुलना
उत्तर प्रदेश और बिहार में हजारों मील
तक दूर-दूर गंगा-यमुना के समतल मैदानों
से की है क्योंकि जिस प्रकार इन
मैदानों में चलने से ठेस नहीं लगती, उसी
प्रकार महादेव से मिलने वाले को
प्रेम और अपनत्व की अनुभूति होती थी।
महादेव के साथ हुई मुलाकात में लोगों
को सहृदयता, विनम्रता होती थी।
जैसे गंगा के मैदानी भागों में ‘कंकरी’
तक नहीं मिलती थी। उसी
प्रकार महादेव के स्वभाव से किसी को ठेस नहीं पहुँचती थी।
प्रश्न
2.
गांधी जी यंग इंडिया के संपादक किस
प्रकार बने?
उत्तर-
शंकर लाल बैंकर, उम्मर सोबानी और
जमनादास द्वारकादास-ये तीनों नेता मिलकर
‘यंग इंडिया’ नामक साप्ताहिक पत्र
निकालते थे। इस अंग्रेजी साप्ताहिक में
लेखन का मुख्य कार्य हार्नीमैन करते थे, जिन्हें
काले पानी की सजा देकर इंग्लैंड भेजा जा चुका था। साप्ताहिक के लिए लेख की कमी होने
पर ये नेता गांधी
जी के पास आए और उनसे ‘यंग इंडिया’
का संपादक बनने का अनुरोध किया। गांधी जी उनका अनुरोध
कर ‘यंग
इंडिया’ के
संपादक बन गए।
प्रश्न
3.
काम में रात और दिन के बीच महादेव के
लिए शायद ही कोई फर्क रहा हो-कथन के आलोक में उनकी व्यस्त जीवन शैली पर प्रकाश
डालिए।
उत्तर-
महादेव भाई समाचार-पत्र, मासिक-पत्र
और पुस्तकें पढ़ते तथा ‘यंग इंडिया’
और ‘नवजीवन’ के
लिए लेख लिखते। वे गांधी जी के साथ लगातार चलने वाली यात्राएँ करते। वे हर स्टेशन
पर उपस्थित जनता का विशाल समुदाय,
जगह-जगह आयोजित सभाएँ, लोगों
से मुलाकातें, बैठकें
और बातचीत करते। इनके बीच वे अपने लिए
भी मुश्किल से समय निकाल पाते। इस
प्रकार काम में उनके लिए दिन-रात बराबर
था।
महादेव भाई के चरित्र से आप कौन-कौन से मूल्य अपनाना चाहेंगे?
उत्तर-
महादेव भाई के चरित्र में एक नहीं बहुत से मानवीय मूल्यों का संगम था जो उन्हें दूसरों से अलग तथा जन-जन के बीच लोकप्रिय बनाए हुए था। उनके चरित्र से समय का नियोजन कर हर काम समय पर करने का गुण, अपने स्वभाव में नम्रता-विनम्रता, सहनशीलता, उदारता जैसे मानवीय मूल्यों को अपनाना चाहूँगा। इसके अलावा देश-प्रेम की भावना तथा सेवा भावना जैसे मूल्य भी अपनाना चाहूँगा।
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